शामली मुठभेड़ में हरियाणा पुलिस के पूर्व SI का बेटा भी था शामिल; लूट-चोरी समेत कई केस थे दर्ज
उत्तर प्रदेश के शामली (Shamli Encounter) में एसटीएफ और बदमाशों के बीच मुठभेड़ में मुस्तफा उर्फ कग्गा गिरोह के सरगना अरशद समेत चार बदमाश मारे गए। उत्तर प्रदेश के शामली में हुए इस मुठभेड़ में मारे गए चार बदमाशों में से तीन हरियाणा के रहने वाले थे। करनाल के बदमाश सतीश के पिता तो हरियाणा पुलिस में एसआई के पर रह चुके हैं।
जागरण संवाददाता, करनाल। Shamli Encounter: उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने मुस्तफा उर्फ कग्गा गिरोह के सरगना एक लाख रुपये के इनामी अरशद समेत चार बदमाशों को मुठभेड़ में मार गिराया। इनमें तीन बदमाश हरियाणा के थे।
पिछले साल 29 नवंबर को सहारनपुर में भारत फाइनेंस कंपनी से 1.90 लाख रुपये की डकैती के बाद पुलिस और एसटीएफ अरशद और उसके साथियों की तलाश कर रही थी। मुठभेड़ में टीम का नेतृत्व कर रहे इंस्पेक्टर सुनील कुमार के पेट में तीन गोलियां लगी हैं। उन्हें गुरुग्राम स्थित मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
32 राउंड हुई थी फायरिंग
बता दें कि मुठभेड़ में दोनों तरफ से करीब 32 राउंड फायरिंग की गई। मौके पर 25 खोखे बरामद हुए हैं। एसटीएफ ने बदमाशों की एक कार्बाइन 30 बोर, एक पिस्टल 30 बोर, एक पिस्टल 32 बोर, तीन तमंचे 315 बोर, 74 कारतूस और एक ब्रेजा कार बरामद की है।
जिस गाड़ी में बदमाश थे, उसमें हथियारों के अलावा डंडे भी रखे थे। इसके अलावा पांच पानी की भरी हुई बोतल और एक बैग भी मिला है। गाड़ी में आगे बाबा बालाजी की तस्वीर तो पीछे शीशे पर हारे का सहारा लिखा हुआ था।
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बीते वर्ष जून में सहारनपुर जेल से छूटने के बाद अरशद ने कई वारदात की थी। हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के विभिन्न थानों में अरशद पर 21, मंजीत पर पांच, सतीश पर चार और मनवीर पर पॉक्सो समेत चार मुकदमे दर्ज हैं। एसटीएफ के एएसपी बृजेश सिंह ने बताया कि इंस्पेक्टर सुनील कुमार के नेतृत्व में टीम शामली के बिडौली-चौसाना मार्ग पर रात करीब 11 बजे मुठभेड़ हुई। बदमाश सफेद रंग की ब्रेजा में सवार थे।
करनाल के सतीश पर लूट-चोरी समेत कई केस दर्ज
शामली में मुठभेड़ में मारे गए चार बदमाशों में एक करनाल का सतीश भी शामिल है। उसके पिता हरियाणा पुलिस में एसआई के पद पर कार्यरत थे। पिता और पत्नी का निधन हो चुका है। वह अपनी माता और दो बेटी के साथ मधुबन की अशोक विहार कालोनी में रहता था। बदमाश पर लूट-चोरी और अवैध हथियार के मामले दर्ज थे।
हरियाणा पुलिस में एसआई थे सतीश के पिता
सतीश कुमार मूलरूप से सोनीपत का रहने वाला था। परिवार मधुबन की अशोका विहार कालोनी में रहता है। सतीश के पिता राजसिंह हरियाणा पुलिस में एसआई के पद से सेवानिवृत्त हुए थे। वह मधुबन में ही तैनात थे।
सतीश ही चला रहा था गाड़ी
मुठभेड़ के दौरान मारे गए बदमाश सतीश के भाई बंटी ने बताया कि सतीश की किससे दोस्ती थी, इस संबंध में उनको कुछ नहीं पता था। सतीश ने अपराध की दुनिया में साल 2002 में ही कदम रख दिया था। हालांकि, 10 सालों तक उसने कोई अपराध नहीं किया। साल 2012, 2013 में उसने दो बड़ी घटनाओं को अंजाम दिया था, जिसके बाद वह जेल भी गया था।
सूत्रों की माने तो सतीश की दोस्ती कुख्यात बदमाश अरशद के अलावा कई अन्य बदमाशों से भी लंबे समय से थी। यही कारण है कि वह सोमवार रात अरशद के साथ गाड़ी में बिडौली से चौसाना की ओर जा रहा था। एसटीएफ के एएसपी के अनुसार गाड़ी भी सतीश ही चला रहा था।
पुलिस पर फायरिंग करते हुए चौसाना की ओर भाग रहा था सतीश
एसटीएफ के अनुसार, जैसे ही टीम ने गाड़ी की घेराबंदी की तो गाड़ी चालक सतीश ही था। पुलिस को देखकर सभी आरोपितों के हाथों में हथियार आ गए और बदमाश सतीश पुलिस पर फायरिंग करते हुए चौसाना की ओर भागने लगा। एसटीएफ टीम ने जवाबी फायरिंग करते हुए पीछा किया तो गोली लगने से घायल होकर गिर गया।
कई पुलिसकर्मियों की हत्या कर हथियार लूट चुका गिरोह
2011 में सहारनपुर के मुस्तफा उर्फ कग्गा ने दो पुलिसकर्मी और एक होमगार्ड की हत्या कर हथियार लूटे थे। 2011 में वो मुठभेड़ में मारा गया। फिर गिरोह संभालने वाले मुकीम काला ने सहारनपुर में तनिष्क शोरूम में पुलिस की वर्दी पहनकर दस करोड़ की डकैती डाली थी। 2021 को चित्रकूट जेल में मुकीम की हत्या हो गई थी।
एनकाउंटर में मारे गए बदमाश कहां से थे?
- अरशद: उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के गांव बाढ़ी माजरा का था। एक लाख रुपये इनाम भी था।
- मंजीत: सोनीपत के गांव रोहट का था, भाई की हत्या की थी, पैरोल पर फरार था।
- सतीश: करनाल के अशोक विहार का था, पिता पुलिस में एसआई थे।
- मनवीर कश्यप: करनाल के घरौंडा खंड के गांव पीर बड़ोली का था।
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