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    बरसाती जल संरक्षण पर गंभीर नहीं सरकारी भवनों के अधिकारी

    By JagranEdited By:
    Updated: Wed, 20 Apr 2022 11:19 PM (IST)

    जागरण संवाददाता करनाल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले वर्ष मन की बात कार्यक्रम में जल संरक्ष्

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    बरसाती जल संरक्षण पर गंभीर नहीं सरकारी भवनों के अधिकारी

    जागरण संवाददाता, करनाल : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले वर्ष मन की बात कार्यक्रम में जल संरक्षण के लिए कैच द रेन, व्हेन इट फाल्स, वेयर इज फाल्स नारा दिया था यानी वर्षा के जल का संचयन करो, जहां भी गिरे और जब भी गिरे। अभियान के तहत राज्य सरकार ने प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हुए जल संरक्षण की मुहिम चलाई और अभियान के तहत सरकारी विभागों में रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम स्थापित कर दिए गए। लगभग एक साल बाद इनमें पानी संरक्षण की बजाए गंदगी जमा है। अधिकारियों की उदासीनता के कारण इस बार फिर बरसात के सीजन में भूजल रिचार्ज न होकर हजारों लीटर पानी नालियों में बह सकता है। हर साल घट रहा करनाल ब्लाक का भू-जल

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    गर्मियों में जल की बर्बादी पर ठोस कदम न उठाना और बरसाती पानी का संरक्षण न होने के कारण करनाल जिला ब्लाक डार्क जोन में आ चुका है। प्रत्येक वर्ष जल स्तर एक मीटर नीचे खिसक रहा है और करनाल का जलस्तर 30 मीटर पर पहुंच गया है। घरों में अवैध तरीके से लगाए गए सब-मर्सीबल पंपों से हजारों लीटर भू-जल को वाहन और आंगन धोने में रोजाना बहाया जा रहा है। जिला अधिकारियों की अनदेखी के चलते जहां पेयजल सप्लाई नहीं है वहां सबमर्सिबल से भू-जल का दोहन किया जाता है। कागजी कार्रवाई तक सीमित अधिकारी, रखरखाव पर ध्यान नहीं :

    जल संरक्षण के लिए जिला के लगभग सरकारी विभागों के अलावा सेक्टर-6 प्रताप स्कूल के निकट, टैगोर स्कूल के निकट, सेक्टर-6 पार्क, सेक्टर-13 ग्रीन बेल्ट, श्यामलसेन पार्क, सेक्टर-6-7 के डिवाइडिग रोड, मेरठ रोड के निकट, पंचायत भवन परिसर, पार्कों में लाखों रुपये की लागत से रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम स्थापित किए गए हैं। कागजों की खानापूर्ति में पास होने वाले अधिकारी रखरखाव में फेल दिखाई पड़ रहे हैं, जिसके चलते हार्वेस्टिग सिस्टम के आसपास गंदगी जमा रहती है। बारिश के पानी को भू-गर्भ में पहुंचाना जरूरी :

    पर्यावरण प्रेमी सुभाष शर्मा ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संदेश के बाद एक साल पहले सरकारी विभागों में लाखों रुपये स्थापित किए गए रेन हार्वेस्टिग सिस्टम के गड्ढों में गंदगी जमा है और कहीं घास उगी हुई है। अवैध कालोनियों में सबमर्सिबल से भू-जल का अंधाधुंध दोहन किया जा रहा है। दूसरी तरफ मिट्टी एवं पानी संरक्षण विभाग के अनुसार हर साल एक मीटर भू-जल नीचे खिसक रहा है। 30 मीटर पर वाटर लेवल पहुंच गया है जिसके चलते भूजल रिचार्ज जरूरी है। उपायुक्त अनीश यादव ने बताया कि भू-जल संभाल के लिए विभागों के अधिकारियों को निर्देश जारी कर रेन हार्वेस्टिग सिस्टम की सफाई करवाई जाएगी।