गरीबों के राशन घोटाले में करनाल के DFSC अनिल कुमार गिरफ्तार, ACB ने कसा शिकंजा
करनाल के जिला खाद्य एवं आपूर्ति अधिकारी (DFSC) अनिल कुमार को गुरुग्राम एंटी करप्शन ब्यूरो ने गरीबों के राशन में भ्रष्टाचार के आरोप में पंचकूला से गिरफ ...और पढ़ें

गरीबों के राशन घोटाले में करनाल के DFSC अनिल कुमार गिरफ्तार (File Photo)
जागरण संवाददाता, करनाल। गरीबों के हक के राशन में भ्रष्टाचार को लेकर एंटी करप्शन ब्यूरो गुरुग्राम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए करनाल के जिला खाद्य एवं आपूर्ति अधिकारी अनिल कुमार को पंचकूला से गिरफ्तार कर लिया है।
वह करीब आठ माह पहले गुरुग्राम में इसी पद पर कार्यरत थे। तब उन पर गुरुग्राम के पूर्व डिपो होल्डर रूपेश कुमार की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया था। इसमें खाद्य आपूर्ति विभाग के अधिकारियों पर रिश्वत लेने और सरकारी व्यवस्था का दुरुपयोग करने के गंभीर आरोप लगाए गए हैं।
शिकायत के आधार पर एसीबी ने डीएफसी अनिल कुमार, एएफएसओ विजय टांक और इंस्पेक्टर प्रेम पूरण सिंह के खिलाफ प्रिवेंशन आफ करप्शन एक्ट की धारा 7, 7-ए और 13 के तहत एफआईआर दर्ज की थी।
शिकायतकर्ता ने जांच एजेंसी को व्हाट्सएप चैट, बैंक लेन-देन का विवरण और रिश्वत से जुड़े आईफोन का बिल जैसे दस्तावेजी साक्ष्य भी सौंपे गए थे। प्रारंभिक जांच में भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर पर्याप्त आधार सामने आने के बाद अनिल कुमार को गिरफ्तार किया गया। अन्य आरोपितों की भूमिका को लेकर भी जांच जारी है।
करनाल के धान घोटाले से भी जुड़ रहा नाम
अनिल कुमार करनाल में अभी डीएफसी पद पर कार्यरत चल रहे हैं। धान खरीद सीजन के दौरान भी वह डीएफसी पद पर सेवाएं दे रहे थे। इस दौरान जिले में करोड़ों रुपये के धान खरीद घोटाले का मामला सामने आया। उस प्रकरण में विभागीय लापरवाही और मिलीभगत के आरोप लगे थे तथा खाद्य आपूर्ति विभाग के पांच इंस्पेक्टरों पर एफआईआर दर्ज की गई थी।
हालांकि, उस समय विभागीय भूमिका को लेकर कई सवाल उठे, लेकिन अब गुरुग्राम में दर्ज भ्रष्टाचार के ताजा मामले के बाद करनाल के धान घोटाले की कड़ियां भी फिर से जांच के दायरे में आती दिख रही हैं।
जांच एजेंसियां यह भी खंगाल रही हैं कि क्या अलग-अलग जिलों में तैनाती के दौरान अपनाया गया कामकाज का तरीका एक जैसा रहा और या नहीं। एसीबी ने कहा है कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली और गरीबों के राशन से जुड़े मामलों में भ्रष्टाचार को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जांच पूरी होने के बाद मामले में आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

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