राजकीय माडल संस्कृति सीनियर सेकेंडरी स्कूल को मिली नर्सरी
क्षेत्र के राजकीय माडल संस्कृति सीनियर सेकेंडरी स्कूल में लड़कों के लिए बास्केटबाल खेल नर्सरी की सौगात मिल चुकी है।

संवाद सूत्र, निगदू: क्षेत्र के राजकीय माडल संस्कृति सीनियर सेकेंडरी स्कूल में लड़कों के लिए बास्केटबाल खेल नर्सरी की सौगात मिल चुकी है। अब नर्सरी के लिए अनुभवी कोच की भी जल्द नियुक्ति होगी।
प्रदेश भर में जिला एवं युवा खेल विभाग की ओर से सरकारी व गैर सरकारी शिक्षण संस्थानों में अलग-अलग जगह विभिन्न खेलों की नर्सरी बनाई गई है। परीक्षण के बाद ही खिलाड़ियों का चयन होगा तो वहीं चयनित खिलाडियों
को सरकार की ओर से छात्रवृति भी जाएगी। इस नर्सरी के लिए 17 अप्रैल को आठ से लेकर 19 वर्ष तक के खिलाडियों का विद्यालय प्रांगण में चयन होगा। खिलाडियों को रविवार सुबह प्रार्थना-पत्र ,बैंक खाते की कापी, जन्म प्रमाण-पत्र, दो पासपोर्ट साइज फोटो, आधार कार्ड, परिवार पहचान-पत्र व मोबाइल नम्बर के साथ विद्यालय में पहुंचना होगा।
नर्सरी के लिए विद्यालय में एक साल के लिए अस्थाई कोच की नियुक्ति की जाएगी। इसके लिए भी 17 अप्रैल को आवेदन किया जा सकता है। नीलोखेड़ी के खंड शिक्षा अधिकारी धर्मपाल ने बताया कि नर्सरी में क्षेत्र के खिलाड़ियों को तैयार करके नेशनल व इंटरनेशनल स्तर पर खेलने के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा। वहीं, शारीरिक शिक्षा के प्राध्यापक दिनेश चौधरी ने बताया कि खेल नर्सरी से ही अच्छे खिलाड़ी तैयार होते हैं। इनमें खिलाडियों को हर तरह की सुविधा व भरपूर समय मिल पाता है। निगदू क्षेत्र में लड़कों के यह नर्सरी सौगात है। इसके अच्छे परिणाम मिलेंगे। माडल संस्कृति स्कूलों में हिदी माध्यम के बच्चों को नहीं मिल रहे दाखिले
संवाद सूत्र, निसिग : शिक्षा विभाग के नए आदेशों के अनुसार माडल संस्कृति सीनियर सेकेडरी स्कूलों में हिदी माध्यम के विद्यार्थियों को छठी कक्षा में दाखिला नही मिल रहा। इससे बच्चों के अभिभावक परेशान हैं।
माडल संस्कृति स्कूल में महज अंग्रेजी माध्यम के विद्यार्थियों का दाखिला होगा। विभाग के ऐसे नियम बच्चों की शिक्षा पर भारी पडऩे वाले हैं क्योंकि माडल संस्कृति स्कूल क्षेत्र में बहुत कम हैं। निसिग में माडल संस्कृति स्कूल के अलावा छठी कक्षा के बच्चों की पढ़ाई जारी रखने के लिए अभिभावकों के पास दूसरा कोई विकल्प नहीं है। विभाग की इस नीति से निसिग के हिदी माध्यम के बच्चों को गांवों के स्कूलों में शिक्षा के लिए जाना पडेगा। अन्यथा पढ़ाई छोडनी पडेगी।
इंदिरा कालोनी निवासी शमशेर सिंह का कहना था कि उनके बच्चे स्थानीय प्राथमिक पाठशाला में पढ़ते थे। उन्होंने पांचवीं कक्षा उतीर्ण कर ली है। अब उनकी पढ़ाई जारी रखने के लिए छठी कक्षा में दाखिला करवाना है। जब वह बच्चों के साथ माडल संस्कृति स्कूल पहुंचे तो उन्हें विभाग द्वारा जारी आदेश बता दिए गए। जिसके बाद उनके बच्चों का एडमिशन नहीं दिया गया। यदि माडल स्कूल बच्चों को एडमिशन नहीं देते तो फिर राजकीय कन्या स्कूल को सहशिक्षा स्कूल में तब्दील करना होगा। उनके साथ कालोनी के कई अन्य अभिभावक व उनके बच्चे थे। इस संबंध में शिक्षकों का कहना था कि माडल संस्कृति स्कूल में अंग्रेजी माध्यम के विद्यार्थियों के एडमिशन के ही आदेश हैं।
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