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कहने को सीएम नगरी, ट्रेनों में स्टेशन की बेकद्री

प्रदेश की चौधर होने के बाद भी खाली रही झोली, अब मुख्यमंत्री से मिलने की योजना बना रहे शहर

By JagranEdited By: Published: Mon, 17 Sep 2018 08:36 PM (IST)Updated: Mon, 17 Sep 2018 08:36 PM (IST)
कहने को सीएम नगरी, ट्रेनों में स्टेशन की बेकद्री
कहने को सीएम नगरी, ट्रेनों में स्टेशन की बेकद्री

प्रदेश की चौधर होने के बाद भी खाली रही झोली, अब मुख्यमंत्री से मिलने की योजना बना रहे शहर के बुद्धिजीवी जागरण संवाददाता, करनाल

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कर्ण की नगरी वर्षो से रेलगाड़ियों के स्टॉपेज के लिए तरस रही है। स्मार्ट सिटी, एनसीआर सिटी और सीएम सिटी जैसी बड़ी उपलब्धियों के बावजूद यहां की झोली खाली ही रही। पहली बार प्रदेश की चौधर मिलने के बाद राजनीतिक समीकरण तो बदले, लेकिन हालात नहीं। रेलगाड़ियों के ठहराव की मांग करते आ रहे शहर के बुद्धिजीवी इससे आहत हैं। इसलिए अब मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मिलने की ठानी है। करनाल के गणमान्य लोगों की टीम ने काफी मेहनत से एक फाइल तैयार की है। इसमें बताया गया है कि बड़ी-बड़ी उपलब्धियों के बाद भी उनके शहर को दरकिनार कर दिया गया। जबकि इससे हर लिहाज से छोटे शहरों में मुख्य ट्रेनों के स्टॉपेज दे दिए गए। यह टीम अपने तरकश में कई सवाल लिए हैं। सरकार से पूछेगी कि आखिर करनाल से यह भेदभाव क्यों? इन 10 ट्रेनों का स्टॉपेज चाहिए

ट्रेन नंबर नाम

1. 12005/12006 कालका नई दिल्ली शताब्दी

2. 12029/12030 अमृतसर नई दिल्ली शताब्दी

3. 12013/12014 नई दिल्ली अमृतसर शताब्दी

4. 12471-12478 स्वराज सर्वोदय एक्सप्रेस

5. 22455/22456 साई नगर कालका शिरडी एक्सप्रेस

6. 12445/12446 उत्तर संपर्क क्रांति

7. 22461/22462 श्रीशक्ति माता वैष्णो देवी

8. 18507/18508 हीराकुंड एक्सप्रेस

9. 14011/12 होशियारपुर दिल्ली एक्सप्रेस

10. 12449/12450 गोवा संपर्क क्रांति शहर इन कसौटियों पर है खरा

समाजसेवी राजीव अरोड़ा, देवेंद्र सचदेवा, रा¨जद्र, अंशुल नारंग व प्रवीण का कहना है कि करनाल मुख्य ट्रेनों के ठहराव की हर कसौटी पर खरा उतरता है। दैनिक जागरण से बातचीत में 89 उपलब्धियां गिनाई। चार लाख से अधिक आबादी का शहर है। पांच विश्वविद्यालय हमारे शहर में हैं। आइसीएआर के 10 बड़े संस्थान हैं। करनाल ऑटोमोबाइल का हब बन चुका है। नामी कंपनियों के डीलर यहां हैं। सात बैंकों के सर्कल व जोनल कार्यालय यहां हैं। हरियाणा में सिर्फ पानीपत और अंबाला ही क्यों?

55 प्रतिशत इनकम टैक्स हमारा, स्टॉपेज क्यों नहीं

समाजसेवियों ने कहा कि हरियाणा में मुख्य गाड़ियों के ठहराव केवल पानीपत व अंबाला तक ही सिमटकर रह गया है। करनाल को हर बार दरकिनार कर दिया। हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, जम्मू कश्मीर और चंडीगढ़ से करीब 35000 करोड़ इनकम टैक्स आता है। इसका 55 प्रतिशत हरियाणा अकेला जमा कराता है। इसके बाद भी यहां स्टॉपेज नहीं दिए जा रहे। पंजाब में 225 किमी में छह, हरियाणा में केवल एक स्टॉपेज

नई दिल्ली-अमृतसर शताब्दी 12029-31 और अमृतसर-नई दिल्ली शताब्दी 120130-32 के पंजाब के 225 किलोमीटर में छह स्टॉपेज दिए गए हैं। यह राजपुरा, लुधियाना, फगवाड़ा, जालंधर, ब्यास के बाद अमृतसर भी रुकती है। लेकिन हरियाणा में केवल अंबाला में इसका ठहराव है। जबकि करनाल जैसे बड़े शहर को इसकी सख्त जरूरत है। नई दिल्ली अमृतसर शताब्दी 12013 और अमृतसर-नई दिल्ली शताब्दी 12014 के भी पंजाब में छह और हरियाणा में एक ठहराव है। सीएम ने तीन साल पुरानी घोषणा, आज भी अधूरी

शहर के बुद्धिजीवियों ने कहा कि सीएम मनोहर लाल ने साई नगर कालका शिरडी एक्सप्रेस ट्रेन के करनाल में स्टॉपेज की घोषणा 26 जून 2016 को थी। तीन साल बीतने के बाद भी यह ट्रेन करनाल में नहीं रुक पाई। चार लाख से अधिक आबादी के शहर करनाल में स्वराज सर्वोदय एक्सप्रेस की ठहराव नहीं है। लेकिन 21 हजार की जनसंख्या के शहर विक्रमगढ़ अलोट में यह ट्रेन रुकती है। फोटो---31 नंबर है।

मौका भी और दस्तूर भी : अंसुल

करीब 10 सालों से ट्रेन में रोजाना सफर कर रहे करनाल के अंशुल नारंग का कहना है कि अब मौका भी है, माहौल और दस्तूर भी। प्रदेश की चौधर पहली बार करनाल के पास है। हरियाणा के साथ ही केंद्र में भी भाजपा की सरकार है। अब भी यदि करनाल की झोली खाली रह गई तो आगे उम्मीद कम ही है। वर्जन

मुख्य ट्रेनों का ठहराव मंत्रालय स्तर का मामला है। हमारा प्रयास है कि रेलवे स्टेशन व सफर में यात्रियों को किसी प्रकार की असुविधा का सामना नहीं करना पड़े।

नरेंद्र ¨सह, स्टेशन अधीक्षक, करनाल


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