जाट आंदोलन के दौरान दर्ज हिंसा के केस होंगे वापस : डीजीपी
हरियाणा के डीजीपी बीएस संधू ने कहा है कि पिछले साल फरवरी में जाट आंदोलन के दौरान दर्ज मामले वापस लिए जाएंगे और इसकी प्रक्रिया चल रही है। ...और पढ़ें

जेएनएन, रोहतक। हरियाणा के डीजीपी बीएस संधू ने कहा कि पिछले वर्ष फरवरी में जाट आंदोलन के दौरान हुई हिंसा और उपद्रव को लेकर दर्ज हुए मामले वापस लिए जाएंगे। इसके लिए राज्य में 1200 मामले दर्ज किए गए थे। उन्हें वापस लेने की प्रक्रिया चल रही है। कुछ केस अदालत के अधीन हैं और इस पर अदालत ही निर्णय करें।
डीजीपी संधू ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि राज्य सरकार जाट आंदोलन के दौरान हिंसा के लिए दर्ज केस वापस लेने के लिए पॉजिटिव है। इस मामले में कदम उठाए जा रहे हैं। इससे पहले डीजीपी ने रोहतक रेंज के पांचों जिलों के पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक कर कानून व्यवस्था की समीक्षा की।
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संधू ने कहा कि हरियाणा पुलिस सड़क हादसों में कमी लाने के लिए प्रयासरत है। इसके तहत हाल ही में एक नया नियम लागू किया गया है। यदि कोई नाबालिग वाहन चलाता हुआ मिला तो उसके खिलाफ तो कार्रवाई होगी ही, साथ ही उसके माता पिता के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। सरकार की अनुमति के बाद इस नियम को पूरे प्रदेश में लागू कर दिया जाएगा।
डीजीपी ने कहा कि पंचकूला में साइबर अपराध से संबंधित थाना स्थापित करने जा रहे हैं। डीजीपी से जब पूछा गया कि सालभर में २८० से अधिक मुकदमे ऑनलाइन ठगी के दर्ज हुए हैं। जबकि एक भी ट्रेस नहीं हुआ है तो उन्होंने उसी समय आइजी और एसपी को इन मुकदमों को ट्रेस करने के निर्देश दिए हैं।
डीजीपी ने कहा कि यातायात नियमों की पालना करना हम सभी की जिम्मेवारी है। यदि यातायात नियमों की पालना होगी तो निश्चित रूप से सड़क हादसों में कमी आएगी। उन्होंने बताया कि गर्मी की छुट्टियों के बाद पुलिस की ओर से स्कूलों में अभियान चलाया जाएगा। इसके तहत यह देखा जाएगा कि किस स्कूल में कितने नाबालिग स्कूटी लेकर पहुंच रहे हैं।
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उन्होंने कहा कि इसकी लिस्ट बनाने के बाद उन बच्चों के माता पिता को चेतावनी का नोटिस भेजा जाएगा। यदि फिर भी वह अपने बच्चे को स्कूटी या फिर अन्य दुपहिया वाहन लेकर स्कूल में भेजेंगे तो उनके माता पिता के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने आमजन से अपील की है कि वह अपने नाबालिग बच्चों के हाथ में स्कूटर या बाइक न दे।
नशे पर अंकुश लगाने को चलेगा अभियान
संधु ने कहा कि प्रदेश में नशे पर अंकुश लगाने के लिए रेंज स्तर पर एसटीएफ का गठन किया जाएगा। इसके लिए प्रस्ताव तैयार कर सरकार के पास भेज दिया गया है। इसके अलावा स्कूल, कालेज व यूनिवर्सिटी में नशीले पदार्थो पर रोक लगाने के लिए अभियान चलाया जाएगा। डीजीपी बीएस संधू कहा कि महिलाओं के प्रति होने वाले अपराध को रोकना उनकी प्राथमिकता है।

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