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विज्ञान के विद्यार्थियों को दिया जाएगा जल गुणवत्ता का परीक्षण- दीपक कुमार

जल जीवन मिशन के उद्देश्यों व पेयजल की गुणवत्ता के प्रति विद्याथिर्यों को जागरूक किया जा

By JagranEdited By: Published: Sat, 16 Oct 2021 11:02 PM (IST)Updated: Sat, 16 Oct 2021 11:02 PM (IST)
विज्ञान के विद्यार्थियों को दिया जाएगा जल गुणवत्ता का परीक्षण- दीपक कुमार

कैथल (वि): जल जीवन मिशन के उद्देश्यों व पेयजल की गुणवत्ता के प्रति विद्याथिर्यों को जागरूक किया जाएगा। जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के वासो के जिला सलाहकार दीपक कुमार ने इसके लिए ब्लाक रिसार्स कोआर्डिनेटरों की बैठक बुलाई। उन्होंने बताया कि मुख्य कार्यालय से प्राप्त आदेशों के अनुसार जिले के विज्ञान संकाय वाले 36 विद्यालयों में जल गुणवत्ता को लेकर 11वीं और 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों को प्रशिक्षण दिया जाए ताकि वह गांव में ही जल की गुणवत्ता का प्रशिक्षण कर सकें। इन स्कूलों का चयन कर लिया गया है। इनमें खंड कैथल के 13 स्कूल ग्योंग, क्योड़क, शेरगढ़, चंदाना, पाडला, गुहणा, सिरटा, धनौरी,बाबा-लदाना, बुढ़ाखेड़ा, देवबन, सजूमा, बरोट-बंदराणा, कलायत खंड के पांच गांव रामगढ़-पांडवा, कौलेखां, बात्ता, चौशाला व कमालपुर, सीवन खंड के गांव कांगथली, कवारतन, पापसर, सीवन के दो विद्यालय, राजौंद खंड के चार गांव सेरधा, कसान, रोहेड़ा, गांव सौगंरी, पूंडरी खंड के चार गांव फतेहपुर, रसीना, हाबड़ी व करोड़़ा,

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ढांड खंड के तीन गांव पबनावा, कौल व साकरा और गुहला खंड के दो गांव स्यों-माजरा व भागल के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय शामिल किए गए हैं।

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इन विद्यालयों में बच्चों को जल की गुणवत्ता को लेकर विशेष कार्यक्रम के तहत प्रशिक्षण दिया जाएगा। दीपक कुमार ने बताया कि मुख्य कार्यालय द्वारा इन स्कूलों का चयन किया गया है और इसका लक्ष्य 31 अक्टूबर 2021 रखा गया है। कैथल जिले के सभी ब्लाक रिसार्स कोआर्डिनेटर की इस कार्य को पूरा करने के लिए ड्यूटी लगा दी गई है। 31 अक्टूबर से पहले लक्ष्य को पूरा कर लिया जाएगा।

दीपक ने बताया कि विद्यार्थियों को फील्ड टेस्टिग किट के माध्यम से जल गुणवत्ता प्रशिक्षण को लेकर जानकारी दी जाएगी।

वर्ष 2021-22 का 6697 फील्ड टेस्टिग किट बांटने का लक्ष्य रखा गया है। अभी तक लगभग 1700 फील्ड टेस्टिग कीट बांट दी गई है।

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ऐसे होगी पानी की गुणवत्ता की जांच

फील्ड टेस्टिग कीट में पानी डालकर रखने के बाद 30 से 35 डिग्री तापमान पर 12 से 24 घंटे में पानी की गुणवत्ता का प्रमाण मिल जाएगा। किट में डालने के बाद पानी काला हो गया तो वह पीने योग्य नहीं है। ऐसे गांव में पानी की शुद्धता को लेकर विभाग की ओर से समाधान के प्रयास किए जाएंगे। हर घर शुद्ध पेयजल पहुंचे व हर नल पर टूंटी लगी हो यह सुनिश्चित करना विद्यार्थियों की भी जिम्मेदारी है। साथ ही पेयजल की गुणवत्ता के प्रति भी विद्यार्थी जागरूक हो ताकि पीने के पानी से कोई बीमारी ना पनपे। इस मौके पर बीआरसी सतविदर सिंह, रघुबीर सिंह, साहिब सिंह, विष्णु शर्मा, चंद्रशेखर और संदीप कुमार मौजूद रहे।


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