ये पत्थर नहीं, खराब गेहूं है... कैथल में अधिकारियों की अनदेखी और लापरवाही के चलते सड़ गए अनाज के हजारों बैग
कैथल की अनाज मंडी में लापरवाही के चलते भारी मात्रा में गेहूं खराब हो गया है। बोरियों में भरा गेहूँ सड़ गया है और पत्थर जैसा हो गया है जो पशुओं के लिए भी बेकार है। अधिकारियों का कहना है कि स्टाक कंपनी को सौंपा जा चुका है। पिछले साल भी कैथल में करोड़ों का गेहूं खराब हुआ था लेकिन एजेंसियों ने कोई सबक नहीं लिया।

जागरण संवाददाता, कैथल। अतिरिक्त अनाज मंडी में गेहूं का स्टाक लगा हुआ है। संबंधित एजेंसी के अधिकारियों की अनदेखी व लापरवाही के चलते काफी मात्रा में गेहूं खराब हो गया है। बोरियों में भरा गेहूं सड़ चुका है और काला पड़कर पत्थर जैसे ढेले बन गए हैं। यह गेहूं खाने लायक तो दूर की बात, पशुओं को डालने लायक भी नहीं बचा है। गेहूं में मिट्टी, बजरी जमा है, वहीं सुरसरी होने के कारण गेहूं का दाना खोखला हो चुका है।
लोगों का आरोप है कि गेहूं के रखरखाव को लेकर गंभीर लापरवाही बरती गई है, गेहूं को सुरसरी से बचाव के लिए कोई प्रबंध नहीं किए गए। वहीं, एजेंसी के अधिकारियों का कहना है कि यह स्टाक कंपनी को रिसीव किया जा चुका है, कंपनी ही इसका उठान कर रही है।
बताया जा रहा है कि इस साल अप्रैल माह में गेहूं सीजन के दौरान जब ये स्टाक लगाया गया तो उस समय खुले में खड़े ट्रकों पर वर्षा हो गई थी, वर्षा के कारण गेहूं के कट्टे गिले हो गए, जो खराब हो गए हैं। सवाल उठता है कि गेहूं के बैग भीग गए थे तो बिना सुखाए स्टाक में क्यों लगाया गया।
वर्ष 2022 में कैथल में खराब हुआ था गेहूं
वर्ष 2022 में कैथल में 22 करोड़ का 11 हजार मीट्रिक टन गेहूं खराब होने का मामला सामने आ चुका है, लेकिन इसके बावजूद एजेंसियों के अधिकारी गंभीर नहीं है। गेहूं के रखरखाव को लेकर कोई बेहतर प्रबंध नहीं किए जा रहे हैं। वर्ष 2022 में पूंडरी व कैथल में खुले में रखा गया गेहूं खराब हो गया था।
गेहूं के कट्टे फट गए थे, इनमें रखा गेहूं पूरी तरह से सड़कर काला हो गया था। इस मामले को लेकर सरकार द्वारा चार सदस्यीय कमेटी का गठन किया था। इसी प्रकार कैथल में गेहूं पर पानी गिरने का मामला भी दो माह पहले सामने आया था। इसकी शिकायत मिलने पर एसडीएम ने भी दौरा कर स्टाक की जांच की थी। बाद में संबंधित विभाग की टीम ने भी इस बारे में रिपोर्ट ली थी।
स्टाक में लगी हुई है सुरसरी, शिकायत पर भी नहीं हुई सुनवाई अतिरिक्त अनाज मंडी में अब धान का सीजन चल रहा है, लेकिन मंडी में अब भी गेहूं का स्टाक रखा हुआ है। इस स्टाक में ही सुरसरी लगी हुई हैं,जो गेहूं को खा रही हैं। इस बारे में आढ़ती एजेंसी के इंस्पेक्टर से लेकर प्रबंधक तक स्टाक को उठाने की मांग कर चुके हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
अब आढ़तियों को अपना धान खुले में डालना पड़ रहा है। मौसम में बदलाव हुआ तो परेशानी का सामना आढ़तियों को करना पड़ेगा। मंडी के आढ़तियों ने बताया कि गेहूं स्टाक में सुरसरी व सड़ने के कारण बीमारियां फैलने का डर बना रहता है। यहां चार लाख 48 हजार मीट्रिक बैग का स्टाक एजेंसी की तरफ से किया गया था, काफी मात्रा में बैग अब तक उठाए जा चुके हैं और 12 हजार गेहूं के बैग खराब होने का अनुमान है।
कंपनी ने रिसीव किया स्टाक: प्रबंधक
वेयर हाउस एजेंसी की प्रबंधक सुनीता ने बताया कि गेहूं का स्टाक कंपनी को दिया हुआ है, कंपनी ने ही इसे रिसीव किया हुआ है। चार लाख से ज्यादा बैग थे, जो इसमें से काफी मात्रा में स्टाक उठाया जा चुका है। जो गेहूं खराब हुआ है, उसकी सफाई करवाई जा रही है। गेहूं स्टाक को लेकर किसी भी तरह की लापरवाही नहीं बरती गई है।
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