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Kaithal News: शिक्षा निदेशालय के निर्देशों को ठेंगे पर रख रहे प्राइवेट स्कूल, मान्यता को लेकर नहीं दिया कोई रिव्यू

जिले में प्राइवेट स्कूलों की मनमानी रुकने का नाम नहीं ले रही है। शिक्षा निदेशालय के निर्देश के बावजूद भी गैर मान्यता प्राप्त स्कूल संचालकों को नोटिस भेजे गए थे जो 10 साल से अधिक पुराने हैं। लेकिन जिले से एक भी प्राइवेट स्कूल संचालक की ओर से मान्यता को लेकर रिव्यू नहीं दिया गया। इसके बाद अधिकतर स्कूलों में फायर एनओसी भी नहीं है। ऐसे स्कूलों पर एफआईआर होगी।

By Joni Joni Edited By: Deepak Saxena Published: Sun, 31 Mar 2024 03:59 PM (IST)Updated: Sun, 31 Mar 2024 03:59 PM (IST)
शिक्षा निदेशालय के निर्देशों को ठेंगे पर रख रहे प्राइवेट स्कूल (सांकेतिक)।

जोनी प्रजापति, कैथल। शिक्षा निदेशालय ने प्राइवेट स्कूल संचालकों से दस साल पुरानी मान्यता को लेकर रिव्यू मांगे थे। इसके लिए 31 मार्च तक का समय दिया गया। लेकिन अभी तक जिले से एक भी प्राइवेट स्कूल संचालक की ओर से मान्यता को लेकर कोई रिव्यू नहीं दिया गया। विभाग की तरफ से ऐसे स्कूल संचालकों पर अब कार्रवाई की जाएगी।

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बता दें कि शिक्षा विभाग ने जिले में 27 गैर मान्यता प्राप्त स्कूल संचालकों को नोटिस भेजे थे। जिले में दर्जनों स्कूल ऐसे हैं, जो 10 वर्ष से अधिक पुराने हैं। इनमें से महज दस स्कूल संचालक ने रिव्यू करवाया है। नियम के अनुसार, दस साल पूर्व स्थायी मान्यता लेने वाले सभी निजी स्कूलों को दोबारा मान्यता लेनी होगी। यही कारण है कि जिला शिक्षा विभाग ने सभी दस साल पुराने निजी स्कूलों को मान्यता का नवीनीकरण कराने के निर्देश दिए थे।

31 मार्च तक रिव्यू करने का समय निर्धारित किया गया था। हरियाणा स्कूल शिक्षा नियम 2003 के नियम 39 के तहत किए गए प्राविधान के मद्देनजर यदि इस श्रेणी में आने वाला कोई भी स्कूल एक महीने के भीतर मान्यता के लिए आवेदन नहीं करेगा, तो संबंधित स्कूल के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी। जिले में चौपालों सहित अन्य निजी प्रतिष्ठानों में बिना मान्यता के स्कूल संचालित है।

नए सत्र में दाखिले की होड़ में स्कूल, मान्यता पर उठ रहे सवाल

नय शैक्षणिक सत्र 2024-25 में बच्चों के ज्यादा से ज्यादा से दाखिले करने के लिए प्राइवेट स्कूल संचालकों की होड़ लगी है। दूसरी तरफ जिले में प्राइवेट स्कूलों की मान्यता पर भी सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं। ऐसे में अभिभावकों के लिए भी समस्या है कि आखिर वे किस आधार पर बच्चों का दाखिला प्राइवेट स्कूलों में कराएं। अगर मानकों पर खरा न उतरने वाले स्कूल संचालकों की मान्यता पर रद्द होती है तो बच्चों का भविष्य भी कहीं न कहीं अंधेरे की ओर अग्रसर हो सकता है। उधर, शिक्षा विभाग का कहना है कि गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों पर एफआईआर दर्ज की जाएगी।

गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों को बंद करे सरकार

स्टूडेंट पेरेंट्स वेलफेयर ग्रुप जिला सचिव गुरमीत सिंह ने बताया कि बच्चों के भविष्य से भी खिलवाड़ है। केंद्र सरकार ने दिल्ली में गैर मान्यता प्राप्त कई स्कूलों को बंद भी किया है। राज्य सरकार भी इस तरह से कार्रवाई करे। कैथल जिले में कई गैर मान्यता प्राप्त स्कूल हैं। यहां तक की शिक्षण संस्थानों में फायर एनओसी सहित अन्य दस्तावेज भी पूरे नहीं है।

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उन्होंने कहा कि हर साल सिलेबस भी बदला जाता है। ऐसे में अभिभावक स्कूल संचालकों की मनमानी का शिकार हो रहे है। स्टूडेंट पेरेंटस वेलफेयर ग्रुप की तरफ से शहर में अग्रसेन मार्केट में खुशी टोका स्टोर पर बुक बैंक भी संचालित है। यहां अभिभावकों को निशुल्क किताबें दी जाती है।

दस साल पुरानी मान्यता को लेकर मांगा था रिव्यू

कैथल के जिला शिक्षा अधिकारी डॉ. विजय लक्ष्मी ने कहा कि जिले से 10 प्राइवेट स्कूल संचालकों की तरफ से मान्यता को लेकर रिव्यू भेजा है। शेष स्कूलों की जांच की जाएगी। इसके बाद इन स्कूलों के खिलाफ एफआईआर दर्ज होगी। निदेशालय ने लगभग एक महीना पहले दस साल पुरानी मान्यता को लेकर स्कूलों से रिव्यू मांगा था। विभाग की तरफ से जिले में 27 गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों को नोटिस भी भेजा गया था।

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