अर्जुन अवार्डी खिलाडिय़ों की पेंशन अटकी, लगाई जा रही एक के बाद एक शर्तें
हरियाणा में अर्जुन पुरस्कार प्राप्त खिलाडि़यों की पेंशन रुक गई है। उनको सात माह से पेंशन नहीं मिल रही है। खिलाडियों का कहना है कि पेंशन के लिए एक के बाद एक शर्तें लगाई जा रही हैं।
कुरुक्षेत्र, [पंकज आत्रेय]। अर्जुन पुरस्कार प्राप्त प्रदेश के कई खिलाडिय़ों की पेंशन सात माह से अटकी हुई है। उनसे कभी जीवित होने का प्रमाणपत्र मांगा गया तो कभी अवार्डी होने का। अब आधार कार्ड की शर्त रख दी गई है। अर्जुन पुरस्कार प्राप्त खिलाडिय़ों को प्रदेश में पांच हजार रुपये पेंशन दी जाती है। अधिकारियों के रवैये से नाराज खिलाड़ी सरकार की नीयत पर ही सवाल खड़े किए हैं।
अंतरराष्ट्रीय बॉक्सर मंदीप जांगड़ा ने कहा, पांच नहीं, 20 हजार मिले पेंशन
अंतरराष्ट्रीय बॉक्सर मंदीप जांगड़ा ने कहा कि खेल विभाग ने उनसे जीवित प्रमाणपत्र, बैंक खाते का विवरण, अर्जुन अवार्डी होने का सर्टिफिकेट जैसे कई दस्तावेज मांगे हैं। जीवित प्रमाणपत्र बनवाने के लिए उन्होंने कई दिन प्रैक्टिस छोड़कर सरकारी दफ्तर के चक्कर काटे, लेकिन बात नहीं बनी। वे स्टेट गेम्स की तैयारी में लगे हैं। इसलिए अभी तक जीवित प्रमाणपत्र नहीं दे सके हैं।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में अर्जुन अवार्ड के लिए 20 हजार रुपये प्रति माह पेंशन है। हरियाणा में दशकों से पांच हजार ही चल रही है। जींद के अर्जुन अवार्डी ओमप्रकाश ढुल को फरवरी के बाद से पेंशन नहीं मिल रही है। उन्होंने कहा, पूछा जा रहा है कि हम ङ्क्षजदा भी हैं या नहीं।
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अंतरराष्ट्रीय बॉक्सर अखिल कुमार का सुझाव था कि सरकार को ऐसी चीजों का सरलीकरण करना चाहिए। खेलने के लिए माहौल देने की जरूरत है। आज हम डिजिटल इंडिया की बात कर रहे हैं। ईमेल के जरिये भी कागजात ले सकते हैं। अंतरराष्ट्रीय खिलाडिय़ों के जीवन में कुछ भी होता है तो सार्वजनिक होता ही है। ऐसे में जीवित प्रमाणपत्र जैसी औपचारिकताएं जरूरी नहीं हैं। अखिल ने कहा कि वह हिसार में जॉब करते हैं। कोई भी प्रमाणपत्र बनाने के लिए रोहतक जाना संभव नहीं हो पाता है।
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मनोज को नहीं मिली इनामी राशि
कैथल के बॉक्सर मनोज कुमार ने बताया कि उन्हें अभी तक वर्ष 2013 में एशियन बॉक्सिंग चैंपियनशिप की पुरस्कार राशि भी नहीं मिली है। वर्ष 2014 में अर्जुन अवार्ड मिला था, लेकिन पेंशन नहीं मिल रही है। 2016 के सैफ गेम्स में उन्होंने गोल्ड मेडल जीता था। उसकी पुरस्कार राशि भी नहीं मिली। रेलवे से खेलने का हवाला देकर यह राशि देने में आनाकानी की जा रही है।
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'' यह सही है कि कई माह से अर्जुन अवार्डी खिलाडिय़ों को पेंशन नहीं मिल रही है। उनके जीवित प्रमाणपत्र व कुछ अन्य दस्तावेज मांगे गए थे, लेकिन अब आधार कार्ड ही देना होगा। उम्मीद है कि जल्दी ही राशि जारी की जाएगी।
- यशवीर राणा, जिला खेल अधिकारी कुरुक्षेत्र।