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    कैथल पुलिस की बड़ी कार्रवाई, मात्र 12 घंटे में झूठी लूट का कर दिया पर्दाफाश

    Updated: Sun, 28 Sep 2025 02:23 PM (IST)

    कैथल पुलिस ने 12 घंटे में लूट की झूठी घटना का पर्दाफाश किया। शिकायतकर्ता गुरप्रीत सिंह ने आर्थिक नुकसान के कारण लूट की झूठी कहानी बनाई थी। पुलिस जांच में यह खुलासा हुआ कि उसके साथ कोई लूट नहीं हुई थी। पुलिस ने तत्परता से कार्रवाई करते हुए मामले की सच्चाई सामने लाई और झूठी शिकायत दर्ज कराने के लिए गुरप्रीत के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

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    पुलिस ने 12 घंटे में उजागर की लूट की झूठी कहानी।

    जागरण संवाददाता, कैथल। जिला पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए मात्र 12 घंटे में एक कथित लूट की घटना की सच्चाई उजागर कर दी। शिकायतकर्ता की तरफ से खुद रची गई यह कहानी पुलिस की गहन जांच के चलते बेनकाब हो गई।

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    पुलिस प्रवक्ता ने बताया की 26 सितंबर को रात 7 बजकर 27 मिनट पर कंट्रोल रूम कैथल में सूचना प्राप्त हुई थी कि भूना-चीका रोड पर बाइक सवार दो युवकों ने शक्ति नगर कैथल निवासी गुरप्रीत सिंह के सिर पर रॉड मारकर उसके बैग में रखे दो लाख रुपये छीन लिए और फरार हो गए।

    सूचना को गंभीरता से लेते हुए एसपी उपासना ने डीएसपी गुहला कुलदीप सिंह बेनीवाल की अध्यक्षता में विशेष जांच टीम गठित की। टीम में गुहला थाना प्रभारी इंस्पेक्टर सुनील कुमार, एसआइ रमेश कुमार (इंचार्ज स्पेशल डिटेक्टिव यूनिट कैथल) सहित पुलिस के अनुभवी अधिकारी शामिल थे। गुहला थाना में केस दर्ज करके जांच शुरू की गई। पुलिस टीमों ने पूरी रात घटनास्थल का निरीक्षण, तकनीकी साक्ष्य जुटाने, गवाहों से पूछताछ और संदिग्धों की पड़ताल में लगाई।

    जांच में यह सामने आया कि शिकायतकर्ता गुरप्रीत सिंह, जो सुनार का कार्य करता है और उसे व्यापार में भारी घाटा हुआ था। घाटे की भरपाई के लिए उसने अपने स्वजन से आर्थिक मदद पाने के उद्देश्य से झूठी लूट की कहानी बनाई थी। पूछताछ में उसने स्वीकार किया कि उसके साथ किसी भी प्रकार की लूट या मारपीट की घटना नहीं हुई।

    एसपी उपासना ने इस मामले में डीएसपी गुहला कुलदीप सिंह बेनीवाल, इंस्पेक्टर सुनील कुमार, एएसआई मुकेश कुमार, एएसआई बलकार सिंह, मुख्य सिपाही शिवकुमार, एसआई ईश्वर सिंह, एसआई रमेश कुमार, सीआईए-वन कैथल व पूरी टीम के सराहनीय प्रयासों की प्रशंसा की। टीम ने मात्र 12 घंटे में सच्चाई उजागर कर दी। शिकायत को झूठा पाए जाने पर केस को खारिज कर दिया गया है। अब शिकायतकर्ता के विरुद्ध पुलिस को गुमराह करने और कानून का दुरुपयोग करने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।