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    Hepatitis B: कैथल नागरिक अस्पताल में होगी हेपेटाइटिस-बी और सी की जांच, तुरंत मिलेगी रिपोर्ट, ऐसे करें बचाव?

    By Surender KumarEdited By: Deepak Saxena
    Updated: Wed, 06 Dec 2023 05:19 PM (IST)

    कैथल जिले में हेपेटाइटिस-बी व सी के दस हजार से ज्यादा केस सामने आए हैं। इसके साथ ही राजौंद व गुहला खंड में मरीजों की संख्या में ज्यादा इजाफा देखने को मिल रहा है। अस्पताल में रोजाना दो से तीन मरीज आ रहे हैं। पहले दिल्ली की लैब में जांच होती थी। राजौंद व गुहला-चीका क्षेत्र में काला पीलिया के मरीज ज्यादा है।

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    कैथल नागरिक अस्पताल में होगी हेपेटाइटिस-बी और सी की जांच।

    जागरण संवाददाता, कैथल। जिला नागरिक अस्पताल में अब हेपेटाइटिस-बी व सी की जांच हो सकेगी। पिछले करीब छह माह से सैंपलों को दिल्ली और करनाल की लैब में भेजा रहा था। इससे लोगों को सैंपल रिपोर्ट को लेकर लंबा इंतजार करना पड़ता था। करीब डेढ़ माह में जाकर रिपोर्ट मिलती थी और फिर इलाज शुरू होता था। अब कलायत सामुदायिक केंद्र में ही स्थित लैब में सैंपलों की जांच हो सकेगी। लैब में सैंपल किट उपलब्ध हो गई हैं।

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    बता दें कि पूरे जिले में दस हजार से ज्यादा हेपेटाइटिस बी व सी के मरीज हैं। इनमें से एक हजार से ज्यादा मरीजों की दवाई चल रही है। वहीं रोजाना चार से पांच नए केस सामने आ रहे हैं। जिले के राजौंद व गुहला-चीका क्षेत्र में काला पीलिया के मरीज ज्यादा है। बढ़ते नशा के चलते भी मरीजों में इजाफा हो रहा है।

    निजी लैब के साथ एक साल पहले खत्म हो चुका है अनुबंध

    बता दें कि प्रदेश में फतेहाबाद के बाद हेपेटाइटिस-सी के मरीजों की संख्या में कैथल जिला दूसरे नंबर पर है। जिले में दस हजार से ज्यादा केस इस बीमारी के हैं। हेपेटाइटिस-सी व बी की जांच को लेकर पहले अस्पताल के बाहर स्थित निजी लैब में होती थी, लेकिन एक साल पहले अनुबंध खत्म हो गया था। इसके बाद बीमारी की जांच कलायत के नागरिक अस्पताल में स्थित आरटीपीसीआर की मॉलिक्युलर लैब में की गई थी, लेकिन सैंपल किट खत्म होने के बाद करनाल व दिल्ली की लैब में सैंपल भेजे जाने लगे। इससे लोगों की परेशानी ज्यादा बढ़ गई, क्योंकि रिपोर्ट मिलने में ज्यादा समय लगने लगा।

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    डेढ़ माह तक लोगों को सैंपल रिपोर्ट का इंतजार करना पड़ा। अब फिर से कैथल में ही इस बीमारी की जांच शुरू होने पर लोगों ने राहत की सांस ली है।

    कैथल में राजौंद व गुहला ब्लाक ज्यादा प्रभावित

    जिले में काला पीलिया को लेकर वैसे तो हर ब्लाक के गांव में मरीज सामने आ रहे हैं, लेकिन राजौंद व गुहला ब्लाक ज्यादा प्रभावित है। राजौंद के तो कई गांव में इस बीमारी के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। जिला नागरिक अस्पताल में इस बीमारी के मरीजों की जांच व इलाज निशुल्क होता है। पहले लोगों को बी के इलाज को लेकर रोहतक पीजीआई जाना पड़ता था, अब लोगों को जिला स्तर पर ही इसका इलाज मिल रहा है।

    ऐसे बरतें सावधानी

    जिस घर में काला पीलिया का मरीज है, वहां ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत है। वहीं जो लोग नशा करते हैं वे अपने साथियों के साथ एक ही सीरिंज का प्रयोग करते हैं। उन्हें भी सावधान होना होगा। इसलिए नशे से दूर रहकर इस बीमारी से बचाव किया जा सकता है। टैटू भी ऐसी दुकान से बनवाएं, जहां हर व्यक्ति के लिए अलग नीडल प्रयोग की जाती हो। दवा के साथ-साथ खाने-पीने का परहेज भी रखना जरूरी है।

    काला पीलिया के लक्षण

    • सिर में दर्द रहना, बुखार होना।
    • उल्टी आना और भूख कम लगना।
    • त्वचा में खुजली और थकान महसूस होना।
    • त्वचा और आंखों का सफेद भाग पीला पड़ जाना।
    • मल पीला और मूत्र गाढ़ा आना।

    कैथल में सिविल सर्जन डॉ. रेनू चावला ने बताया कि हेपेटाइटिस सी व बी की जांच व इलाज को लेकर लोगों को निशुल्क सुविधा है। पहले सैंपल किट न होने के कारण दिल्ली व करनाल लैब में सैंपल भेजे जाते थे, अब जिला मुख्यालय पर ही सैंपल किट आने से लोगों के सैंपल लेकर जांच हो सकेगी। रिपोर्ट भी जल्द ही उपलब्ध हो जाएगी।

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