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    हरियाणा सरकार ने मानी राइस मिलर्स की मांगे, इसके बाद भी मंडियों में कम बिका धान; 5 मंडियों में नहीं हुई बिक्री

    Updated: Thu, 25 Sep 2025 12:52 PM (IST)

    कैथल में राइस मिलर्स की अधिकतर मांगें सरकार द्वारा मान ली गई हैं जिसके बाद उन्होंने धान की मिलिंग शुरू कर दी है। कैथल मंडी में लगभग साढ़े तीन हजार क्विंटल धान की खरीद हो चुकी है और 108 मिलर्स ने पंजीकरण करवाया है। मिलर्स को 100 किलोग्राम में एक किलो फोर्टिफाइड चावल मिलाकर देना होगा।

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    मंडियों में बढ़ने लगी धान की आवक और उससे लबालब नई अनाज मंडी

    जागरण संवाददाता, कैथल। राइस मिलर्स की सरकार ने अधिकतर मांगें मान ली हैं। इसके बाद मिलर्स धान की मिलिंग के लिए राजी हो गए। मिलर्स ने पोर्टल पर पंजीकरण कराने के साथ धान की खरीद भी शुरू कर दी है। कैथल मंडी में साढ़े तीन हजार क्विंटल के करीब धान की खरीद हो चुकी है। कैथल में 108 के करीब राइस मिलर्स ने पंजीकरण करवाया है। दो तीन दिनों में धान की खरीद में तेजी आएगी।

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    फोर्टिफाइड चावल देना होगा

    राइस मिलर्स को 100 किलोग्राम में एक किलो फोर्टिफाइड चावल मिलाकर देना होगा, यानि 100 दानों में एक दाना मिलाना होगा, इसके लिए टेंडर होंगे, अच्छी कंपनियों को टेंडर अलॉट किए जाएंगे। बैच नंबर नंबर सहित सभी नियम पूरे करने होंगे। देश के गरीब लोगों में इस चावल का वितरण होता है। जरूरी पोषक तत्व न मिलने से स्वास्थ्य पर इसका बुरा असर पड़ता है।

    पीआर धान की खरीद शुरू

    राइस मिलर्स एवं डीलर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष अमरजीत छाबड़ा ने कहा कि राइस मिलर्स ने पीआर धान की खरीद शुरू कर दी है। धान में नमी की मात्रा ज्यादा आ रही है, इसलिए धान को सुखाकर लाएं। मिलर्स की कुछ मांगें अधूरी रह गई थी, अब सरकार ने मान ली हैं। बैंक गारंटी पिछले साल वाली ही रहेगी, इसमें कोई बढ़ोतरी नहीं होगी, पिछले साल 10 लाख रुपये थी, इस बार भी वही रहेगी।

    इसके अलावा चावल में जो 25 प्रतिशत टुकड़ा निकलता है, इसमें से दस प्रतिशत टुकड़े की चावल में खपत होगी। बचे 15 प्रतिशत टुकड़े की डिस्टलरी खरीद करेगी, यह सीधा राइस मिलर्स से डिस्टलरी में जाएगा।

    सरकारी खरीद शुरू होने के तीसरे दिन पीआर धान की खरीद में कोई विशेष सुधार नहीं हुआ। बुधवार तक 11 जिलों में धान पहुंचा, इनमें से छह जिलों में खरीद हुई। सबसे अधिक कुरुक्षेत्र और सबसे कम पानीपत में खरीद हुई। मंडियां धान से अटने लगी हैं। खरीद ना होने का बड़ा कारण धान में 17 प्रतिशत से अधिक नमी है। दूसरा कारण मेरी फसल-मेरा ब्योरा पोर्टल पर पंजीकरण का सत्यापन नहीं होना भी है। धान नहीं बिकने के कारण किसान कई दिनों से मंडियों में इंतजार कर रहे हैं।

    बुधवार तक 11 जिलों में 91490 मीट्रिक टन पीआर धान की आवक हुई। इसमें से 25811 मीट्रिक टन की ही खरीद हो सकी। 65689 मीट्रक धान अभी भी मंडियों फैला है। अंबाला में तो यह सड़कों तक आ गया है।

    जानिये, जिलों की स्थिति

    अंबाला जिला की मंडियों में अब तक कुल 4100 गेट पास काटे गए हैं। जिनमें अब तक 22 हजार 640 मीट्रिक टन धान की आवक हुई है। इसमें से चार हजार 288 मीट्रिक टन धान की खरीद कर ली गई है। नारायणगढ की मंडी में सबसे अधिक और नन्यौला की मंडी में अब तक सबसे कम धान पहुंचा है। l यमुनानगर में 12 हजार मीट्रिक टन से अधिक पीआर धान मंडियों में पड़ा है। यहां अब 3186 गेटपास कटे हैं। अभी तक 3472 टन की खरीद हो चुकी है। कैथल में 3489 मीट्रिक टन की आवक हुई है। इसमें से 138 टन धान बिका है।

    इन जिलों में आवक बढ़ी, पर नहीं हुई खरीद

    प्रदेशभर के पांच जिलों जींद, हिसार, करनाल, फतेहाबाद और सोनीपत में धान की आवक बढ़ गई है, लेकिन यहां पर खरीद नहीं हुई। जींद में 347, हिसार में 65, करनाल में 3400, फतेहाबाद में 139 और सोनीपत में 69 मीट्रिक टन धान की आवक हुई है। इन पांचों जिलों में से कहीं पर धान की खरीद नहीं हुई, जिससे वहां के किसान परेशान हैं।

    पोर्टल पर सत्यापन नहीं होने से खरीद धीमी रोहेड़ि़या के किसान बिंटू जागलान ने बताया कि पिछले दो दिनों से पीआर धान लेकर आया हूं। नमी भी कम है, लेकिन एमएसपी पर खरीद नहीं हो रही। 2150 रुपये प्रति क्विंटल रेट दे रहे हैं। पीआर का एमएसपी 2389 रुपये है, मिलर्स नमी बताकर कम रेट लगा रहे हैं। सरकार दावा कर रही है, एमएसपी पर खरीद हो रही है, लेकिन मंडियों में खरीद एमएसपी से कम हो रही है।

    पीआर धान उत्पादक किसानों ने मेरी फसल-मेरा ब्योरा पोर्टल पर पंजीकरण किया था। अब किसान मंडियों में धान लेकर पहुंच रहे हैं। यहां पोर्टल पर सत्यापन नहीं होने के कारण गेट पास नहीं कट रहे हैं। किसान अब चक्कर काट रहे हैं। मुख्यालय की ओर से सत्यापन नहीं होने से मुसीबतें बढ़ गई हैं।

    कहां कितने राइस मिलर्स ने कराया रजिस्ट्रेशन

    जिला पंजीकरण

    कैथल 108

    सिरसा 2

    अंबाला 45

    करनाल 30

    फतेहाबाद 140

    इन जिलों में नहीं कराया कोई भी पंजीकरण

    यमुनानगर में अभी तक किसी भी मिलर ने पंजीकरण नहीं कराया, जबकि पिछली बार 190 ने कराया था। जींद में भी अभी तक कोई पंजीकरण नहीं हुआ है, जबकि पिछले वर्ष 32 ने मिलिंग की थी। कुरुक्षेत्र में सबसे अधिक खरीद हो चुकी है, लेकिन किसी भी राइस मिलर ने पंजीकरण नहीं कराया है। पानीपत में भी किसी मिलर ने पंजीकरण नहीं कराया।

    जिलों में आवक और खरीद की स्थिति

    मंडी आवक खरीद

    अंबाला 24,186 8,476

    कैथल 3,489 138

    कुरुक्षेत्र 34,917 11,294

    पंचकूला 4,870 2,424

    पानीपत 1456

    यमुनानगर15,326 3,472