हरियाणा के कैथल में चुनावी रंजिश से बढ़ता आक्रोश, घरों में ताले लगा पलायन की तैयारी
कैथल में चुनावी रंजिश का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। एक पक्ष के ग्रामीण बोले सुनवाई नहीं हुई तो घरों को ताले लगाकर करेंगे पलायन। एक दूसरे पक्ष पर ग्रामीण कार्रवाई की मांग को लेकर सचिवालय पहुंचे। घटना की जांच के लिए एसआइटी गठित हुई।
कैथल, जागरण संवाददाता। कैथल के गांव सजूमा में चुनावी रंजिश को लेकर छिड़ा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। मंगलवार को गांव के दोनों पक्षों के लोग जिला सचिवालय में पहुंच गए। जैसे ही पुलिस को इस बारे में सूचना मिली तो पुलिस भी हाई अलर्ट पर रही। सचिवालय में भारी संख्या में पुलिस की तैनाती कर दी गई।
सुबह दस बजे दोनों पक्षों के ग्रामीण सचिवालय में पहुंच गए थे। हालांकि एक पक्ष के लोग सचिवालय के पार्क में तो दूसरे पक्ष के लोग सचिवालय के पीछे खाली मैदान में मौजूद रहे। एक पक्ष की तरफ से ग्रामीण दलबीर और संदीप ने आरोप लगाया कि पुलिस की मिलीभगत से यह सब हुआ है। घटना के दिन भी पुलिस दो घंटे देरी से गांव में पहुंची थी। अगर जिला प्रशासन उनकी सुनवाई नहीं करता है तो सभी अपने घरों को ताला लगाकर गांव से पलायन कर लेंगे।
इस विवाद को जातीय रंग दिया जा चुका है। चुनाव में उनका उम्मीदवार हार गया था। जीते हुए उम्मीदवार के समर्थकों ने गांव के चौराहे पर उनकी तरफ आपत्तिजनक इशारे किए। उन्हें रोकने का प्रयास किया तो लाठी डंडों और गंडासियों से उन पर ही हमला कर दिया। पुलिस ने भी अभी तक उन पर ही केस दर्ज किए हैं, जबकि दूसरे पक्ष के लोग आजाद घूम रहे हैं। सोमवार को वे शिकायत देने के लिए कलायत थाना गए थे, लेकिन वहां पुलिस ने शिकायत लेना तो दूर उल्टा उन्हें ही हिरासत में ले लिया।
करीब दो घंटे बाद एक पक्ष के 11 लोग डीसी और एसपी से मिले। अधिकारियों ने उन्हें आश्वासन दिया है कि मामले की निष्पक्ष जांच की जाएगी। अगर किसी पुलिस अधिकारी ने गलत किया है तो उसको वहां से बदल दिया जाएगा। मामले की जांच के लिए एसआइटी का गठन किया जाएगा। उसके बाद एक पक्ष के ग्रामीण वहां से चले गए।
हम मंदिर में पूजा करने गए थे
वहीं दूसरे पक्ष की तरफ से रणधीर, कृष्ण ने आरोप लगाया कि उनका उम्मीदवार जिला परिषद और ब्लाक समिति में जीत गया था। रविवार शाम को वे गांव के मंदिर में पूजा करने के लिए जा रहे थे। उसी समय दूसरे पक्ष के लोगों ने उन पर हमला कर दिया। उनके वाहन तोड़ दिए गए। उन्हें जातिसूचक शब्द भी कहे गए। उन्होंने वहां से भाग कर जान बचानी पड़ी। उनकी मांग हैै कि पुलिस जल्द से जल्द मारपीट करने वाले सभी आरोपितों को गिरफ्तार करे। जिस पक्ष ने विवाद किया है गांव के मंदिर और स्कूल उनकी तरफ ही हैं। ऐसे में तो आगे से ना स्कूल जा पाएंगे और ना ही मंदिर में पूजा कर सकेंगे। मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।
"गांव सजूमा में हुए विवाद को लेकर दोनों पक्षों के लोग उनसे मिले थे। दोनों पक्षों को उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है। इस मामले की जांच अब एसआइटी करेगी। डीएसपी गुहला सुनील कुमार इसका नेतृत्व करेंगे। गांव में लोगों से भी शांति की अपील की जा रही है। शांति बनाए रखने के लिए दिन में 50 और रात को भी 50 पुलिस कर्मचारी तैनात किए गए हैं। पुलिस की तरफ से निष्पक्ष कार्रवाई की जा रही है।"
- मकसूद अहमद, एसपी कैथल।