किठाना गांव में पानी की निकासी नहीं होने से जगह- जगह फैली गंदगी
किठाना गांव के लोगों को मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल रही है। गांव की सबसे विकट समस्या पानी की निकासी न होना है। पानी निकासी नहीं होने के कारण जगह- जगह गंद ...और पढ़ें

संवाद सहयोगी, राजौंद: किठाना गांव के लोगों को मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल रही है। गांव की सबसे विकट समस्या पानी की निकासी न होना है। पानी निकासी नहीं होने के कारण जगह- जगह गंदगी फैली हुई है। इससे पीलिया, डायरिया व मलेरिया जैसी बीमारी फैलने का खतरा रहता है। खेल स्टेडियम का गांव में अभाव है। युवाओं को सड़कों पर दौड़ लगाने के लिए मजबूर होना पड़ता है। ग्रामीण का कहना है कि गांव की समस्याओं के बारे में कई बार प्रशासन को अवगत करवा चुके है, लेकिन कोई समाधान नहीं हो रहा है। ग्रामीणों ने मांग की है कि मूलभूत सुविधाओं की तरफ ध्यान दिया जाए, ताकि लोगों को परेशानी न हो।
पीने के पानी की परेशानी- प्रदीप
ग्रामीण प्रदीप ने बताया कि गांव में पीने का पानी की समस्या है। महिलाओं को सुबह दूरदराज के क्षेत्र से पानी लाना पड़ता है। खेतों में लगे ट्यूबवेल से पानी लेकर आते है। पानी की समस्या को लेकर कई बार प्रशासन को अवगत करवा चुके है, लेकिन कोई समाधान नहीं हो रहा है। सरकार से मांग है कि गांव में पानी की समस्या से निपटारा दिलवाया जाना चाहिए, ताकि पानी के लिए तरसना न पड़े।
बस स्टैंड की नहीं सुविधा-
ग्रामीण शुभम ने बताया कि गांव में कोई बस स्टैंड की सुविधा नहीं है। बस चालक भी बस स्टैंड न होने के कारण बस आगे पीछे रोकते है। विद्यार्थियों व यात्रियों को तेज धूप व ठंड में खड़े होकर बसों का इंतजार करना पड़ता है। सरकार को बस स्टैंड या बस शेल्टर का की व्यवस्था करनी चाहिए, ताकि यात्रियों को परेशानी न हो। गलियों में जगह- जगह कीचड़ भरा हुआ है। बरसात के समय गलियों से निकलना दुभर हो जाता है। इसलिए गलियों की तरफ विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।
गलियों व नालियों की नहीं हो रही सफाई: शमशेर
ग्रामीण शमशेर ने बताया कि गांव में सफाई व्यवस्था चरमराई हुई है। जगह जगह गंदगी के ढेर लगे हुए है। गलियों की सफाई न होने के कारण बीमारियों के फैलने का खतरा रहता है। नालियों की सफाई नहीं हो रही है। प्रशासन को इसका जल्द समाधान करना चाहिए, समाधान नहीं हुआ तो ग्रामीणों के बीमारियों की चपेट में आने का खतरा बना रहेगा। गंदा पानी की निकासी के लिए भी कोई व्यवस्था नहीं है। उसकी तरफ भी ध्यान देने की आवश्यकता है।
यह है गांव का इतिहास
किठाना गांव का इतिहास महाभारतकालीन हैं। ग्रामीणों ने अनुसार गांव में यक्ष का जो मंदिर है उसकी काफी मान्यता है। गांव में स्वामी सीता राम का ऐतिहासिक मंदिर जहां ग्रामीण पूजा अर्चना करते हैं। गांव की आबादी 15 हजार के करीब है। 6700 मतदाता हैं, 60 प्रतिशत जनसंख्या साक्षर हैं।
विकास कार्य करवाए गए।
सरपंच प्रतिनिधि कृष्ण कुमार ने बताया कि गांव में सरकार के साथ मिलकर विकास कार्य करवाए गए। पीने के पानी की गांव में आवश्यकता है। इसकी तरफ ध्यान देना चाहिए। ट्यूबवैल लगाने चाहिए, ताकि पानी की समस्या न रहे। पानी निकासी के लिए सीवरेज व्यवस्था का प्रबंध करना चाहिए। ताकि गलियों में गंदा पानी न खड़ा रहे।

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