सुरक्षा के लिए बच्चों में सही और गलत की समझ होनी जरूरी : अनिल मलिक
हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद की राज्य स्तरीय परियोजना बाल सलाह परामर्श व कल्याण केंद्रों की स्थापना के अंतर्गत वीरवार को गांव रोहेड़ा के राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय की छात्राओं के लिए 130वें मनोवैज्ञानिक परामर्श केंद्र की स्थापना राज्य नोडल अधिकारी अनिल मलिक ने की।
संवाद सहयोगी, राजौंद : हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद की राज्य स्तरीय परियोजना बाल सलाह परामर्श व कल्याण केंद्रों की स्थापना के अंतर्गत वीरवार को गांव रोहेड़ा के राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय की छात्राओं के लिए 130वें मनोवैज्ञानिक परामर्श केंद्र की स्थापना राज्य नोडल अधिकारी अनिल मलिक ने की।
बच्चों के व्यक्तित्व पर वातावरण का पड़ता अधिक प्रभाव
मुख्य वक्ता के तौर पर संबोधित करते हुए अनिल मलिक ने कहा कि मनोवैज्ञानिक तथ्य है कि बच्चों के व्यक्तित्व विकास पर अनुवांशिकी से कहीं अधिक प्रभाव वातावरण का पड़ता है। घर के बड़े सदस्यों, शिक्षकों का बच्चों के प्रति आचरण, उनका व्यक्तित्व एवं चरित्र बालमन को प्रभावित करता है। मनोवैज्ञानिक प्रेरणा आंतरिक उत्तेजनाओं पर आधारित व्यवहार है। बाल सुरक्षा के लिए जरूरी है सही और गलत की समझ, जागरूकता, सतर्कता, व्यावहारिक समझ। बच्चों को व्यावहारिक ज्ञान दें और बताएं कि शब्दों के पीछे की भावना, ²ष्टि और स्पर्श सुखद व सहज होना चाहिए।
बच्चों से खुलकर करें बात
उन्होंने कहा कि बच्चों को भी चाहिए कि माता-पिता को खुलकर बताएं कि वास्तविक रूप में आपकी जिदगी में चल क्या रहा है। अगर आप उनको बातें नहीं बताएंगे तो वह आप पर पूरा भरोसा नहीं कर पाएंगे और भरोसा नहीं होगा तो वह आपको ज्यादा आजादी कैसे देंगे। उन्होंने छात्राओं से आह्वान किया कि समय रहते माता-पिता से एक बेहतर समझ विकसित करते हुए उन्हें अपना दोस्त बनाएं। उनका विकास ऐसा होना चाहिए कि खुद आप अपने रोल माडल बनें। इसके लिए जरूरी है कि वे अपनी बुनियाद मजबूत करें, तुलना नहीं। जैसे हैं वैसे ही बने रहे। मनोभावों की अभिव्यक्ति जरूरी है। कार्यक्रम अधिकारी मलकीत सिंह ने कहा कि बच्चों को शोषण से बचे रहने के लिए जागरूक रहना चाहिए। आवश्यकता पड़ने पर 1098 चाइल्ड हेल्पलाइन का नंबर डायल कर सकते हैं, लेकिन उससे पहले माता-पिता से सारी बातें सांझा करते रहना जरूरी है। यह जरूरत किशोरावस्था में बढ़ जाती है क्योंकि यह एक निरंतर बदलाव और विकास की उम्र है। कार्यक्रम की संयुक्त अध्यक्षता स्कूल प्रिसिपल सिकंदर सिंह, एबीआरसी पवन कुमार, रीनू ढांडा, बलजीत व जितेंद्र की विशेष भूमिका रही।