Haryana Board Result 2025: कैथल के अर्पण दीप सिंह ने 99.4 % मार्क्स के साथ किया टॉप, CA बनने का है सपना
हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के 12वीं के नतीजों में कैथल के अर्पण दीप सिंह ने 99.4% अंकों के साथ टॉप किया है। स्योंमाजरा गांव के अर्पण ने 500 में से 497 अंक हासिल कर प्रदेश में पहला स्थान प्राप्त किया। अर्पण चार्टर्ड अकाउंटेंट बनना चाहते हैं और देश सेवा का संकल्प रखते हैं। उनकी इस उपलब्धि से गांव और स्कूल में जश्न का माहौल है।

जागरण संवाददाता, कैथल। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय स्योंमाजरा के छात्र अर्पणदीप सिंह ने हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड की 12वीं कक्षा के परीक्षा परिणामों में पूरे प्रदेश में टॉप कर इतिहास रच दिया है।
अर्पण ने 500 में से 497 अंक प्राप्त कर 99.4 प्रतिशत अंक हासिल किए और प्रदेश की टॉप 10 सूची में पहला स्थान प्राप्त किया। अर्पण दीप ने पंजाबी, अकाउंटेंसी और इकोनामिक्स में पूरे 100 में से 100 अंक हासिल किए। अंग्रेजी में 99 और बिजनेस स्टडीज में 98 अंक लेकर उसने अपने मेहनत और लगन का लोहा मनवाया। अर्पणदीप सिंह चार्टर्ड अकाउंटेंट यानी सीए बनना चाहते हैं।
गांव व स्कूल में मना जश्न
जैसे ही बोर्ड परिणाम घोषित हुए और स्कूल को अर्पण की इस ऐतिहासिक उपलब्धि की जानकारी मिली, पूरे गांव में खुशी की लहर दौड़ गई। ग्रामीणों ने स्कूल पहुंचकर ढोल-नगाड़ों के साथ जश्न मनाया। स्कूल स्टाफ ने अर्पण को फूल-मालाओं से लादकर उसका सम्मान किया और मिठाई बांटी। इस अवसर पर स्कूल में उत्सव जैसा माहौल बन गया।
मेहनत और अनुशासन की कहानी
किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाले अर्पण दीप सिंह ने बताया कि वे सुबह आठ बजे स्कूल पहुंच जाते थे और दोपहर 2:30 बजे तक कक्षाओं में भाग लेते थे। इसके बाद घर आकर दो घंटे आराम करते और फिर वही पढ़ाई करते जो स्कूल में पढ़ाया गया। जनवरी और फरवरी में उन्होंने पूरे पाठ्यक्रम का दोबारा रिवीजन किया।
छुट्टियों में वे सात-आठ घंटे पढ़ाई करते थे, जबकि स्कूल वाले दिनों में तीन-चार घंटे अध्ययन करते। जितना स्कूल में पढ़ते थे, उतना ही समय वह घर आकर भी पढ़ा करते थे। उन्होंने कहा, हरियाणा में टॉप करना मेरे लिए भी सरप्राइज था। परिणाम देखकर ही मुझे पता चला कि मैंने प्रदेश में पहला स्थान प्राप्त किया है।
सोशल मीडिया से दूरी, लक्ष्य पर फोकस
अर्पणदीप ने बताया कि वे सामान्य समय में सोशल मीडिया का प्रयोग करते थे, लेकिन परीक्षा के दौरान उन्होंने इससे पूरी तरह दूरी बना ली। उनके अनुसार, सोशल मीडिया बुरा नहीं है, यह हम पर निर्भर करता है कि हम उसमें क्या खोजते हैं। किस तरह की पोस्ट पर अपना समय लगाते हैं। सोशल मीडिया पर सीखने का बहुत कुछ है।
अध्यापक बने मार्गदर्शक
अर्पण ने अपने स्कूल और शिक्षकों की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि उनके स्कूल के किसी भी शिक्षक ने कभी भी कक्षा मिस नहीं की। सभी अध्यापक नियमित रूप से पढ़ाते रहे और परीक्षा की पूरी तैयारी में सहयोग किया।
10वीं में 87.6 प्रतिशत अंक, अब टॉप
अर्पण ने बताया कि 10वीं कक्षा में उन्होंने 87.6 प्रतिशत अंक प्राप्त किए थे, लेकिन 11वीं के बाद उन्होंने ठान लिया था कि अब पूरे दमखम से पढ़ाई करेंगे। 12वीं कक्षा में भी उन्होंने यही रुटीन बनाकर रखा। उनका लक्ष्य चार्टर्ड अकाउंटेंट बनना है।
देश सेवा का संकल्प
अर्पण दीप सिंह ने युवाओं को संदेश दिया कि वे विदेश जाकर काम करने के बजाय देश में ही रहकर कुछ बड़ा करें। उन्होंने कहा, विदेश में जाकर दिहाड़ी ही करनी है, उससे बेहतर है कि हम अपने देश में रहकर देश की सेवा करें।
माता-पिता की आंखों में खुशी
अर्पण के पिता यादविंद्र सिंह गांव में खेती-बाड़ी करते हैं और मां रमनदीप कौर गांव में ही बुटिक चलाती हैं। उनकी मां ने भावुक होकर कहा, मेरे पास अपने बेटे की इस उपलब्धि के लिए शब्द नहीं हैं, मैं बहुत खुश हूं।
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