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    गाय के पांच तत्वों में छिपा सभी बीमारियों का इलाज

    By JagranEdited By:
    Updated: Mon, 26 Jun 2017 11:53 PM (IST)

    कर्मपाल गिल, जींद गाय के पांच तत्वों गोमूत्र, घी, गोमय, छाछ, दूध में सभी बीमारियों का इलाज छि

    गाय के पांच तत्वों में छिपा सभी बीमारियों का इलाज

    कर्मपाल गिल, जींद

    गाय के पांच तत्वों गोमूत्र, घी, गोमय, छाछ, दूध में सभी बीमारियों का इलाज छिपा हुआ है। दुर्भाग्य है कि हमारे देश में गाय को गोमाता तो कहते हैं, लेकिन उसके विज्ञान को कोई नहीं समझ रहा है। जब देश आजाद हुआ, तब आबादी के बराबर गाय थी और एक रुपया एक डॉलर के बराबर था। आज देश में मुश्किल से 65 करोड़ गाय हैं तो डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत भी इतनी ही रह गई है। गाय को देश की अर्थव्यवस्था के साथ जोड़ दिया जाए तो भारत अगले कुछ सालों में आर्थिक रूप से इतना मजबूत हो जाएगा कि व‌र्ल्ड बैंक को भी खरीद सकता है। यह कहना है कि स्व. राजीव दीक्षित के सहयोगी डॉ. निरंजन वर्मा का।

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    अग्रवाल धर्मशाला में दो दिवसीय शिविर में पहुंचे डॉ. निरंजन ने दैनिक जागरण से बातचीत में कहा कि हमारा शरीर पांच तत्वों से बना है और गाय में वही पांचों तत्व हैं। गाय के गोबर में 22.5 फीसदी मिट्टी है। दूध में 86 फीसदी शुद्ध जल है। गोमूत्र में 22 फीसदी शुद्ध वायु है। घी में अग्नि है और छाछ में आकाश है। शरीर में इन पांचों तत्वों का संतुलन बिगड़ने पर बीमारी होती है। इंसान की नाड़ी और नाभि देखकर पता चला जाता है कि इन पांचों तत्वों में से शरीर में किसकी कमी है।

    उन्होंने कहा कि 17वीं शताब्दी में देश में नाड़ी-नाभि के ज्ञान से ही इलाज होता था। अब पंचगव्य गुरुकुलुम विश्वविद्यालय इसको पुनर्जीवित कर रहा है। देशभर में पंचगव्य मेडिकल साइंस के 1500 से ज्यादा डॉक्टर हैं और 17 राज्यों में गुरुकुलम विद्यापीठ हैं, जिनमें पंचगव्य का एक साल का कोर्स कराया जाता है। पंचगव्य से थैलेसीमिया, मधुमेह, ब्लड प्रेशर समेत सभी बीमारियों का इलाज हो सकता है। उन्होंने दावा किया कि कैंसर का जड़मूल से इलाज सिर्फ पंचगव्य से ही हो सकता है।

    गाय के महत्व से लोग दूर क्यों होते गए, इस पर डॉ. निरंजन ने कहा कि बीते 350 साल में अंग्रेजों के आने के बाद गाय के विज्ञान पर कोई पढ़ाई नहीं हुई, जिस कारण लोगों को इसकी विशेषताओं का पता नहीं चल पाया। वह सवाल करते हैं कि जब लोगों को किसी चीज के गुण का पता नहीं चलेगा तो उसकी कद्र कैसे होगी।

    गाय से रोज कमा सकते तीन हजार रुपये

    गव्यसिद्धाचार्य डॉ. निरंजन वर्मा ने कहा कि गाय कभी किसी का कुछ लेती नहीं, बल्कि देती है। हम गाय को एक रोटी देते हैं तो वह हमें गोमय यानि गोबर से दस गुणा देती है। गाय के अर्थशास्त्र का गणित बताते हुए उन्होंने कहा कि एक गाय से हर रोज तीन हजार रुपये की कमाई हो सकती है। गाय से रोज कम से कम पांच लीटर दूध, तीन लीटर गोमूत्र और दस किलो गोबर मिलता है। इनसे दवाई, सैनेट्री का सामान, कॉस्मेटिक्स और अन्य चीजें बनाई जा सकती हैं।