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सरपंचों का कार्यकाल खत्म, गांवों में कोई अगुआई करने वाला नहीं, बढ़ रहा संक्रमण

गांवों में कोरोना का संक्रमण लगातार बढ़ रहा है। कई गांवों में रोज मौत हो रही हैं बावजूद इसके ग्रामीणों को जागरूक करने सैनिटाइज करने के लिए अगुआई करने वाला कोई नहीं है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 11 May 2021 09:49 AM (IST)Updated: Tue, 11 May 2021 09:49 AM (IST)
सरपंचों का कार्यकाल खत्म, गांवों में कोई अगुआई करने वाला नहीं, बढ़ रहा संक्रमण

कर्मपाल गिल, जींद

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गांवों में कोरोना का संक्रमण लगातार बढ़ रहा है। कई गांवों में रोज मौत हो रही हैं, बावजूद इसके ग्रामीणों को जागरूक करने, सैनिटाइज करने के लिए अगुआई करने वाला कोई नहीं है। कारण यह है कि सरपंचों का कार्यकाल खत्म हो चुका है और पंचायत विभाग कार्यालय स्लीपिग मोड में गया हुआ है।

प्रदेश में पिछले साल लॉकडाउन के दौरान ज्यादातर गांवों में ठीकरी पहरे लगाए गए थे। गांवों में बाहर से आने वालों की इंट्री पर बैन लगा दिया था। हाथों को सैनिटाइज करने के बाद ही किसी को गांव की सीमा के अंदर इंट्री करने दी जाती थी। तब यह सारा काम सरपंचों की अगुआई में चला था। अब ऐसा कुछ नहीं है। प्रदेश सरकार ने बीती 23 फरवरी को सरपंचों से चार्ज वापस ले लिया था। इस कारण अब अधिकतर निवर्तमान सरपंच शांत बैठे हैं और कोरोना संक्रमण रोकने के लिए कोई अभियान नहीं चला रहे हैं। रूपगढ़ के निवर्तमान सरपंच संदीप अहलावत बताते हैं कि पिछली बार सरपंचों ने गांव के युवाओं को साथ लेकर ठीकरी पहरे के लिए टीमें बनाई थी। गांव की हर गली को सैनिटाइज करवाया था। हुक्के व ताश की मंडलियों को खत्म कराया था। अब प्रशासन गांवों की कोई संभाल नहीं कर रहा है। इसलिए गांवों में लोग खुलेआम घूम रहे हैं। यही कारण है कि जिले के गांव घिमाना, किलाजफरगढ़, खोखरी, छातर, रधाना, रूपगढ़, राजपुरा भैण में मई महीने में बुखार व हार्टअटैक से काफी मौत हो चुकी हैं।

किलाजफरगढ़ में एक माह में 20 मौत, दहशत में ग्रामीण

जुलाना के गांव किलाजफरगढ़ में एक माह में 20 मौत हो चुकी हैं, जिससे ग्रामीणों में दहशत का माहौल बना हुआ है। सोमवार को भी गांव में चार मौतें हुई। ग्रामीणों के अनुसार सभी मौतें बुखार के चलते हुई हैं। तीन चार दिन तक लगातार बुखार के बाद सांस लेने में परेशानी हो रही है। कई मरीजों ने तो अस्पताल में पहुंचने से पहले दम तोड़ दिया। ग्रामीण कोरोना के डर से जांच नहीं करा रहे हैं, जिसका सीधा खमियाजा उन्हें मौत ग्रास बनकर भुगतना पड़ रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि हर घर में बुखार के मरीज हैं, लेकिन स्वास्थ्य विभाग की टीम ने रक्त के सैंपल भी नहीं लिए हैं। एसएमओ जुलाना डा. नरेश वर्मा ने कहा कि गांव में रविवार को ही विशेष अभियान चलाकर 175 लोगों कोरोना वैक्सीन लगाई गई है। गांव में कोरोना सैंपलिग भी की जाएगी।

रधाना में 10 दिन में 15 मौत, रविवार को 4 मरे

जींद के नजदीकी गांव रधाना में बुखार व हार्ट अटैक से बीते 10 दिन में 15 मौत हो चुकी हैं। गांव के निवर्तमान सरपंच नरेश चहल ने कहा कि गांव कोरोना का हॉटस्पॉट बना हुआ है। प्रशासन ने देरी से जागते हुए सोमवार को सैंपलिग अभियान चलाया। रविवार को ही गांव में चार लोगों की मौत हुई। बीते दस दिन से हर रोज लगातार मौत हो रही हैं। इनमें 50 साल से कम उम्र के भी काफी लोग शामिल हैं। गांव में लोग अब भी समूह में बैठकर ताश खेल रहे हैं और हुक्के भी पी रहे हैं।

दो गांवों में पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम, रधाना सरपंच पॉजिटिव

स्वास्थ्य विभाग की टीम ने सोमवार को गांव रधाना व राजपुरा भैण में कोरोना सैंपलिग अभियान चलाया। रधाना में रैपिड किट के जरिए 140 लोगों के सैंपल लिए, जिनमें से 14 पॉजिटिव मिले। इनमें गांव के निवर्तमान सरपंच नरेश भी शामिल हैं। यानि हर दसवां व्यक्ति पॉजिटिव मिला। सभी पॉजिटिव को घर में आइसोलेट रहने की हिदायत दी गई है। जबकि राजपुरा भैण में आरटीपीसीआर से 95 लोगों के सैंपल लिए। इनकी रिपोर्ट एक-दो दिन में आएगी।

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डीसी बोले: गांवों में विशेष सैंपलिग व टीकाकरण अभियान चलाएंगे

सवाल: गांवों में कोरोना के केस बहुत ज्यादा बढ़ रहे हैं?

जवाब: यह सही है। सोमवार को चार गांवों में विशेष सैंपलिग कराई गई। इनमें 140 में से 14 लोग पॉजिटिव मिले हैं। रधाना, राजपुरा भैण, किलाजफरगढ़ में कई मौतों की सूचना मिली है। गांवों के लोगों से अपील है कि इकट्ठे बैठकर ताश खेलना बंद कर दें। मास्क लगाकर रखें व जरूरी काम से घर से बाहर निकलें।

सवाल: गांवों के सरपंचों का कार्यकाल खत्म हो चुका है। संक्रमण रोकने की मुहिम नहीं चल रही है?

जवाब: इस बारे में प्रशासन योजना बना रहा है। एक-दो रूपरेखा तैयार कर ली जाएगी। पूर्व सरपंचों, पंचों व भावी उम्मीदवारों की भी मदद लेंगे। गांवों को सैनिटाइजेशन करने, मास्क पहनने, वैक्सीनेशन कराने के लिए प्रति लोगों को जागरूक करेंगे।


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