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    Heart Of Haryana: आखिर 'जींद' क्‍यों कहलाता है हरियाणा का दिल, जानें क्‍या है सबसे पुराने शहर की कहानी

    By Himani SharmaEdited By: Himani Sharma
    Updated: Sun, 11 Jun 2023 01:56 PM (IST)

    Heart Of Haryana हरियाणा में स्थित जींद को हार्ट ऑफ हरियाणा कहा जाता है। यह माना जाता है कि यह शहर सबसे पुराना शहर है। ऐतिहासिक और धार्मिक दृष्टि से जींद काफी महत्वपूर्ण है। शिव की पूजा के लिए पवित्र कई मंदिरों के लिए जींद प्रसिद्ध है।

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    आखिर 'जींद' क्‍यों कहलाता है हरियाणा का दिल, जानें क्‍या है सबसे पुराने शहर की कहानी

    जींद, ऑनलाइन डेस्‍क: जींद भारत के हरियाणा राज्‍य के जिलों का सबसे बड़ा और पुराना शहर है। इस शहर को हरियाणा का दिल कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि यहां पांडवों ने जयंती देवी (विजय की देवी) के सम्‍मान में मंदिर बनवाया था। बता दें कि कौरवों के खिलाफ लड़ाई में जीत के लिए पांडवों ने जयंती देवी का आह्वान किया था।

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    धीरे-धीरे मंदिर के चारों ओर शहर का विकास हुआ इसलिए जैतापुरी का नाम जींद हो गया। यह भी माना जाता है कि सिख महाराजा रणजीत सिंह ने इस शहर का नाम अपनी सबसे छोटी रानी महारानी जिंद कौर के नाम पर रखा था। क्‍योंकि यह शहर तत्‍कालीन पटियाला रियासत के अधीन था। जींद को हरियाणा की सियासी राजधानी भी कहा जाता है।

    पांच बार बर्बाद हुआ था शहर

    अवशेषों की खुदाई से पता चलता है कि जींद पांच बार बर्बाद हुआ था। लेकिन हर बार यह जोश के साथ फिर से बढ़ता गया। ऐसा कहा जाता है कि भगवान राम सीता के स्‍वयंवर के समय शिव के धनुष को तोड़ने के लिए इस शहर से गुजरे थे।

    भूतेश्वर मंदिर है प्रसिद्ध

    शिव की पूजा के लिए पवित्र कई मंदिरों के लिए जींद प्रसिद्ध है। जींद के शासक रघबीर सिंह ने एक मंदिर बनवाया, जिसे भूतेश्वर मंदिर के नाम से जाना जाता है, जिसके चारों ओर एक बड़ा टैंक है, जिसे स्थानीय रूप से रानी तालाब के नाम से जाना जाता है।

    ऐतिहासिक है जींद का नरवाना

    जींद जिले में एक शहर नरवाना है, जिसका भी एक इतिहास रह चुका है। बता दें कि निर्वाण का अर्थ मोक्ष होता है इसी से इस नगर का नाम नरवाना पड़ा। इसका नाम बाबा गैबी साहिब मंदिर के पास निर्वाण झील के नाम पर रखा गया था। कहा जाता है कि एक सूफी संत हजरत गैबी साहिब थे, जो रहस्‍यमय तरीके से जमीन में गायब हो गए थे। उनकी कब्र भी यहां स्थित है, जो एक टैंक से घिरी हुई है।

    फुलिया स्‍टेट के नाम से भी जाना जाता है

    1775 में गजपत सिंह जींद रियासत के राजा बने थे। पटियाला, नाभा और जींद तीनों रियासत के राजा एक ही परिवार से थे। जिसे फुलिया स्टेट के नाम से जाना जाता था। फूल सिंह गजपत सिंह के दादा थे। उन्हीं के नाम से फुलिया स्टेट कहा जाने लगा। -इतिहासकार जितेंद्र अहलावत

    जींद कैसे पहुंचे

    यहां आने के लिए हवाई, रेलवे और सड़क मार्ग तीनों ही पर्याप्‍त हैं।

    -सड़क मार्ग से दिल्‍ली, पटियाला, चंडीगढ़ और राज्‍य के अन्‍य महत्‍वपूर्ण शहरों से अच्‍छी तरह से जुड़ा हुआ है।

    -जींद उत्‍तर रेलवे के फिरोजपुर-दिल्‍ली खंड पर स्थित है।

    -नई दिल्‍ली में निकटतम हवाई अड्डा जींद से कुल 110 किमी की दूरी पर है।