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    हरियाणा में कुत्ता काटने की घटना पर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट, हर सरकारी संस्थान में नियुक्त होंगे नोडल अधिकारी

    Updated: Sat, 27 Dec 2025 04:55 PM (IST)

    हरियाणा के सरकारी अस्पतालों में कुत्ते के काटने के मामलों के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त होंगे। स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने हेतु हांसी में एमआरआई, सीट ...और पढ़ें

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    कुत्ते के काटने के मामलों में नियुक्त होंगे नोडल अधिकारी (प्रतिकात्मक तस्वीर)

    जागरण संवाददाता, जींद। हरियाणा में कुत्ता काटने की घटना पर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है। स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेश के सभी नागरिक अस्पताल, पीएचसी और सीएचसी में कुत्ते के काटने के मामलों पर नजर रखने के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त करने का फैसला लिया है। 

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    स्वास्थ्य सेवाएं होंगी मजबूत

    स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक ने शुक्रवार को सभी जिलों के सिविल सर्जनों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग करके अहम निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को और मजबूत किया जाएगा, जिसके मद्देनजर अस्पतालों में सभी प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। नए बने जिले हांसी में सीटी स्कैन, एमआरआइ, डायलसिस और डी-एडिक्शन सेंटर खोलने के लिए प्रपोजल मांगे गए हैं। जल्द ही यह सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी।

    उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुसार सभी स्वास्थ्य संस्था में कुत्ते प्रवेश नहीं होने चाहिए। कुत्ते के काटने का इलाज भी सभी स्वास्थ्य संस्थाओं में होना चाहिए। इसकी निगरानी के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किए जाएंगे। कुत्ते के काटने पर लोगों को मुआवजा भी मिलेगा।

    अपग्रेड होगा हांसी अस्पताल

    जानकारी के अनुसार, नागरिक अस्पताल हांसी को अपग्रेड किया जाएगा। इसके लिए विशेषज्ञों, पैरामेडिकल स्टाफ और नर्सिंग कैडर के जो भी पद खाली हैं, उनकी सूची मांगी गई है। उम्मीद है उन्हें जल्द से जल्द भरा जाएगा। हांसी के नागरिक अस्पताल में एसएनसीयू, एमसीएच यूनिट, डी एडिक्शन सेंटर, सीटी स्कैन, एमआरआई, डायलिसिस, नशा मुक्ति केंद्र, ब्लड बैंक और डीइआइसी के लिए प्रपोजल मांगे गए हैं।

    झज्जर के जिला नागरिक अस्पताल में सीटीस्कैन तथा एमआरआई की सुविधा उपलब्ध करवाने के निर्देश सिविल सर्जन को जारी किए गए हैं।

    अस्पतालों में शुरू होंगे डे-केयर सेंटर

    प्रदेश के सभी नागरिक अस्पतालों में कैंसर रोग के इलाज के लिए डे-केयर सेंटर शुरू करने के निर्देश भी दिए गए हैं। इसके लिए चिकित्सा अधिकारियों व नर्सिंग स्टाफ को ट्रेनिंग दी जा चुकी है। उपनिदेशक डा. ओमपाल सैनी और नोडल अधिकारी डा. गिरीश अत्री को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है।

    अस्पतालों में नहीं होगी दवाइयों की कमी

    महानिदेशक ने सभी सिविल सर्जन को निर्देश जारी करते हुए कहा कि दवाइयों की कमी की शिकायतें आती रहती हैं। इसके लिए सभी स्वास्थ्य संस्थाएं डीपीएमयू पोर्टल पर रजिस्टर्ड होनी चाहिए। इस पोर्टल पर सभी दवाइयों का पूरा ब्यौरा होना चाहिए, ताकि दवाइयों का स्टॉक कम होने पर तुरंत मंगाई जा सकें। इसके लिए एक फार्मासिस्ट की स्पेशल ड्यूटी लगाने को कहा है। सभी दवाइयों का स्टॉक तथा खपत इस पोर्टल पर अपडेट करनी होंगी।

    उपमंडल स्तर पर होगी पोस्टमॉर्टम की सुविधा

    स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक ने निर्देश दिए कि उपमंडल स्तर पर बने नागरिक अस्पतालों में भी पोस्टमॉर्टम की सुविधा होनी चाहिए। जहां यह व्यवस्था नहीं है, वहां का प्रपोजल बनाकर तुरंत भेजने के आदेश दिए गए हैं, ताकि व्यवस्था करवाई जा सके। इसके अलावा सभी कर्मचारियों व अधिकारियों की बायोमैट्रिक हाजिरी लगाने को भी कहा गया है। जनऔषधी केंद्रों पर हर प्रकार की दवाइयां उपलब्ध होनी चाहिए और इनके रेट की सूची वहां पर चस्पा की जानी चाहिए।

    बैठक में स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक ने स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के लिए निर्देश दिए हैं। उनके निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग ने काम करना शुरू कर दिया है। उचाना और जुलाना में पोस्टमॉर्टम की सुविधा नहीं है। सोमवार को इसके लिए कमेटी बनाई जाएगी, जो प्रपोजल तैयार करके भेजेगी- डा. सुमन कोहली, सिविल सर्जन