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Jind News: हादसों को दावत! सुरक्षा मानकों पर खरा नहीं उतर रहे 600 बहुमंजिला कोचिंग संस्थान, दिखी कई खामियां

जींद में सैकड़ों ऐसे भवन हैं जो सुरक्षा मानकों में खरे नहीं उतर रहे हैं। हुडा मार्केट पुराने बस अड्डे के पास नियमों को ताक पर रखकर बच्चों को पढ़ाया जा रहा है। इन कॉम्प्लेक्स में रोजाना 10 हजार से ज्यादा बच्चे पढ़ने आते हैं। वहीं जागरण की पड़ताल में पाया गया कि जिला प्रशासन और फायर सेफ्टी विभाग को नोटिस भेजकर खानापूर्ति कर दी जाती है।

By Joginder Duhan Edited By: Deepak Saxena Published: Sun, 17 Mar 2024 09:02 PM (IST)Updated: Sun, 17 Mar 2024 09:02 PM (IST)
हादसों को दावत! सुरक्षा मानकों पर खरा नहीं उतर रहे 600 बहुमंजिला कोचिंग संस्थान।

जागरण संवाददाता, जींद। जिले में 600 बहुमंजिला कोचिंग संस्थान, 100 से ज्यादा होटल-ढाबे, करीब 20 शोरूम तथा कुछ निजी बैंक भवन सुरक्षा मानकों पर खरा नहीं उतर रहे हैं। इन संस्थानों ने फायर सेफ्टी विभाग से एनओसी नहीं ली है और इनमें फायर सेफ्टी उपकरण भी अधूरे हैं। इस कारण कभी भी यहां आने वाले लोगों की जान जोखिम में पड़ सकती है।

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डीआरडीए के सामने की हुडा मार्केट, कोर्ट के सामने हुडा कॉम्प्लेक्स में हर रोज 10 हजार से ज्यादा लड़के-लड़कियां कोचिंग लेने के लिए आते हैं तो कई बड़े शोरूम बाजार में बीच में हैं, जो कभी भी आग का गोला बन सकते हैं। इनमें अग्रिशमन समेत सभी नियमों को ताक पर रखा जा रहा है। जब भी कहीं पर दुर्घटना होती है तो जिला प्रशासन और फायर सेफ्टी विभाग द्वारा नोटिस भेजकर खानापूर्ति कर दी जाती है।

एनओसी लेना जरूरी

शहर में कहीं पर भी व्यवसाय के उद्देश्य से बहुमंजिला इमारत या कोई बड़ा संस्थान बनाया जाता है तो उसे फायर सेफ्टी विभाग से एनओसी (नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट) लेना जरूरी होता है। नेशनल बिल्डिंग कोड के मुताबिक कड़ी हिदायत हैं कि यदि व्यावसायिक प्रतिष्ठानों पर फायर एनओसी नहीं है तो ऐसी इमारतों पर सख्त कार्रवाई का प्रावधान है। भवन और क्षेत्र के हिसाब से सुरक्षा मानक तय किए गए हैं।

सुरक्षा मानकों में फेल कई भवन

शहर में सैकड़ों ऐसे भवन हैं, जिनका व्यवसायिक रूप से प्रयोग किया जा रहा है लेकिन इनमें सुरक्षा मानकों को लेकर कोई कदम नहीं उठाया जाता। जब किसी बड़े शहर में आगजनी की घटना होती है तो एक बार फायर सेफ्टी विभाग द्वारा नोटिस जारी कर एनओसी लेने के लिए कहा जाता है, उसके बाद कार्रवाई आगे नहीं बढ़ पाती और मामला शांत पड़ जाता है।

तीसरी मंजिल पर स्प्रिंकल नहीं, बेसमेंट में स्मॉग डिटेक्टर नहीं

डीआरडीए के सामने की हुडा मार्केट, कोर्ट काम्पलैक्स के सामने हुडा काम्पलैक्स, पटियाला चौक के अलावा सफीदों, नरवाना और उचाना में 600 से ज्यादा कोचिंग संस्थान चल रहे हैं। पिंजरेनुमा बनाए गए इन कोचिंग संस्थानों के भवन तीन से चार मंजिला बने हुए हैं। इनमें चढ़ने और उतरने के लिए एक ही सीढ़ी हैं और वह भी मात्र दो से तीन फुट चौड़ी। ग्राउंड फ्लोर पर फायर सेफ्टी उपकरण नहीं हैं। बेसमेंट में स्मॉग डिटेक्टर नहीं हैं, दूसरी और तीसरी मंजिल पर पानी और स्प्रिंकलर की सुविधा नहीं है। रोशनदान बंद पड़े हैं। बाहर आने और जाने के लिए एक ही दरवाजा है।

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ऐसे में अगर कोई हादसा होता है तो जानमाल की हानि ज्यादा हो सकती है। सभी कमरों में क्षमता से ज्यादा बच्चे बैठाए जाते हैं। कुछ कोचिंग संस्थानों में फाइबर और शीशा लगा होने के कारण धुआं तक क्रास नहीं होता, इंटों की जगह दीवारों पर फाइबर लगाने से शार्ट सर्किट होने पर आग जल्दी फैलती है। धुआं की क्रॉसिंग नहीं होने से दम घुटने पर मौत भी हो सकती है।

एनओसी लेने के लिए ये हैं भवन के जरूरी मानक

  • कोचिंग सेंटर को नगर परिषद या नगर पालिका से ट्रेड लाइसेंस होना चाहिए।
  • भवन का व्यवसायिक नक्शा पास होना चाहिए।
  • भवन के बेसमेंट में स्प्रिंकलर सिस्टम व स्माग डिटेक्टर होना चाहिए।
  • भवन में दो सीढियां और रैंप होने चाहिए।
  • सभी कमरों में दो दरवाजे होनें चाहिएं, जो बाहर की तरफ खुलते हों। रोशनदान बंद नहीं होने चाहिएं।
  • ग्राउंड फ्लोर पर फायर सिस्टम होना चाहिए।
  • दूसरी मंजिल पर बड़ा पानी का टैंक होना चाहिए।
  • तीसरी मंजिल पर भवनों पर स्प्रिंकलर सिस्टम, पानी की मोटर और जनरेटर का प्रबंध होना चाहिए।

होटल-ढाबों में भी सुरक्षा के मानक अधूरे

शहर में 100 से ज्यादा होटल और ढाबे चल रहे हैं, जिनमें सुरक्षा मानक अधूरे हैं। होटल और ढाबा संचालकों द्वारा फायर सेफ्टी विभाग से एनओसी नहीं ली गई है। इसके अलावा कुछ निजी बैंकों के भवनों में भी फायर सेफ्टी उपकरण नहीं हैं। रोजाना आठ से 10 हजार लोग इन बैंकों में अपने विभिन्न कामों के सिलसिले में आते हैं। फायर सेफ्टी मानकों को पूरा न कर पाना बैंक प्रबंधन की लापरवाही को उजागर कर रहा है तो साथ ही सवालिया निशान लगा रहा है कि आखिर क्यों इतने लोगों की जिंदगी को दांव पर लगाया जा रहा है।

जींद के फायर सेफ्टी ऑफीसर सुखदेव सिंह ने कहा कि फिलहाल स्टाफ सदस्यों की ड्यूटी किसानों के दिल्ली कूच के चलते वहां पर लगी हुई थी। वहां एंबुलेंस पर स्टाफ को भेजा हुआ था। जल्द ही शहर में चल रहे सभी भवनों का सर्वे करवाकर उन्हें नोटिस दिया जाएगा और जो नियमों पर खरा नहीं उतरेंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। वह खुद फील्ड में उतरेंगे। हाल ही में सभी सीएचसी और पीएचसी फायर सेफ्टी उपकरणों को लेकर निरीक्षण किया गया था।

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