तिल की सुगंध व गुड़ की मिठास, लोहड़ी-मकर संक्रांति पर सजा बाजार; कब से घरों में बजेगी शहनाई, क्या है शुभ मुहूर्त
Lohri Makar sankrati 2025 तिल की सुगंध और गुड़ की मिठास से बाजार पूरी तरह सज गए हैं। लोहड़ी और मकर संक्रांति की चारों तरफ धूम है। लोग त्योहारों की खरीदारी करने पहुंच रहे हैं। इसके साथ ही खरमाश खत्म होने के बाद से मांगलिक कार्य शुरू हो जाएंगे। जानिए कब से शुरू होंगे मांगलिक कार्य और क्या हैं शुभ मुहूर्त।

जागरण संवाददाता, झज्जर। उमंग, उत्साह के साथ मनाए जाने वाले लोहड़ी व मकर सक्रांति पर्व अब सिर पर है। घरों में तैयारियां शुरू हो गई हैं। तिल, गुड़ के लिए खास ये त्योहार घर-घर मिठास घोल देता है। देखा जाए तो लोहड़ी के दिन सोमवार को ढोल नगाड़े बजेंगे। अग्नि के चारों ओर घूमकर धमाल होगा।
मौका और नजाकत को देखते हुए, शहर के बाजार सज चुके हैं। लोहड़ी क्षेत्र के लोगों के लिए खास उत्सव है। वहीं 14 जनवरी को मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाएगा। दोनों दिन महाकुंभ में शाही स्नान का योग भी है, ऐसे में स्थानीय स्तर पर भी धार्मिक आयोजन जयादा हो रहे हैं। कुल मिलाकर, तैयारियां जोरों पर हैं।
कहा जा सकता है कि लोहड़ी और मकर संक्रांति का त्यौहार हो और गज्जक, रेवड़ी का नाम लोगों की जुबान पर न आए यह तो हो ही नहीं सकता। पर्व के चलते इस समय इसकी डिमांड और अधिक बढ़ गई है। क्योंकि दोनों ही त्योहारों पर गज्जक और रेवड़ी खरीदना शुभ माना जाता है।
इधर, खास तौर पर फड़ लगाकर बेचने वालों की संख्या इन दिनों में अच्छी खासी बढ़ गई है। सड़क किनारे कच्ची भट्ठी लगाकर मूंगफली भूनने वाले वालों के यहां पर शाम के समय में भीड़ भी खूब दिखाई देती है। 120 से 150 रुपये तक बिक रही मूंगफली ग्राहकों को खूब पसंद आ रही है।
लोहड़ी के लिए जमकर हो रही खरीदारी
बता दें कि लोहड़ी पर्व को लेकर बाजार में रौनक होने लगी है। लोगों ने मूंगफली, रेवड़ी और गजक की खरीदारी भी शुरु कर दी है। दुकानों के अलावा सड़क के किनारे रेहड़ी पर भी मूंगफली और रेवड़ी की खूब ब्रिकी हो रही है। मूंगफली और रेवड़ी के सुंदर आकर्षक पैक भी बाजार में उपलब्ध है।
शहर में मूंगफली 120 से 150 रुपये प्रति किलो रेवड़ी 200 से 600 रुपये प्रति किलो मिल रही है। वहीं, गुड़ की गज्जक 200 रुपये प्रति किलो तो तिल की गज्जक 300 से 600 रुपये किलो तक बाजार में मौजूद है। इसके अलावा इन दिनों में पापकार्न भी लोग खूब खरीदते हैं।
समाप्त होगा खरमास, होगी पतंगबाजी
पं. गुलशन शर्मा ने बताया कि मकर संक्रांति के बाद खरमास समाप्त हो रहा है और फिर से शहर में सहालग की धूम भी सुनाई देने लगेगी। मकर संक्रांति के दिन पवित्र नदियों में स्नान करने की पंरपरा के साथ ही दान करने का भी महत्व माना जाता है।
इधर, शहर की बात करें तो यहां इस दिन पतंगबाजी की परंपरा है। हर आयु वर्ग से जुड़े लोग पतंगबाजी का शौक पूरा करते हैं। विशेष तौर पर इन दिनों में मौसम के मद्देनजर विद्यार्थियों की छुट्टियां हो रखी है। दिन के समय में धूप निकलने के बाद छत पर उत्साह के साथ पतंगबाजी करते हुए युवा दिखाई देते हैं।
जिसके लिए बाजार में जमकर खरीदारी हो रही है। रविवार को मौसम साफ रहने के कारण बड़ी संख्या में युवा बाजार में खरीदारी करते हुए दिखाई दिए। जिसकी वजह से बाजार में भी उत्साह है।
इन दिनों में नहीं होंगे मांगलिक कार्यक्रम
पं. कृष्ण शर्मा के मुताबिक शुभ कार्य के लिए 14 मार्च से 14 अप्रैल चैत्र मास में, 10 जून से 6 जुलाई गुरु अस्त होने, 12 दिसंबर 2025 से विवाह 30 जनवरी 2026 तक विवाह के योग नहीं है।
मांगलिक कार्यक्रमों की तिथियां
जनवरी: 15, 16, 17, 18, 19, 21, 22, 24 और 30
फरवरी: 4, 7, 13, 14, 15, 18, 19, 20, 21 और 25
मार्च: 3, 5, 6 शुभ दिन है। 7 मार्च से होलाष्टक होने के कारण विवाह के योग नहीं हैं।
अप्रैल: 14, 16, 18, 19, 20, 21, 22, 25, 28 और 30
मई: 1, 5, 6, 7, 8, 12, 15, 17, 18, 19 और 28
जूनः 1, 2, 4, 7 तक शुभ दिन है। 10 जून से 6 जुलाई तक गुरु अस्त से विवाह नहीं होंगे।
जुलाई: 11, 12, 13, 20, 21, 28, 29 और 31
अगस्त: 1, 3, 6, 7, 8, 9, 13, 17, 18, 24, 25, 28 और 29
सितंबर: 1, 2, 3, 4, 5 तक, 7 से 21 सितंबर तक श्राद्ध पक्ष में विवाह नहीं होंगे। इसी क्रम में 22, 26, 27 व 29 सितंबर को विवाह के शुभ मुहूर्त हैं।
अक्टूबर: 1, 2, 3, 7, 11, 22, 24, 26, 27, 28, 29, 30 व 31
नवंबरः 2, 3, 7, 8, 12, 13, 22, 23, 24, 25, 26, 27, 29 व 30
दिसंबर: 4, 5 व 6
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