पहले नवरात्र से बेरी में मां भीमेश्वरी देवी के दरबार में उमड़ा श्रद्धा का सागर, चौदस तक रहेगा मेले जैसा माहौल
बेरी में शारदीय नवरात्र के अवसर पर मां भीमेश्वरी देवी का मेला धूमधाम से शुरू हो गया है। मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ रही है। सप्तमी और अष्टमी को विशेष आयोजन होंगे जिनमें लाखों श्रद्धालु दर्शन करेंगे। दो मंदिर और एक प्रतिमा की अनूठी परंपरा भक्तों को आकर्षित करती है। प्रशासन ने सुरक्षा और सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा है। यह मेला सामाजिक सौहार्द का प्रतीक है।

संवाद सूत्र, बेरी (झज्जर)। शारदीय नवरात्र के अवसर पर बेरी स्थित मां भीमेश्वरी देवी के दरबार में लगने वाला मेला धूमधाम के साथ प्रारंभ हो गया। मंदिर परिसर से लेकर आसपास के इलाकों तक भक्ति और श्रद्धा का माहौल है। यह मेला चौदस तक चलेगा और हर दिन हजारों श्रद्धालु मां के चरणों में हाजिरी लगाते रहेंगे। मंदिर पुजारी कुलदीप वशिष्ठ ने बताया कि सप्तमी और अष्टमी को श्रद्धालुओं की भीड़ अपने चरम पर होगी।
सप्तमी और अष्टमी को लाखों श्रद्धालु मां के दर्शन के लिए पहुंचते हैं। इस दौरान दिन-रात भजन-कीर्तन और धार्मिक अनुष्ठान होते हैं। उन्होंने बताया कि मां भीमेश्वरी देवी का दरबार आस्था का केंद्र है। उन्होंने कहा कि नवरात्र के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जा रही है और प्रतिदिन मां के अलग-अलग स्वरूपों का पूजन किया जाएगा।
दो मंदिर, एक प्रतिमा–श्रद्धालुओं का विशेष आकर्षण
बेरी में मां भीमेश्वरी देवी के दो मंदिर मौजूद हैं, लेकिन प्रतिमा एक ही है। यह अनूठी परंपरा दूर-दराज से आए भक्तों के आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। मंदिर को रंग-बिरंगी रोशनियों और कोलकात्ता के पुष्प से सजाया गया है। सुबह-शाम की आरती के दौरान पूरा वातावरण "जय माता दी" के गगनभेदी नारों से गूंज उठता है। पहले नवरात्र के मौके पर मंगला आरती के समय बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शनों के लिए पहुंचें।
जिलेभर में नवरात्र का उत्सव
बेरी के साथ-साथ झज्जर, बादली, मातनहेल, साल्हावास, छुछकवास और माछरोली के मंदिरों में भी नवरात्र की धूम है। ग्रामीण अंचलों में विशेष झांकियां और भजन संध्याएं आयोजित की जा रही हैं। बाजारों में पूजा सामग्री, नारियल, चुनरी और मिठाइयों की खरीदारी ने रौनक बढ़ा दी है। सुबह से दुकानों पर इस तरह के सामान की खरीदारी करने वालों की भीड़ दिखाई दी।
इधर, बेरी में लाखों श्रद्धालुओं के आगमन को देखते हुए प्रशासन ने विशेष तैयारियां की हैं। पुलिस बल की अतिरिक्त तैनाती, महिला श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए महिला पुलिस कर्मियों की ड्यूटी, पार्किंग व्यवस्था, चिकित्सा सेवाएं और पेयजल जैसी सुविधाएं सुनिश्चित की गई हैं। महिला श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए अलग से महिला पुलिस कर्मियों की तैनाती की गई है। प्रशासन का दावा है कि भक्तों को किसी प्रकार की असुविधा नहीं होगी।
आस्था और सामाजिक सौहार्द का संगम
मंदिर में पहुंचे दिल्ली से श्रद्धालु राजकुमार ने बताया, यह मेला केवल धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि सामाजिक सौहार्द और सांस्कृतिक उत्सव का भी प्रतीक है। यहां हर वर्ग और हर क्षेत्र से लोग जुटकर भक्ति और सेवा की मिसाल पेश करते हैं। परिवारों में मेल-जोल बढ़ता है और गांव-कस्बों में उत्सव जैसा वातावरण बन जाता है।
कारोबारी सुनील ने बताया कि नवरात्र के इन नौ दिनों में बेरी का दरबार आस्था और भक्ति का प्रमुख केंद्र बन जाता है। लाखों कदम मां के चरणों में मत्था टेकने के लिए बढ़ते हैं और श्रद्धा का यह सागर इस बात का प्रमाण है कि आधुनिक समय में भी भक्ति की शक्ति अडिग और अटूट है।
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