हिसार में इन दस जगहों पर घूमने का बना सकते हैं टूर, एक दिन में ही सब जगहों का उठा सकते हैं लुत्फ
कोरोना के चलते बाहर घूमने का प्लान नहीं बना पा रहे हैं तो बेहद कम खर्च में आप हिसार शहर का ही टूर बना सकते हैं। खास बात यह है कि यहां स्थित सभी जगहों का एक ही दिन में भ्रमण किया जा सकता है।

हिसार ( जागरण आनलाइन डेस्क)। अगर आप कोरोना के चलते बाहर घूमने का प्लान नहीं बना पा रहे हैं तो बेहद कम खर्च में आप हिसार शहर का ही टूर बना सकते हैं। एक बार जरूर जान लें कि कौन कौन सी जगह आप देख सकते हैं। खास बात यह है कि यहां स्थित सभी जगहों का एक ही दिन में भ्रमण किया जा सकता है। कोरोना की आहट के कारण हरियाणा में नाइट कर्फ्यू लगाया जा चुका है। रात 11 बजे से सुबह पांच बजे तक बिना किसी जरूरी काम के आप बाहर नहीं निकल सकते। मगर इससे पहले आ यहां घूम सकते हैं। कम खर्च में आप ये टूर निकाल सकते हैं। इन जगहों पर खाने पीने और एंट्री फीस आपको अलग से देनी होगी। आइए जानें कौन कौन सी है यह खास जगह.....
अग्रोहा धाम : हरियाणा के हिसार में स्थित अग्रोहा धाम हिंदू धर्म के लोगों का धार्मिक स्थान है यह मंदिर धन की देवी लक्ष्मी और महाराजा अग्रसैन को समर्पित है। इस मंदिर का निर्माण वर्ष 1976 से शुरु होकर वर्ष 1984 तक चला, इसे पूरा होने में करीब 8 वर्ष लगे। मंदिर को इसकी संरचना और भगवान हनुमान जी कि विशाल मूर्ति इसे बेहद आर्कषक और भव्य बनाती है। इस मंदिर में गुफाओं का एक जाल बिछाया गया है जो इसे आम पर्यटन स्थलों से अलग बनाती है। जिस वजह से हर साल यहां दूर दूर से हजारों पर्यटक घूमने आते है।
फिरोज शाह पैलेस: हिसार को पहले हिसार-ए-फिरोजा नाम से जाना जाता था जिसे फिरोज शाह तुगलक ने बसाया था। हिसार में स्थित फिरोज शाह पैलेस फिरोज शाह तुगलक द्वारा 1354 ईसवीं में बनवाया गया था। इस महल के अंदर पर्यटकों को लत की मस्जिद, भूमिगत कमरे, सुरंगेे, दीवान-ए-आम जैसी जगहें देखने को मिलेगी। इस महल के पास ही आपाको गुजरी महल भी देखने को मिलेगा जिसे फिरोज शाह तुगलक ने अपनी पत्नी गुजरी की याद में बनवाया।
गुजरी-महल: हिसार में स्थित गुजरी महल को फिरोजशाह तुगलक ने 1354 ईसवी में बनवाया था। यह फिरोज शाह महल का ही एक भाग है। यह महल भी ताजमहल की तरह पृष्ठभूमि प्रेम पर आधारित है। यह महल 11 वर्षों में बनकर तैयार हुआ। गुजरी महल को बनाने में काले पत्थर का इस्तेमाल किया गया था। फिरोज शाह तुगलक ने गुजरी महल अपनी पत्नी गुजरी के रहने के लिए बनवाया था।
जहाज कोठी: जहाज कोठी म्यूजियम पहले एक जैन मंदिर हुआ करता था। जिसे बाद में जॉर्ज थामस ने अपने निवास स्थान के रुप में बनवाया था। यह कोठी जहाज रुपी होने के कारण इसे जहाज कोठी के नाम से भी जाना जाता है। 18वीं सदी में बनी यह कोठी मिट्टी की ईंटों, चुने, रेत और सुरखी से बना हुआ है। इस म्यूजियम में जैन कलाकृतियों के साथ-साथ जॉर्ज थॉमस के शिलालेख भी रखे हुए है। इस म्यूजियम को सहेजने का कार्य हरियाणा सरकार के अंतर्गत आता है
ओपी जिंदल ज्ञान केंद्र: 90 मीटर ऊंचा यह टॉवर हिसार की सबसे ऊंची जगहों में से एक है। टॉवर के ऊपर जाने के लिए इसमें लिफ्ट व सीढिय़ा दोनों लगी हुई है। टॉवर पर पर्यटकों के लिए जगह बनाई गई है जहां से पर्यटक शहर को देख सकेंगे। टॉवर के ऊपर से आपको पुरे शहर का दृश्य दिखेगा जोकि अपने आप में एक अभूतपूर्व दृश्य होता है। यह टॉवर चारों तरफ से सुंदर पार्क व हरियाली से ढका हुआ है। मशहूर उद्योगपति ओपी जिंदल ने यह टॉवर हरियाणा के वासियों को एक उपहार के रुप में दिया थ। यहां पर ओपी जिंदल द्वारा इस्तेमाल की गई वस्तुओं का म्युजियम और एक ओपन थियेटर भी है।
ब्लू बर्ड लेक: एनएच 10 पर एयरपोर्ट के समीप स्थित यह झील हिसार शहर की एकमात्र पर्यटन झील है। यह झील और साथ में स्थित पार्क लगभग 52 एकड़ में फैला हुआ है। पर्यटकों के लिए यहां बोटिंग की सुविधा भी मौजूद है और साथ ही झील में तीन टापू भी मौजूद है। जिस पर पर्यटक बैठ सकते है। यहां पर कई प्रकार के पक्षी भी देखने को मिलते है। इसके साथ ही यहां हरियाणा सरकार द्वारा संचालित ब्लु बर्ड टूरिस्ट रिसोर्ट भी है।
डियर पार्क: यह डियर पार्क हिसार के धांसु रोड़ पर स्थित है। 48 एकड़ में फैले इस पार्क में 6 एकड़ जगह हिरणों के लिए चारा पैदा करने के लिए आवंटित है। 1970 - 71 में वन विभाग, हरियाणा सरकार द्वारा बनवाया गया ताकि शिक्षा के माध्यम से जन जागरुकता फैले और इस विषय के बारे में लोगों की जागरुकता और समझ बढ़े। यह हरियाणा के चिडिय़ाघरों और हिरण पार्कों में सबसे पुराना है।
देवी भवन: देवी भवन शहर का ऐतिहासिक और लोगों में बेहद प्रिय मंदिर है। शुरुआत में यहां 4 देवी देवताओं की मुर्तियां थी जिनमें देवी काली माँ, दुर्गा माँ, भगवान महादेव का परिवार और भैरों बाबा थे जो पानी की टंकी से घिरे थे। वक्त के बीतने के साथ मंदिर में दस और देवी देवताओं की मूर्तियां स्थापित की गई। इससे लोगों के बीच मंदिर के प्रति आस्था और भी बढ़ी। वर्ष 1770 के आसपास इस मंदिर का निर्माण किया गया।
एमजी हेरीटेज विलेज : सिरसा रोड स्थित यह हेरीटेज गांव पर्यटन के लिए बेहद ही खास जगह है। यहां आपको अपनी छुट्टीयां एक बेहद ही खूबसूरत गांवनुमा स्थान पर बिताने का मौका मिलेगा। यह जगह सभी वर्ग के लोगों के लिए उपयुक्त है। यहां हमें विभिन्न प्रकार के झूले, खेल, नृत्य, कला और खानपान की सुविधा मिलेगी। इसके साथ ही पर्यटक यहां बैलगाड़ी, ट्रैक्टर, ऊंट इत्यादि की सवारी भी कर सकते है।
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