35 लाख लिए, जंगलों में पैदल चलवाया...अमेरिका से डिपोर्ट युवक ने एजेंट पर किया केस; आपबीती सुन कांप जाएगी रूह
US Deport अमेरिका से डिपोर्ट होकर लौटे एक युवक ने एजेंट पिता-पुत्र पर धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ केस दर्ज करवाया है। युवक ने विदेश जाने के लिए 35 लाख रुपये दिए थे लेकिन उसे अवैध तरीके से ब्राजील बोलीविया पेरू इक्वाडोर और कोलंबिया होते हुए पनामा जंगल में छोड़ दिया गया। वहां से उसे डिपोर्ट कर दिया गया।
संवाद सहयोगी, मंडी आदमपुर (हिसार)। आदमपुर खंड के गांव मोड़ाखेडा निवासी एक युवक ने अमेरिका से डिपोर्ट होकर आने के बाद एजेंट पिता-पुत्र पर केस दर्ज करवाकर उन पर कार्रवाई करने व 35 लाख रुपये वापस दिलवाने की गुहार लगाई है।
पुलिस ने पीड़ित पंकज की शिकायत के आधार पर ढाणी मोहब्बतपुर निवासी मनीष व रामसिंह को नामजद कर उनके खिलाफ केस दर्ज किया है। पुलिस को दी शिकायत में मोड़ाखेडा निवासी पंकज ने बताया कि उसने विदेश जाने के लिए ट्रैवल एजेंट गांव ढाणी मोहब्बतपुर निवासी मनीष व उसके पिता रामसिंह को 35 लाख रुपये दिए थे।
30-40 दिन अमेरिका पहुंचाने की कही थी बात
मनीष अब कैलिफोर्निया में रहता है। उसने विदेश जाने के बारे में राय दी थी और इस काम के लिए 35 लाख रुपये देने के लिए कहा। उसने मनीष के घर पर उसके पिता राम सिंह को रुपये दे दिए। उसके बाद उसने एक डंकर अब्दुल से संपर्क करवाया जिससे उसकी बात होती थी।
उसने पासपोर्ट के लिए दिल्ली बुलाया और कहा कि वह 30-40 दिनों में अमेरिका पहुंच जाएगा। उसने गुआना देश का वीजा लगवा दिया। सात अक्टूबर को दिल्ली चला गया। 11 अक्टूबर को उसके गुआना की फ्लाइट मिल गई। 14 अक्टूबर को वह गुआना पहुंचा तो वहां उसे डोंकर लेने आ गया।
अवैध तरीके से दिलवाई ब्राजील में एंट्री
अगले दिन उन्होंने उसे अवैध तरीके से ब्राजील में इंट्री दिलवाई। एक महीने तक वहीं घुमाया। उसने उसे वहां से बोलीविया, पेरू, इक्वाडोर और कोलंबिया पहुंचा दिया। कोलंबिया में 10-15 दिन तक इंतजार के बाद कपूरगाना टापू भेज दिया और वहां एक रात समंदर में किश्ती से चला एवं उस किश्ती ने उसे पनामा जंगल में छोड़ दिया। वहां पर डोंकर आया।
शिकायतकर्ता ने बताया कि उनका 40 लोगों का ग्रुप था जिसमें बच्चे सहित महिलाएं भी थी। उन्होंने कहा कि आपको चलकर जंगल पार करना होगा। वह करीब दो दिन तक जंगल में पैदल चलता रहा और उन्होंने उसे कुछ भी खाने-पीने का नहीं दिया।
20 दिन जेल में रहने के बाद डिपोर्ट होकर आया भारत
जंगल में उन्हें जानलेवा रास्तों में चलाया गया और जंगल के बाहर पुराने से टीन के घर में बंद कर दिया। उसे सात दिन तक उस घर में रखा गया और वहां पर सोने व खाने-पीने के लिए कुछ भी नहीं दिया। वहां से पनामा शहर में भेज दिया, जहां पुलिस वालों ने उसे पकड़ लिया और 28 घंटे तक जेल में रखा।
वहां से उसे निकारागोआ, होडूरस, गुआटेमाला होते हुए मैक्सिको देश भेज दिया। 15-20 दिनों तक जेल में रखने के बाद 14 फरवरी को पुलिस ने कहा कि उन्हें दूसरी जेल में लेकर जा रहे हैं और उसके हाथ-पैर में हथकड़ियां बांध दी। 17 फरवरी को डिपोर्ट किया गया।
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