करीब 600 वर्ष पुराना है उमरा गांव का इतिहास
गांव उमरा का इतिहास 600 से वर्ष पुराना है। गांव ने कई राष्ट्रीय लेवल के खिलाड़ी दिए हैं।

- गांव ने दिए कई राष्ट्रीय लेवल के खिलाड़ी
प्रदीप दूहन, हांसी : हांसी के उमरा गांव का इतिहास करीब 600 साल पुराना है। उमरा गांव हांसी से करीब नौ किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। उमरा गांव के पूर्वज मोखरा गांव से आए थे। गांव के बड़े-बुजुर्ग बताते हैं कि हिसा के दौरान बुढ़ी दादी मोखरा गांव से आई थी और भगाणा गांव के रहने वाले पंडित जी ने उनको अपनी धर्म बहन बनाया था। उस समय वे गर्भवती थी, जिसके बाद उसने उलण और सुलण दो जुड़वा भाइयों को जन्म दिया था। प्राचीन काल में राघु रांगण खेड़े पर मुगलों का कब्जा था। उलण और सुलण दोनों भाइयों ने अपनी सेना तैयार कर मुगलों को हराकर अपना कब्जा किया था। उलण के नाम पर गांव का नाम उमरा व सुलण के नाम से सुल्तानपुर का नाम पड़ा था।
उमरा निवासी मांगे राम ने की थी 1979 में यूनियन की स्थापना
उमरा गांव सात बास खाप में अहम गांव है। उमरा गांव का इतिहास बड़ा ही गौरवशाली रहा है और इस गांव ने देश को राष्ट्रीय खिलाड़ी दिए है। वर्तमान समय में गांव कुल आबादी करीब साढ़े 18 हजार है। गांव के कई लोग बड़े-बड़े पदों पर तैनात हैं। इसी गांव में 3 फरवरी 1979 में स्वर्गीय मांगे राम मलिक ने भारतीय किसान यूनियन की स्थापना की थी।
उमरा गांव ने दिए राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी
उमरा गांव खेलों का हब बन चुका है। अलग-अलग राष्ट्रीय स्तर के खेलों में इस गांव के खिलाड़ियों की भागीदारी रही है। उमरा गांव की रहने वाली पूनम मलिक भारतीय हाकी की टीम में खेलती है। टोक्यो में हुए ओलंपिक खेलों में भारतीय महिला हाकी की टीम में पूनम मलिक ने अपना दमदार प्रदर्शन कर ग्रामीणों को गौरवांवित करने का काम किया था। गांव में आर्चरी व खेल अखाड़ा है, जहां खिलाड़ियों को कोचिग दी जाती है। इन एकेडमियों ने कई राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी दिए हैं। सीआरपीएफ में इंस्पेक्टर के पद पर तैनात शमशेर सिंह मलिक गांव के पहले ऐसे युवा थे, जिन्होंने स्पोर्टस कोटे में नौकरी पाई थी। यूथ ओलंपिक में हाकी के गोलकीपर पवन मलिक इसी गांव से हैं। इसके अलावा देश की ओर से यूथ ओलंपिक गेम्स अर्जेटीना में तीरंदाजी में भाग लेने वाले दोनों खिलाड़ी आकाश और हिमानी उमरा गांव से हैं।
देश की आजादी में रहा अहम योगदान
इस गांव के जवानों का देश की आजादी में भी अहम योगदान रहा है। गांव के नंदलाल जी व नेकीराम जी आजाद हिद फौज के सिपाही थे। जिन्होंने आजाद हिद फौज में रहते हुए आजादी की लड़ाई लड़ी। देश के राष्ट्रपति के लिए तैनात की गई डाक्टरों की टीम में उमरा गांव निवासी मेजर संजीव मलिक भी शामिल है।
गांव में वर्षो से है पानी की समस्या
उमरा गांव में पिछले काफी समय से पानी की समस्या है। इसके लिए ग्रामीण लंबे समय से अपनी गुहार मंत्रियों के सामने लगाते रहे हैं। परंतु अभी तक उनका समाधान नहीं हो पाया है।
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