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हरियाणा में ब्लैक फंगस से सात और लोगों की मौत, अब अस्‍पतालों में मरीजाें की सुबह-शाम जांच

Black Fungus हरियाणा में ब्‍लैक फंगस लगातार अपने पैर पसार रहा है। राज्‍य में ब्‍लैक फंगस से सात और लोगों की मौत हो गई है। इसके साथ ही अब ब्‍लै फंगस के मरीजों की सुबह - शाम जांच होगी।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Mon, 24 May 2021 07:02 AM (IST)Updated: Mon, 24 May 2021 08:22 AM (IST)
हरियाणा में ब्लैक फंगस से सात और लोगों की मौत, अब अस्‍पतालों में मरीजाें की सुबह-शाम जांच
ब्‍लैक फंगस बीामारी की वजह से हरियाणा में सात और लोगों की मौत हो गई है। ( सांकेतिक फोटो)

हिसार, जेएनएन। Black Fungus: हरियाणा में म्यूकर मायकोसिस यानि ब्लैक फंगस (Black Fungus) का कहर बढ़ता जा रहा है। राज्‍य में ब्‍लैक फंगस से सात और मरीजों की मौत हो गई है। अग्रोहा मेडिकल कालेज में पांच, रोहतक पीजीआइ  में एक और मुलाना मेडिकल कालेज अंबाला में एक मरीज की इससे मौत हो गई है।

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मुलाना मेडिकल कालेज में एक, अग्रोहा मेडिकल कालेज हिसार में पांच, पीजीआइ रोहतक में एक की मौत

अग्रोहा मेडिकल कालेज में मरने वाले मरीजों में से तीन हिसार और दो भिवानी के हैं। अंबाला के मुलाना मेडिकल कालेज में में उत्तर प्रदेश के सहारनपुर निवासी 42 वर्षीय उमाकांत की मौत की हो गई है। रोहतक पीजीआइ  में जिस व्यक्ति की ब्लैक फंगस से मौत हुई है, वह सोनीपत जिले के गांव रिवाड़ा का रहने वाला था

अग्रोहा मेडिकल कालेज में ब्लैक फंगस के कारण अभी तक 12 मरीज दम तोड़ चुके हैं। वहीं, ब्लैक फंगस से रिकवरी के बाद भिवानी व सिरसा के एक-एक और हिसार के दो मरीज घर लौट चुके हैं। पिछले 24 घंटे के दौरान अग्रोहा में केवल एक ब्लैक फंगस संक्रमित को वार्ड में एडमिट किया गया। यहां अब हिसार के 31, सिरसा के 14, भिवानी के 17, पानीपत, रेवाड़ी के एक-एक संक्रमित भर्ती हैं। पीजीआइ रोहतक में दो मरीजों को आइसीयू में रखा गया है। रविवार को अंबाला में पांच तथा फतेहाबाद और कैथल में एक-एक ब्लैक फंगस संक्रमित मिले हैं।

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ब्लैक फंगस के मरीजों की सुबह-शाम होगी जांच, एंफोटेरिसिनबी के लिए एक्सपर्ट कमेटी करेगी अनुशंसा

 दूसरी ओर रोहतक पीजीआइएमएस में ब्लैक फंगस (Black Fungus) के मरीजों की जांच के लिए चिकित्सकों की एक्सपर्ट कमेटी सुबह-शाम वार्ड आठ व 11 का दौरा करेगी। इस दौरान प्रत्येक मरीज का ब्योरा उनकी फाइल में दर्ज किया जाएगा। चिकित्सकों के इस निरीक्षण की मानीटरिंग के लिए एमएस को जिम्मेदारी सौंपी गई है।  डायरेक्टर डा. रोहताश यादव की अध्यक्षता में हुई मीटिंग में हालात पर चर्चा हुई। मीटिंग में एमएस डा. पुष्पा दहिया, रेडियोलाजी विभाग की हेड डा. सरिता, सीनियर प्रोफेसर डा. जेपी चुघ, मेडिसिन विभाग के हेड डा. हरप्रीत सिंह, कोविड-19 के नोडल आफिसर डा. सुरेश सिंगल, न्यूरो सर्जरी विभागाध्यक्ष डा. ईश्वर सिंह, ईएनटी विभागाध्यक्ष डा. आदित्य भार्गव, माइक्रोबायोलाजी विभागाध्यक्ष डा. अर्पणा, डा. आरएस चौहान, ओरेल सर्जरी विभागाध्यक्ष डा. विरेंद्र ¨सह, पर्चेज कमेटी इंचार्ज डा. विवेक मलिक, सेंट्रल स्टोर इंचार्ज डा. जितेंद्र जाखड़, मेडिसिन विभाग के डा. संदीप गोयल मौजूद रहे।

एक्सपर्ट कमेटी में नौ चिकित्सक शामिल

ब्लैक फंगस के मरीजों की जांच, इलाज व मैनेज करने के लिए नौ चिकित्सकों की एक कमेटी का गठन किया गया है। जिसमें ईएनटी विभागाध्यक्ष डा. आदित्य भार्गव, माइक्रोबायोलाजी विभागाध्यक्ष डा. अर्पणा परमार, मेडिसिन विभाग की डा. तराना गुप्ता, डा. उर्मिल चावला, ईएनटी विभाग के डा. रमन वडेरा, रेडियोलाजी विभाग की डा. शालिनी अग्रवाल, ओरेल सर्जरी विभागाध्यक्ष डा. विरेंद्र सिंह, एनीस्थीसिया से डा. कीर्ति खेतरपाल, न्यूरो सर्जरी विभाग से डा. गोपाल को शामिल किया गया है।

ब्लैक फंगस के मरीजों को उपचार के दौरान लगाया जाने वाला एंफोटेरिसिन बी अब एक्सपर्ट कमेटी की अनुशंसा के बाद ही मिलेगा। मरीज के इलाज में लगे चिकित्सक को प्रोफार्मा तैयार कर नोडल अधिकारी के पास भेजना होगा। नोडल अधिकारी प्रोफार्मा व नोटिफिकेशन कंपाइल करके एमएस को भेजेगा। एमएस से उसे एक्सपर्ट कमेटी को भेजा जाएगा। एक्सपर्ट कमेटी जो ड्रग्स देगी, उसे सेंट्रल स्टोर के डीएमएस इंचार्ज रिसीव करेंगे। वो इसे ईएनटी वार्ड की सिस्टर इंचार्ज को इश्यू होगी। सिस्टर इंचार्ज इसका स्टाक रजिस्टर में एंट्री करेगी। इसके बाद यह पेशेंट के वार्ड में भेजा जाएगा।

मरीज की सहमति पर ही होगा प्रयोगात्मक दवाओं का प्रयोग

एक्सपर्ट कमेटी की सलाह पर आइसीएमआर की गाइडलाइन से अलग भी मरीज के इलाज को प्रयोगात्मक दवाओं का इस्तेमाल किया जा सकता है। लेकिन इसके लिए मरीज की लिखित सहमति लेना अनिवार्य है। मरीज का सहमित पत्र नैतिक कमेटी को अप्रूवल के लिए भेजा जाएगा। एक्सपर्ट कमेटी से एंफोटेरिसिन बी की प्रतिदिन अनुशंसा का आग्रह किया गया है।

15 लाख तक की दवाओं की खरीद कर सकेंगे डायरेक्टर

ब्लैक फंगस के मरीजों के इलाज से जुड़ी दवाओं की खरीद के लिए डायरेक्टर को पांच से 15 लाख रुपये तक की आर्थिक शक्तियां प्रदान की गई हैं। हालांकि एक बार में खरीद के लिए कुलपति से अप्रूवल जरूरी होगी।

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