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उमंग के बाद अब हरियाणा सरकार की ‘संजीवनी परियोजना', घर पर ही होगा कोरोना मरीजों का इलाज

हरियाणा सरकार काेराेना मरीजों के लिए उमंग के बाद अब संजीवनी परियोजना शुरू करेगी। इसके तहत राज्‍य में कोरोना के मरीजों का घर पर ही इलाज किया जाएगा। इस परियोजना का शुभारंभ मुख्‍यमंत्री साेमवार को करनाल में करेंगे।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Sun, 23 May 2021 05:24 PM (IST)Updated: Sun, 23 May 2021 08:15 PM (IST)
उमंग के बाद अब हरियाणा सरकार की ‘संजीवनी परियोजना', घर पर ही होगा कोरोना मरीजों का इलाज
कोरोना मरीजों के लिए हरियाणा में संजीवनी परियोजना शुरू होगी। (फाइल फोटो)

चंडीगढ़, जेएनएन। हरियाणा सरकार राज्‍य में कोरोना मरीजों के लिए उमंग के बाद अब संजीवनी परियोजना शुरू करेगी। इस परियोजना हलके और मध्यम लक्षणों वाले कोरोना मरीजों की देखभाल तथा उन्हें उनके घरों पर ही इलाज की सुविधा मुहैया कराया जाएगा। प्रदेश सरकार कोरोना से ठीक हो चुके मरीजों को बाद में आने वाली दिक्कतों के समाधान के लिए हर बड़े अस्पताल में उमंग सेंटर खोलने का निर्णय पहले ही कर चुकी है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ‘संजीवनी परियोजना’ की शुरुआत सोमवार को करनाल से पायलट प्रोजेक्ट के आधार पर करेंगे। इसे फिर राज्य के बाकी जिलों में संचालित किया जाएगा।

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मुख्यमंत्री मनोहर लाल करनाल में पायलट आधार पर करेंगे योजना की शुरुआत

मुख्यमंत्री मनोहरलाल के प्रधान सचिव वी उमाशंकर के अनुसार ‘संजीवनी परियोजना’ अत्यधिक जरूररतमंद लोगों की तत्काल जरूरी चिकित्सा देखभाल करने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। ‘संजीवनी परियोजना’ उन ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सा देखभाल का विस्तार करेगी, जहां वायरस की दूसरी लहर के फैलने और इस बीमारी के इलाज के बारे में जागरूकता की कमी है। सरकार का मानना है कि सही प्रक्रियाओं और समुचित देखभाल से 90 प्रतिशत से अधिक रोगियों का घर पर ही इलाज किया जा सकता है।

कोविड के हलके और मध्यम लक्षणों वाले मरीजों का रखा जाएगा इस योजना में पूर ख्याल

‘संजीवनी परियोजना’ के तहत हर जिले में प्रशासन को समूची स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली पर पैनी नजर रखने को कहा गया है। इसके तहत अस्पतालों में बिस्तरों की उपलब्धता, आक्सीजन की आपूर्ति, एंबुलेंस ट्रैकिंग और घर-घर जागरूकता अभियान जैसे महत्वपूर्ण संसाधनों के प्रबंधन का काम शामिल है।

परियोजना के तहत कोविड हाटलाइन का संचालन होगा, जो संदिग्ध या क्लीनिक में इलाज किए गए कोविड-19 के रोगियों को जरूरी जानकारी देगी। मेडिकल इंटर्न के अलावा 200 मेडिकल फाइनल ईयर और प्री-फाइनल ईयर के छात्रों को जुटाकर उन्हें सलाहकारों और विशेषज्ञों से जोड़ा जाएगा। उनके द्वारा भी लोगों का उपचार किया जाएगा।

वी उमाशंकर ने बताया कि परियोजना में होम केयर किट का वितरण किया जाएगा, जिसमें एक मास्क, एक आक्सीमीटर, एक थर्मामीटर और बुनियादी दवाएं शामिल होंगी। अतिरिक्त एंबुलेंस की खरीद और मोबाइल फार्मेसियों का विकास भी इस योजना में शामिल है। यदि किसी व्यक्ति में कोविड के लक्षण मिलते हैं तो उसे आउटरीच, शिक्षा और संचार के द्वारा अपने चिकित्सा विकल्पों की पहचान करने में मदद दी जाएगी।

उन्‍होंने बताया कि यह परस्पर संबंधित गतिविधियां हरियाणा सरकार को रोगियों के लिए त्रि-स्तरीय चिकित्सा बुनियादी ढांचा विकसित करने में सक्षम बनाएंगी। इसमें ग्राम स्तर व उपकेंद्र स्तर पर और कुछ मामलों में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में घर पर अलग-थलग करने में असमर्थ हलके लक्षणों वाले रोगियों के लिए आइसोलेशन वार्ड बनाना शामिल है। इसमें एक डाक्टर (आयुष डाक्टरों सहित), कुछ नर्सिंग स्टाफ और स्वयंसेवकों को तैनात किया जाएगा।

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