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    फतेहाबाद में वन-डिस्ट्रिक्ट-वन-उत्पाद के तहत सिट्रस फ्रूट उत्पाद का चयन, 10 लाख तक का मिलता अनुदान

    By Manoj KumarEdited By:
    Updated: Thu, 06 Jan 2022 02:25 PM (IST)

    असंगठित क्षेत्र व इनफोरमल रूप में कार्य कर रहे खाद्य प्रसंस्करण सूक्ष्म इकाइयों को बढ़ावा देने के लिए खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय भारत सरकार द्वारा प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना (पीएमएफएमई) का आरंभ किया है। 10000 करोड़ रुपये का लाभ प्रदान करने का प्रावधान किया गया है।

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    खाद्य प्रसंस्करण में नये सूक्ष्म उद्यम स्थापित करने एवं बढ़ावा देने के लिए पीएमएफएमई योजना लागू

    जागरण संवाददाता, फतेहाबाद :आत्मनिर्भर भारत अभियान के अंतर्गत असंगठित क्षेत्र व इनफोरमल रूप में कार्य कर रहे खाद्य प्रसंस्करण सूक्ष्म इकाइयों को बढ़ावा देने के लिए खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय भारत सरकार द्वारा प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना (पीएमएफएमई) का आरंभ किया है। इसके तहत वित्तीय वर्ष 2020-21 से 2024-25 के कार्यकाल के दौरान 2 लाख सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों को फार्मल सेक्टर में लाने के लिए 10,000 करोड़ रुपये का लाभ प्रदान करने का प्रावधान किया गया है। उक्त योजना के अंतर्गत अधिकतम 10 लाख रुपये तक की अनुदान सहायता से परियोजना लागत की 35 प्रतिशत क्रेडिट लिंक्ड अनुदान सहायता का प्रावधान है।

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    पीएमएफएमई योजना में खाद्य प्रसंस्करण में नये सूक्ष्म उद्यम स्थापित करने एवं बढ़ावा देने के लिए फतेहाबाद जिले में वन-डिस्ट्रिक्ट-वन-उत्पाद के तहत सिट्रस फ्रूट उत्पाद का चयन किया गया है। इसके अतिरिक्त असंगठित क्षेत्र में खाद्य प्रसंस्करण में काम कर रहे विद्यमान सूक्ष्म उद्यम जैसे आम, आलू, लीची, टमाटर, साबूदाना, किन्नू, भुजिया, पेठा, पापड़, अचार, मोटे अनाज आधारित उत्पाद, मत्स्य की पॉल्ट्री उत्पाद तथा पशुचारा इत्यादि भी लाभ लेने के पात्र होंगे।

    योजना का लाभ लेने के लिए पात्र मापदंड

    आवेदक 18 वर्ष से अधिक का हो और कम से कम आठवीं कक्षा की शैक्षणिक योग्यता रखता हो। वित्तीय सहायता प्राप्त करने के लिए एक परिवार से केवल एक व्यक्ति पात्र होगा। उक्त स्कीम में ऋण प्राप्त करने के लिए आनलाइन माध्यम से आवेदन कर सकते हैं। जिला स्तर इस स्कीम का संचालन एमएसएमइ केंद्र द्वारा किया जा रहा है।

    हर जिले में मिलेगी सहायता

    इस योजना के अंतर्गत आवेदकों को सभी प्रकार की सहायता डिस्ट्रिक्ट रिसोर्स पर्सन द्वारा प्रदान की जाती है। जिसके के लिए डिस्ट्रिक्ट रिसोर्स पर्सन को प्रति केस 20000 रुपये की राशि दिए जाने का प्रावधान है। जिला में और भी रिसोर्स पर्सन की नियुक्ति भी की जानी है जिसके लिए आवेदक स्नातक हो तथा खाद्य प्रसंस्करण एवं परियोजना रिपोर्ट की जानकारी रखता हो।

    ---जिले में वन-डिस्ट्रिक्ट-वन-उत्पाद के तहत सिट्रस फ्रूट उत्पाद का चयन किया गया है। खाद्य प्रसंस्करण में नये सूक्ष्म उद्यम स्थापित करने एवं बढ़ावा देने के लिए पीएमएफएमई योजना लागू की गई है। ऐसे में इसका फायदा उठाना चाहिए।

    प्रदीप कुमार, उपायुक्त फतेहाबाद।