पशुओं के लिए भी बेहद जरूरी होता है नमक, लंबे समय तक नमक नहीं खाने से हो सकते हैं बड़े नुकसान
पशुओं को नमक आहार के विभिन्न खाद्य पदार्थों द्वारा और नमक खिलाने से प्राप्त हाते हैं। शरीर में हाेने वाली चयापचन की क्रियाओं में काम आने के पश्चात नमक का शरीर से उत्सर्जन भी होता है। नमक पशुओं को आहार खाने में चाव भी उत्पन्न करता है।

जागरण संवाददाता, हिसार। पशुओं द्वारा खाया जाने वाला साधारण नमक दो तत्वाें से मिलकर बनता है। जिसमें सोडियम एवं क्लाेराइड शामिल हैं। इसीलिए अंग्रेजी में इसे सोडियम क्लोराइड कहते हैं। इन दोनों तत्वों की पशुओं को आवश्यकता होती है। शरीर में 0.2 प्रतिशत सोडियम होता है। शरीर में सोडियम हड्डियों, कोमल ऊतकों और शारीरिक द्रव्यों में पाया जाता हैं। शारीरिक माध्यम में अम्ल-क्षार सन्तुलन बनाये रखने के लिए भी नमक की आवश्यकता पड़ती है। नमक आंत में एमीनो एसिड और शकर्रा के अवशेषों के काम आता है। मांसपेशियाें में अनुबंध करने की क्षमता सोडियम की मात्रा पर निर्भर करती है।
पशुओं को नमक खिलाने के फायदे
पशुओं को नमक आहार के विभिन्न खाद्य पदार्थों द्वारा और नमक खिलाने से प्राप्त हाते हैं। शरीर में हाेने वाली चयापचन की क्रियाओं में काम आने के पश्चात नमक का शरीर से उत्सर्जन भी होता है। नमक पशुओं को आहार खाने में चाव भी उत्पन्न करता है। नमक से लार निकलने में सहायता मिलती है और लार से आहार के पचने में प्रोत्साहन मिलता है। पाचन में हाइड्रोक्लोरिक अम्ल सहायक पाया जाता है और साधारण नमक में अधिक मात्रा में पाया जाने वाला क्लोराइड इसके बनने में सहायक होता है। कम मात्रा में नमक खाये जाने पर इसका (उत्सर्जन) कम और अधिक मात्रा में खाये जाने पर इसका उत्सजर्न अधिक हाेता है।
पशुओं को नमक न मिलने से यह पड़ता है प्रभाव
अधिक समय तक आहर में पशु को नमक न मिलने पर पशु उसके आस-पास में पड़े कपड़े लकड़ी एवं मलमूत्र आदि वस्तुओं को खाने और चाटने लगता है। परीक्षणों द्वारा विज्ञानियों ने ज्ञात किया है कि जिन गायों को नमक नहीं खिलाया जाता है, उनकी भूख दो-तीन सप्ताह में कम हो जाती हैं। नमक की कमी से पशु आहार की प्रोटीन एवं ऊर्जा का प्रयागे ठीक से नहीं हाेते।
परिणामस्वरूप पशु का शारीरिक भार कम हो जाता है आरै दूध देने वाले पशुओं के दूध उत्पादन में कमी आ जाती है। अधिक मात्रा में दूध देने वाली गायों में नमक की कमी के लक्षण जल्दी एवं स्पष्ट रूप से प्रकट होते हैं क्योंकि दूध के द्वारा उनके शरीर से नमक बाहर निकल आता है और इस कमी को पूरा करने के लिये आहार द्वारा नमक पशु को प्राप्त नहीं होता है। नमक की हीनता अर्थात कमी के लक्षण प्रकट होने में पशु को लगभग एक वर्ष का समय लग जाता है।
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