'अगले जन्म भी मेरी कोख से तू ही जन्म लेना...' बलिदान पवन सिंधु को तिरंगे में लिपटा देख भावुक हुईं मां
नारनौंद के बलिदानी पवन सिंधु का पार्थिव शरीर तिरंगे में लिपटा घर पहुंचा। बेटे को मुखाग्नि देने के बाद, बड़े बेटे सौम्य ने सेना में भर्ती होने का संकल्प लिया। पवन की माता ने अगले जन्म में भी उसे अपनी कोख से जन्म लेने की बात कही। पत्नी रितु को पति के बलिदान पर गर्व था। पवन के दादा और ताऊ भी फौज में थे, और वह भी उन्हीं के पदचिह्नों पर चले।

बलिदान पवन सिंधु का पार्थिव शरीर देखकर लोगों की आखें हुई नम।
सुनील मान, नारनौंद। परिवार में देश की सेवा करने का जज्बा पिछली तीन पीढियों से चला आ रहा है। चौथी पीढ़ी भी सेना में भर्ती होकर बलिदानी पवन सिंधु के सपने को पूरा करने का काम करेगी। पिता को मुखाग्नि देने के बाद ही बड़े बेटे सौम्य ने निश्चय कर लिया कि वह सेना में भर्ती होकर इस परंपरा को आगे बढ़ाने का काम करेगा। जब बलिदानी पवन सिंधु का पार्थिव शरीर तिरंगे झंडे में लिपटे उनके आंगन में पहुंचा तो हर किसी की आंखों में आंसू थे। पवन की माता सावित्री की आंखों से आंसू बह रहे थे।
वह रोते हुए कह रही थी कि बेटा अगले जन्म में भी मेरी कोख से ही जन्म लेना और फिर से सेना में भर्ती होकर देश की सेवा करना। पत्नी रितु का भी रोकर बुरा हाल था। लेकिन उसे गर्व था कि उसका पति देश की सेवा करते हुए बलिदान हो गया। बलिदानी पवन सिंधु के दादा केहर सिंह और ताऊ सूबेदार कर्ण सिंह फौज में होते थे। उनके पदचिह्नों पर चलते हुए वह भी फौज में भर्ती हो गया था।
इसी वर्ष मार्च के महीने में पवन सिंधु डेढ़ महीने के लिए छुट्टी लेकर घर आया था। इसके बाद फिर से आने का वादा करके 27 अप्रैल को वापस फौज में चला गया। आखिरी बार 27 अक्टूबर को फोन पर बात हुई थी, क्योंकि ऊपर पहाड़ियों पर रेंज नहीं होती थी। उसने पत्नी रितु व बेटे सौम्य से बातचीत करते हुए उसने कहा था वह अपना अच्छी प्रकार से ख्याल रखें। वह तीन-चार दिन के बाद ही छुट्टी लेकर घर वापस आएगा।
पिता की कमी हमेशा खलेगी: बेटे
सौम्य और विनय ने बताया कि जब भी बातचीत होती थी तो कहते थे अच्छी तरह से पढ़ाई करो और पूरी तरह से शरीर को फिट रखो ताकि सेना में भर्ती हो सको। जब भी हमें कोई चीज की जरूरत होती तो एक बार कहने की जरूरत थी तभी वह चीज हमारे लिए हाजिर कर देते थे। लेकिन अब पिता इस दुनिया में नहीं हैं, उनकी कमी हमेशा खलेगी।
बड़े ही सरल स्वभाव का था पवन: मेजर सत्यपाल
हरियाणा बाक्सिंग संघ के अध्यक्ष मेजर सत्यपाल सिंधु ने बताया कि हमें पवन पर गर्व है, उन्होंने देश की सेवा में अपनी जान की बाजी लगा दी। वह बड़े ही सरल स्वभाव के थे। शुरू से ही सेना में भर्ती होने का उनका सपना था। उन्होंने सपने को पूरा किया। पूरे गांव को उन पर हमेशा गर्व रहेगा।
भाई हमारे दिलों में जिंदा रहेगा: भाई
प्रमोद रिटायर्ड कैप्टन बलवान सिंह ने बताया कि गांव का जवान हवलदार पवन सिंधु बलिदान को प्राप्त हो गया है। वह सेना में भर्ती होकर काफी खुश था। देश के लिए सेवा की भावना उसमें शुरू से ही थी। वह जब भी छुट्टी आता था तो सभी से मिलकर जाता था। छोटे भाई प्रमोद ने बताया कि भाई आज इस दुनिया में नहीं है लेकिन वह हमेशा हमारे दिलों में जिंदा रहेगा। पूरे गांव को उस पर नाज है। गांव में जब भी आता था तो स्टेडियम में जाकर युवाओं को सेना में भर्ती होने के लिए प्रेरित करता था।

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