हिसार एयरपोर्ट पर वन्यजीवों का साम्राज्य, खदेड़ने में जुटे अफसर; 14 को हरी झंडी दिखाएंगे PM मोदी
हिसार हवाई अड्डे पर वन्यजीवों की मौजूदगी सरकार और प्रशासन के लिए चुनौती बनी हुई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगमन से पहले इन वन्यजीवों को एयरपोर्ट परिसर से बाहर खदेड़ने के लिए अभियान चलाया जा रहा है। आईएएस और आईएफएस अधिकारी भी इस अभियान में शामिल हैं। पीएम मोदी पहला विमान को 14 अप्रैल को हरी झंडी दिखाएंगे। हिसार से अयोध्या के लिए उड़ान भरेगा।
पवन सिरोवा, हिसार। हिसार हवाई अड्डे को 13 मार्च 2025 को एरोड्रम लाइसेंस मिल गया था। बावजूद इसके एयरपोर्ट के प्रांगण में मौजूद वन्यजीव सरकार और प्रशासन के लिए चुनौती बने हुए हैं। 14 अप्रैल को बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर जयंती पर देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हिसार आ रहे हैं।
उनके आगमन से पहले इन वन्यजीवों को एयरपोर्ट परिसर से बाहर खदेड़ने के लिए कवायद चल रही है। आलम यह है कि हवाई अड्डा परिसर से वन्यजीवों को बाहर करने के लिए आईएएस (भारतीय प्रशासनिक सेवा) से लेकर आईएफएस (भारतीय वन सेवा) अधिकारी तक रनवे तक पहुंच गए हैं।
हरियाणा के प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) आईएफएस विवेक सक्सेना के नेतृत्व में प्रदेश के छह जिलों (हिसार, सिरसा, भिवानी, फतेहाबाद, दादरी और जींद) के वन्यप्राणी विभाग और नगर निगम हिसार की टीम संयुक्त रूप से अभियान चलाकर इन वन्यजीवों को एयरपोर्ट से बाहर करने में जुटी हुई है। मंगलवार को शाम 5 बजे तक टीमों ने तीन नील गाय को एयरपोर्ट परिसर से बाहर किया।
हिसार से पांच राज्य में होगी एयर कनेक्टिविटी
देश के पांच बड़े शहर (अयोध्या, चंडीगढ़, अहमदाबाद, जयपुर और जम्मू) में हिसार से हवाई सेवा शुरू होने जा रही है। ऐसे में वन्यप्राणी विभाग के गुरुग्राम में तैनात मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव),आईएफएस सुभाष यादव 3 और 4 अप्रैल को हिसार एयरपोर्ट क्षेत्र का निरीक्षण कर छह पेजों की 5 अप्रैल को साइट निरीक्षण रिपोर्ट तैयार की थी।
सबूत के तौर पर मौके पर फोटोग्राफ के साथ एयरपोर्ट क्षेत्र में वन्यजीवों की मौजूदगी बताते हुए नियमित विमान उड़ान पर पुनर्विचार के लिए लिखा। इस रिपोर्ट को दैनिक जागरण की टीम ने प्रकाशित कर पाठकों को एयरपोर्ट की स्थिति से अवगत करवाया। यह रिपोर्ट प्रकाशित होने के बाद सुभाष यादव का स्थानांतरण मुख्यालय पंचकूला हो गया।
क्यों है वन्यजीवों का साम्राज्य बरकरार?
वन्यजीवों के अधिकारियों के अनुसार हवाई अड्डा क्षेत्र में वन्यजीव का साम्राज्य है। इनमें मुख्य रूप से नीलगाय, जंगली सुअर, कुत्ते, गीदड़, बड़ी संख्या में तीतर व खरगोश इत्यादि वन्यजीव हैं।
रनवे के आसपास सहित परिसर में झाड़ियां, सरकंडे, शीशम, कीकर इत्यादि पेड़ और वनस्पति बड़ी संख्या में है, जो इन वन्यजीवों का आश्रय स्थल है।
एयरपोर्ट की खाली जगह में बड़ी-बड़ी ट्रेंच बनी है जो वन्यजीवों का छिपने का अहम स्थान है। एयरपोर्ट बाउंड्री में वन्यजीवों के लिए पर्याप्त भोजन, पानी और छिपने के स्थान की व्यवस्था प्रकृति की ओर से है।
अधिकारियों के सामने ये है बड़ी चुनौती
- वन्यप्राणी विभाग के अधिकारियों ने कहा कि बड़े स्तर पर एयरपोर्ट क्षेत्र में झाड़ियां, सरकंडे और वनस्पति है। इसे जून माह तक साफ करना होगा। इसके बाद वर्षा का मौसम शुरू हो जाएगा। ऐसे में इन्हें साफ करना आसान नहीं होगा।
- वन्यजीव में नीलगाय को पकड़ने में संयुक्त टीमें कार्यरत है, जबकि इस क्षेत्र में जंगली सुअर, सिआर, गीदड़, कुत्ते, खरगोश और तीतर बड़ी संख्या में है। इन्हें भी वर्षा से पहले बाहर करना होगा। इसके बाद ट्रेंच व वनस्पति में इन्हें खोजना और बाहर करना आसान नहीं होगा।
- आठ मार्च से वन्यप्राणी और नगर निगम की संयुक्त टीमें वन्यजीवों को बाहर करने का अभियान चला रही है।
7200 एकड़ में निर्माणाधीन है एयरपोर्ट
हिसार हवाई अड्डा के लिए 7200 एकड़ जगह चिह्नित की है। इसमें दो हजार एकड़ में बाउंड्री बनी। 2988 एकड़ में औद्योगिक क्षेत्र और 10 हजार फीट लंबा रनवे बना है।
पहली उड़ान 14 अप्रैल को 10.40 मिनट पर दिल्ली-हिसार-अयोध्या के बीच होगी। हिसार से अयोध्या का हवाई जहाज का किराया 3393 रुपये और दिल्ली का किराया 1199 रुपये है।
नए एयरपोर्ट का निर्माण कर बाउंड्री बनाई गई। जंगल होने के कारण यहां पर पशु हैं। उन्हें निकालने का काम चल रहा है। एक-एक पशु को हिसार एयरपोर्ट परिसर से बाहर निकाला जाएगा।
- नायब सिंह सैनी, मुख्यमंत्री, हरियाणा
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