जिला बनने के बाद हांसी को मिली बड़ी सौगात, हुकुमचंद पार्क में 40 लाख की लागत से बनेगा आधुनिक ईपीडीएम ट्रैक
जिला बनने के बाद हांसी को पहली बड़ी सौगात मिली है। हुकुमचंद पार्क में 40 लाख की लागत से आधुनिक ईपीडीएम ट्रैक बनेगा। यह ट्रैक शहर के लोगों को बेहतर सुव ...और पढ़ें

जिला बनने के बाद हांसी को पहली बड़ी सौगात, हुकुमचंद पार्क में 40 लाख की लागत से बनेगा आधुनिक ईपीडीएम ट्रैक।
संवाद सहयोगी, हांसी। जिला बनने के बाद शहरवासियों को पहली बड़ी सुविधा मिलने जा रही है। शहर के सबसे बड़े और प्रसिद्ध हुकुमचंद पार्क में पहली बार मार्निंग वाकरों और स्वास्थ्य प्रेमियों के लिए आधुनिक ईपीडीएम ट्रैक का निर्माण किया जाएगा। नगर परिषद द्वारा इस परियोजना पर करीब 40 लाख रुपये की लागत आएगी।
लंबे समय से इसकी मांग कर रहे मार्निंग वाकरों के लिए यह एक बड़ी राहत साबित होगी। नगर परिषद के अनुसार, पार्क के अंदर करीब 800 मीटर लंबे ट्रैक पर लगभग 10 इंच मोटी रबर फ्लोरिंग बिछाकर ईपीडीएम ट्रैक तैयार किया जाएगा।
इसके साथ ही पार्क में कई स्थानों पर सीसी पाथ-वे भी बनाए जाएंगे, ताकि सुबह-शाम टहलने वाले लोगों को सुरक्षित और सुगम सुविधा मिल सके। वर्तमान में बने ब्लाक और पथरीले रास्ते जगह-जगह से क्षतिग्रस्त हो चुके हैं, जिससे बुजुर्गों, महिलाओं और बच्चों को सैर के दौरान परेशानी का सामना करना पड़ता है।
ईपीडीएम ट्रैक पर टहलने से मिलती हैं मांसपेशियों को मजबूती
ईपीडीएम ट्रैक पर टहलने से शरीर की मांसपेशियों को मजबूती मिलती है और मांसपेशियों की ताकत में वृद्धि होती है। यह ट्रैक खासतौर पर घुटनों और पैरों पर कम दबाव डालता है, जिससे बुजुर्गों और नियमित दौड़ लगाने वाले युवाओं को विशेष लाभ मिलेगा। इस सुविधा के शुरू होने से लोगों को नियमित रूप से टहलने, दौड़ने और व्यायाम करने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा।
पार्क में सुबह-शाम टहलने के लिए दूर-दराज से आते हैं लोग
हुकुमचंद पार्क में रोजाना सुबह-शाम सैर, योग और अन्य स्वास्थ्य गतिविधियों के लिए न केवल आसपास के क्षेत्रों से बल्कि दूर-दराज से भी लोग पहुंचते हैं। पार्क की लोकप्रियता को देखते हुए नगर परिषद ने इस कार्य के लिए एस्टीमेट तैयार कर टेंडर प्रक्रिया शुरू करने की योजना बनाई है।

फिलहाल शहर के एक ही पार्क में यह आधुनिक सुविधा विकसित की जा रही है, जिसे भविष्य में अन्य पार्कों में भी लागू किया जा सकता है। नगर परिषद का उद्देश्य शहरवासियों को बेहतर, सुरक्षित और स्वास्थ्य के अनुकूल वातावरण उपलब्ध कराना है। ईपीडीएम ट्रैक के निर्माण के बाद हुकुमचंद पार्क न केवल हांसी बल्कि आसपास के क्षेत्रों के लिए भी एक आदर्श स्वास्थ्य केंद्र के रूप में उभरेगा।
एथिलीन प्रोपलीन डायन मोनोमर रबर से जाना जाता हैं यह ट्रैक
ईपीडीएम ट्रैक की लाइफ अन्य मटेरियल से बने ट्रैकों से बहुत ज्यादा है और इस ट्रैक पर घूमने और दौड़ने के भी लाभ हैं। इसे एथलीन प्रोपलीन डायन मोनोमर रबर कहा जाता है। इससे बने ट्रैक लोचदार लचीले होते हैं जिन पर घूमना स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होता है।लोचदार होने की वजह से ट्रैक पर घूमने वाले बुजुर्गों बच्चों के घुटनों का ख्याल रखता है इस ट्रक पर घूमने में थकावट भी कम होती है यही नहीं छोटे बच्चे भी इस ट्रक पर ज्यादा घूमना पसंद करेगे।
करीब 7.8 एकड़ में फैला है हुकुमचंद पार्कशहर का सबसे बड़ा हुकुमचंद पार्क कुल 7.8 एकड़ क्षेत्रफल में फैला हुआ है। इसका निर्माण एचएसवीपी यानी पूर्व में हुडा द्वारा किया गया था। वर्ष 2014 में उद्घाटन के बाद से ही यह पार्क लोगों के आकर्षण का केंद्र रहा है। शुरुआत में पार्क की देखरेख हुडा प्रशासन करता था, जिसे बाद में नगर परिषद को सौंप दिया गया। आज यह पार्क हांसी की पहचान बन चुका हैं।

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