Move to Jagran APP

सर्द मौसम में टेंट में रह रहे मिर्चपुर पीड़ित परिवार

सरकार की तरफ से ढंढूर में पीड़ितों के पुनर्वास के लिए प्लाट तो आवंटित कर दिए गए हैं लेकिन मकान बनाने की कोई योजना तैयार नहीं की गई है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 19 Dec 2020 08:05 AM (IST)Updated: Sat, 19 Dec 2020 08:05 AM (IST)
सर्द मौसम में टेंट में रह रहे मिर्चपुर पीड़ित परिवार
सर्द मौसम में टेंट में रह रहे मिर्चपुर पीड़ित परिवार

संवाद सहयोगी, हांसी : मिर्चपुर कांड के पीड़ित वर्षो बाद भी सिस्टम की उपेक्षा का शिकार हैं। गांव छोड़कर आए परिवार सर्द मौैसम में टेंट में रहने को मजबूर हैं। सरकार की तरफ से ढंढूर में पीड़ितों के पुनर्वास के लिए प्लाट तो आवंटित कर दिए गए हैं, लेकिन मकान बनाने की कोई योजना तैयार नहीं की गई है। अधिवक्ता एवं सोशल एक्टिविस्ट रजत कलसन ने भी मिर्चपुर पीड़ितों के साथ अन्याय किए जाने का आरोप लगाया है।

prime article banner

बता दें कि बीते वर्ष सरकार ने 256 पीड़ितों को हिसार के ढंढूर में आवासीय प्लॉट आवंटित किए थे। सरकार ने निश्शुल्क प्लॉट देने का दावा किया था, लेकिन अनुसूचित जाति के पीड़ितों का आरोप है कि सरकार ने गांव में उनके मकानों का अधिग्रहण कर लिया है। कलसन ने आरोप लगाया है कि पीड़ितों से सरकार 800 रुपये की किस्त भी वसूल कर रही है और पीड़ितों के पुनर्वास का ढिढोरा भी पीट रही है।

उन्होंने कहा कि जमीनी हकीकत जानने पर पता चला कि मिर्चपुर के पीड़ितों जमीन अलॉटमेंट क नाम पर सरकार भारी-भरकम किस्त पीड़ितों से वसूल कर रही है। वही पीड़ितों को मकान बनाने के लिए कोई भी लोन की सुविधा नहीं दी गई है। पीड़ित रमेश कुमार, वीरभान, संजय, दिलबाग, सत्यवान ने कहा कि काफी संख्या में परिवार अभी भी प्लास्टिक के टेंट में अमानवीय स्थिति में रह रहे हैं। दिसंबर की सर्दी में ठंडी में तेज हवा के झोंकों से टेंट जगह-जगह से फट गए हैं। यहां तक की साइट पर न कोई शौचालय है और न पानी की सुविधा।

सरकार की मंशा पर सवाल

पीड़ितों से चर्चा करके एक मांगपत्र तैयार किया गया है। इस बारे उपायुक्त से जल्द मिलेंगे। अगर जल्द सरकार ने मांगें पूरी नहीं की तो कोर्ट में याचिका दायर की जाएगी। मिर्चपुर पीड़ितों को पुनर्वास के लिए सरकार को गंभीरता से प्रयास करने चाहिए।

- रजत कलसन, अधिवक्ता


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.