सरसों के तेल से मालिश, कूलर में सोती है हरियाणा की ये भैंस... दूध बेचकर मालिक हुआ मालामाल
हरियाणा के नारनौंद में किसान ईश्वर सिंघवा की मुर्राह नस्ल की भैंस राधा ने 35 किलो 669 ग्राम दूध देकर विश्व रिकॉर्ड बनाया है। राधा ने कैथल जिले की रेशमा का 33 किलो 800 ग्राम का रिकॉर्ड तोड़ा। ईश्वर सिंघवा ने इस उपलब्धि के लिए ऑनलाइन आवेदन किया था जिसके बाद पशुपालन विभाग के अधिकारियों की मौजूदगी में दूध का रिकॉर्ड मापा गया।

सुनील मान, नारनौंद (हिसार)। हरियाणा, जिसे दूध और दही का देश कहा जाता है, ने एक बार फिर अपनी कृषि और पशुपालन की क्षमता को साबित किया है। नारनौंद के सिंघवा खास गांव के किसान ईश्वर सिंघवा की मुर्राह नस्ल की भैंस राधा ने विश्व स्तर पर सबसे अधिक दूध देने का रिकॉर्ड स्थापित किया है।
राधा ने 35 किलो 669 ग्राम दूध देकर न केवल अपने मालिक का नाम रोशन किया बल्कि प्रदेश की पहचान को भी वैश्विक स्तर पर पहुंचाया है। ईश्वर सिंघवा ने साबित किया कि किसान केवल खेती तक सीमित नहीं रह सकते, बल्कि पशुपालन के माध्यम से भी आय को बढ़ा सकते हैं।
ईश्वर सिंघवा ने वर्ल्ड रिकॉर्ड को चुनौती देने के लिए ऑनलाइन आवेदन किया था। पशुपालन विभाग के अधिकारियों और गांव के सरपंच की उपस्थिति में राधा का चार बार दूध निकाला गया, जिसके बाद परिणाम घोषित किया गया।
इससे पहले, यह रिकॉर्ड 33 किलो 800 ग्राम था, जो प्रदेश के कैथल जिले के गांव बुढाखेड़ा गांव के किसान नरेश की भैंस रेशमा के नाम था जिसे उसने 2020 में बनाया था। इस रिकॉर्ड को राधा ने तोड़ दिया। ईश्वर सिंघवा को सीएम नायब सैनी व पीएम मोदी सम्मानित कर चुके हैं।
पशुपालक ऐसे करें आवेदन
पशुपालकों के लिए, यदि वे अपनी भैंस का दूध रिकॉर्ड बनाना चाहते हैं, तो उन्हें विभाग की वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा। इसके बाद, पशुपालन विभाग की टीम वहां जाकर भैंस की नस्ल की जांच करती है और कानों पर टैग लगाती है। इसके बाद, भैंस का दूध चार बार निकाला जाता है।
हर माह कटिंग, रोजाना सरसों के तेल से होती है मालिश
ईश्वर ने बताया कि राधा को पिछले वर्ष फतेहाबाद के कन्हेड़ी गांव से चार लाख एक हजार में खरीदा था। अब उसके लिए साफ गद्दे बिछाए जाते हैं। दिन में तीन बार स्नान, माह में एक बार कटिंग और रोज सरसों के तेल से मालिश होती है। गर्मियों में कूलर के नीचे रखते हैं।
खाने में रोज 8 किलो चने, चार किलो बिनोला, 2 किलो गेहूं का दलिया, 2 किलो गुड़ की स्पेशल फीड देते हैं। बिहार एनिमल साइंस यूनिवर्सिटी के वीसी डॉ. इंद्रजीत सिंह व पशुपालन विभाग के महानिदेशक डॉ. प्रेम सिंह ने राधा का नामकरण किया था।
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