हिसार एयरपोर्ट पर राष्ट्रपति मुर्मु की सुरक्षा में चूक, विमान की लैंडिंग से पहले रनवे पर घूमते दिखे जंगली जानवर
हिसार के महाराजा अग्रसेन एयरपोर्ट पर सुरक्षा व्यवस्था में बड़ी चूक सामने आई है। एयरपोर्ट की हवाई पट्टी और आसपास के क्षेत्रों में नीलगाय सुअर कुत्ते और तितर जैसे वन्यजीव घूम रहे हैं। यह चिंता का विषय है क्योंकि हाल ही में गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में शामिल आईं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु का हवाई जहाज यहीं लैंड किया था।

पवन सिरोवा, हिसार। जिस हवाई पट्टी और संबंधित क्षेत्रों में एक परिंदा भी पर नहीं मार सकता, वहां अगर वन्यजीवों का बसेरा हो तो ये सुरक्षा व्यवस्था में चूक ही मानी जाएगी। कमोबेश यही सच हिसार के महाराजा अग्रसेन एयरपोर्ट पर सामने आया है। एयरपोर्ट को अगले चार-पांच दिनों में उड़ान भरने का लाइसेंस मिलना है। मगर उसकी हवाई पट्टी पर नीलगाय व अन्य वन्यप्राणी घूम रहे हैं।
विषय इसलिए भी संवेदनशील है क्योंकि सोमवार को ही यहां राष्ट्रपति दौपदी मुर्मु हवाई जहाज से आई थीं। वे गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के दीक्षा समारोह में मुख्यातिथि थीं। इसी हवाई पट्टी पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का हेलीकॉप्टर भी लैंड कर चुका है।
सेना लड़ाकू विमान उतारने का भी कर चुकी है ट्रायल
सेना लड़ाकू विमान उतारने का ट्रायल कर चुकी है। हैरान करने वाली बात यह कि एयरपोर्ट के अधिकारी यहां वन्यप्राणियों के विचरण की बात को सिरे से खारिज कर रहे हैं। जबकि वन एवं वन्य प्राणी विभाग का कहना है कि यहां पहले से वन्य जीवों का बसेरा है। सवाल यह कि सुरक्षा के प्रति बेपरवाही के लिए जवाबदेह कौन है?
तीन दिन तक टीमें परिसर में वन्य जीवों को पकड़ने में रही व्यस्त
राष्ट्रपति 10 मार्च को हिसार आई थीं। उनके आगमन से पहले आठ मार्च को विश्व महिला दिवस के दिन से ही एयरपोर्ट के सीमा क्षेत्र में कई विभागों की संयुक्त टीमें वन्य जीवों को पकड़ने और उन्हें एयरपोर्ट के प्रांगण से बाहर निकालने की जद्दोजहद में लगी रही। दिन में कई घंटे टीमों ने इन वन्य जीवों को पकड़ने के लिए पसीना बहाया। सभी तरह के प्रयासों के बावजूद वन्य जीवों को बाहर नहीं निकाला जा सका था।
वन्यप्राणी विभाग के अफसर बोले-यह तो वन्य जीवों की जगह है
वन्यप्राणी विभाग के आला अफसरों की मानें तो हवाई अड्डे ने वन्य जीवों की जगह घेर रखी है। वन्य जीव यहां पहले से ही रह रहे थे। इसी वजह से आज भी अपनी जगह मानकर विचरण कर रहे हैं। सरकारी तंत्र की मानें तो एयरपोर्ट की सीमा में नीलगाय, सुअर, कुत्ते हैं। सूत्रों के अनुसार करीब 20-30 नीलगाय, सुअर, 50 से अधिक कुत्ते, एक हजार के आसपास तितर और गीदड़ भी यहां नियमित घूमते हैं।
मार्च-अप्रैल में शुरू हो सकती है हवाई सेवा
हिसार एयरपोर्ट से मार्च-अप्रैल तक कई राज्यों के लिए हवाई सेवा शुरू होने वाली है। रनवे और उसके आसपास घूमने वाले वन्यजीव खतरा बनकर मंडरा रहे हैं।
पांच राज्यों के लिए उड़ान का रास्ता होगा साफ
हिसार एयरपोर्ट से पांच राज्यों के लिए जहाज उड़ने का रास्ता जल्द साफ होगा। होली पर प्रदेश को जहाज उड़ाने का लाइसेंस मिलने की उम्मीद है। सबसे पहला जहाज अयोध्या के लिए उड़ान भरने की बात कही गई है। वहीं एयरपोर्ट पर बड़े टर्मिनल के निर्माण और उसके शिलान्यास को लेकर पीएम मोदी को हिसार बुलाने की योजना है। उम्मीद है कि प्रधानमंत्री से समय मिलने और लाइसेंस मिलने के बाद पहली फ्लाइट भी उसी दिन उड़े, जिस दिन हिसार प्रधानमंत्री पहुंचें।
एयरपोर्ट के अंदरूनी क्षेत्र में झाड़ियां है। एयरपोर्ट के चारों तरफ दीवार निकल चुकी है। दीवार के कारण और झाड़ियों की वजह से वन्यजीव बाहर नहीं पा रहे। इन्हें खाने के लिए भोजन व पानी मिल ही रहा है। दिनेश जांगड़ा, इंस्पेक्टर, वन्यप्राणी विभाग, हिसार।
10 मार्च को जब राष्ट्रपति गुरु जम्भेश्वर विश्वविद्यालय के कार्यक्रम में शामिल होने आई थीं तो जहाज हिसार एयरपोर्ट की हवाई पट्टी पर ही उतरा था। किसी प्रकार की कोई असुविधा नजर आती है तो वीवीआईपी के जहाज एयरपोर्ट पर नहीं आते। एयरपोर्ट पर एक भी वन्य जीव नहीं है। एयरपोर्ट सुरक्षित है।
सतपाल, प्रोटोकॉल अधिकारी, एयरपोर्ट अथॉरिटी हिसार।
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