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    फसल खराब हुई है तो किसान 72 घंटों के अंदर-अंदर ई -फसल क्षतिपूर्ति पोर्टल पर करें आवेदन

    By Amit KumarEdited By: Manoj Kumar
    Updated: Mon, 26 Sep 2022 04:41 PM (IST)

    किसानों के कल्याण के लिए ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल आरंभ किया है। भारी बारिश से जिला में जिन किसानों की फसल खराब हुई है वे किसान 72 घंटों के अंदर-अंदर ई-फसल क्षतिपूर्ति पोर्टल पर क्षतिग्रस्त हुई फसल की भरपाई के लिए आवेदन कर सकते हैं।

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    पोर्टल के माध्यम से किसान सीधे ही आपदा में फसलों को हुए नुकसान की जानकारी खुद ही दर्ज कर सकेंगे

    जागरण संवाददाता, फतेहाबाद : हरियाणा सरकार ने किसानों के कल्याण के लिए ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल आरंभ किया है। इस पोर्टल के माध्यम से किसान अब सीधे ही आपदा में फसलों को हुए नुकसान की जानकारी खुद ही दर्ज कर सकेंगे। ये जानकारी देते हुए डीसी जगदीश शर्मा ने बताया कि भारी बारिश से जिला में जिन किसानों की फसल खराब हुई है, वे किसान 72 घंटों के अंदर-अंदर ई-फसल क्षतिपूर्ति पोर्टल पर क्षतिग्रस्त हुई फसल की भरपाई के लिए आवेदन कर सकते हैं।

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    यह फसल नुकसान की स्थिति में आवेदन, सत्यापन और मुआवजा प्रदान करने की प्रणाली में पारदर्शिता सुनिश्चित करने की दिशा में हरियाणा सरकार का ऐतिहासिक कदम है। उपायुक्त ने बताया कि जो किसान प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना व मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना व सीड विकास कार्यक्रम के तहत कवर हैं, उन किसानों को इस सुविधा का लाभ नहीं मिलेगा।

    उन्होंने बताया कि इस पोर्टल के माध्यम से मुआवजा राशि ‘मेरी फसल-मेरा ब्यौरा’ पर उपलब्ध करवाए गए काश्तकार के सत्यापित खाते में सीधे जमा करवाई जाएगी। इसके लिए किसानों को ‘मेरी फसल-मेरा ब्यौरा’ पोर्टल के अलावा कही भी पंजीकरण करने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने बताया कि संबंधित खसरा नंबर प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना व सीड विकास कार्यक्रम के तहत पंजीकृत नहीं होना चाहिए। उपायुक्त ने कहा कि इस पोर्टल पर किसान समय-समय पर अपने आवेदन की स्थिति देख सकते हैं। पंजीकरण हेतु मोबाइल नंबर, परिवार पहचान पत्र या ‘मेरी फसल-मेरा ब्यौरा’ पंजीकरण नंबर में से कोई एक अनिवार्य होगा। उन्होंने बताया कि फसल के मुआवजे के लिए स्लैब निर्धारित किए गए हैं।

    उन्होंने बताया कि पटवारी, कानूनगो और तहसीलदार उनके पंजीकृत मोबाइल नंबर से लागिन फार्म से अपना-अपना लागिन करेंगे। वे फसल नुकसान के लिए किसान द्वारा प्रस्तुत आवेदन को देख सकेंगे। फसल हानि का प्रतिशत तथा खसरा नम्बर की फोटो भरेंगे और अपनी प्रतिक्रिया देंगे। एसडीएम. अपने लॉगिन फार्म से लागिन करेंगे और पटवारी, कानूनगो व तहसीलदार द्वारा प्रस्तुत किए गए बेमेल डेटा को देख सकेंगे। उन्होंने बताया कि किसान द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत का पुन सत्यापन भी संबंधित इलाके के एसडीएम द्वारा किया जाएगा। इसके लिए उसका मेरी फसल मेरा ब्यौरा (एमएफएमबी) पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन जरूरी है।