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    रूस आर्मी की ओर से यूक्रेन वॉर में लड़ते हुए हिसार के युवक की मौत, 35 दिन पहले रोते हुए किया था फोन- मुझे बचा लो

    Updated: Thu, 09 Oct 2025 10:23 AM (IST)

    यूक्रेन युद्ध में रूसी सेना की ओर से लड़ते हुए हिसार के एक युवक की मौत हो गई। मृतक हार्दिक ने 35 दिन पहले रोते हुए परिवार को फोन किया था और मदद मांगी थी। वह रूस में एमबीबीएस की पढ़ाई करने गया था और बाद में रूसी सेना में भर्ती हो गया था। इस घटना से परिवार में शोक की लहर है।

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    रूस आर्मी की ओर से यूक्रेन वॉर में लड़ते हुए हिसार के युवक की मौत (File Photo)

    सुरेश सहारण, हिसार। मदनहेड़ी गांव के सोनू नामक युवक की यूक्रेन युद्ध में रूसी सेना की ओर से लड़ते हुए मौत हुई है। 28 वर्षीय सोनू की मौत गोली लगने से हुई बताई जा रही है।

    रूसी सेना के अधिकारी ने पत्र भेजकर मृतक के परिवार को इस बारे में सूचित किया है। पत्र में लिखा है कि सोनू का शव मॉस्को पहुंच चुका है। स्वजन को रूस आकर लेना पड़ेगा।

    वहीं, सोनू के साथ गए गांव के ही 24 वर्षीय अमन से 22 सितंबर के बाद से कोई संपर्क नहीं हो पाया है। दोनों युवक सवा साल पहले मई 2024 में रूस में विदेशी भाषा का कोर्स करने गए थे।

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    हालांकि भारत व हरियाणा सरकार की ओर से इस बारे में कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। सोनू के स्वजन ने रूसी सेना की ओर से मिला पत्र प्रशासनिक अधिकारियों को सौंप दिया है। ये भी पता चला है कि सोनू के परिवार को 19 सितंबर को रूसी अधिकारी की ओर से सोनू की मौत की सूचना मिल गई थी।

    मदनहेड़ी निवासी अनिल ने बताया कि उसका भाई सोनू आठ मई 2024 को रूस में भाषा सीखने गया था। उसका वीजा खत्म होने वाला था और वह रूस से लौटने वाला था।

    तीन सितंबर को सोनू का फोन आया कि हमें झूठ बोलकर रूसी आर्मी में भर्ती कर रहे हैं। आर्मी में भर्ती होने के बाद यूक्रेन के साथ युद्ध लड़ने के लिए भेजेंगे। मुझे आर्मी में भर्ती नहीं होना है। मुझे बचा लो।

    22 सितंबर को फोन कर कहा था- मुझे बचा लो सुनील ने बताया कि मेरा भाई अमन 18 जून 2024 रूस में भाषा सीखने के लिए गया था। वह पिछले महीने वापस भारत आने वाला था।

    इससे पहले वहां पर कुछ लोगों ने उसे सुरक्षाकर्मी की नौकरी देने की बात कही और रशियन भाषा में लिखे एक कांट्रैक्ट पर हस्ताक्षर करवा लिए। बाद में पता चला कि उसे रूसी आर्मी में भर्ती किया गया है। तीन सितंबर को फोन पर बताया कि उसे रूसी आर्मी में भर्ती कर लिया है। यहां पर रोजाना कई जानें जा रही है। मुझे बचा लो।

    रशियन भाषा में मिला मैसेज सोनू के भाई अंकित के अनुसार 19 सितंबर को टेलीग्राम पर रूसी अफसर का मैसेज आया। मैसेज रशियन भाषा में था। इसे एक एक्सपर्ट से समझा तो सोनू के मारे जाने के बारे में पता चला। मैसेज में रूसी सेना की ओर से लिखा था कि सोनू छह सितंबर को लापता हो गया था। अब उसकी डेडबॉडी मिली है।

    टेलीग्राम से मिली थी सूचना मदनहेड़ी के युवकों के स्वजन ने बताया कि टेलीग्राम पर रूसी सेना के अधिकारी से सूचना मिलने के बाद उन्होंने इस बारे में गृह मंत्रालय और रूस में भारतीय व रूसी दूतावास में संपर्क किया है। परिवार का दावा है कि भारतीय व रूसी दूतावास की ओर से उन्हें सोनू के बारे में ऐसी किसी प्रकार की जानकारी होने से मना किया है।