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Haryana Weather Update: फरवरी और मार्च में अधिक गर्मी होने के ज्योतिषविद और मौसम विज्ञानियों ने दिए तर्क

भारतीय ज्योतिष अनुसंधान केंद्र के निदेशक राजेंद्र प्रसाद कौशिक बताते हैं कि 13 फरवरी से सूर्य अपनी परम किरणों पर आ रहा है। इससे मार्च में भी अप्रैल जैसा तापमान दिखाई दे रहा है। इसका प्रभाव 14 मार्च तक रहने की उम्मीद है। वहीं मौसम विज्ञानियों का तर्क और है।

By Manoj KumarEdited By: Published: Mon, 08 Mar 2021 01:34 PM (IST)Updated: Mon, 08 Mar 2021 04:22 PM (IST)
हरियाणा में आधी फरवरी बीतने पर ही गर्मी शुरू हाे गई तो अब दिन में बेहद तेज धूप होती है

हिसार, जेएनएन। हरियाणा में फरवरी और अब मार्च दोनों महीनों में दिन का तापमान सामान्य से काफी अधिक है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है वर्ष 2010 के बाद इन्‍हीं महीनों में सबसे अधिक गर्मी इस बार फरवरी और मार्च में पड़ रही है। जहां दिन में तापमान 32 डिग्री सेल्सियस से भी अधिक है। इतनी गर्मी को लेकर ज्योतिष और मौसम विज्ञानियों के अपने-अपने तर्क हैं। भारतीय ज्योतिष अनुसंधान केंद्र के निदेशक पंडित राजेंद्र प्रसाद कौशिक बताते हैं कि 13 फरवरी से सूर्य अपनी परम किरणों पर आ रहा है।

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इससे मार्च में भी अप्रैल जैसा तापमान दिखाई दे रहा है। यह विलक्षण घटना सूर्य के तेज से हो रही है इसका प्रभाव 14 मार्च तक रहने की उम्मीद है। वहीं मौसम विज्ञानियों के हिसाब से कहानी कुछ और है। मौसम विज्ञानी डा. मदन खिचड़ की मानें तो फरवरी माह में जितने भी पश्चिमी विक्षोभ आए वह मैदानी क्षेत्रों में अपने प्रभाव ही नहीं दिखा पाए इस कारण से मैदानी क्षेत्रों में गर्मी बढ़ रही है।

रात्रि तापमान 16.2 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचा

तापमान पर नजर डालें तो दिन का तापमान 32.6 डिग्री सेल्सियस रहा जो कि सामान्य से तीन डिग्री अधिक था। इसी प्रकार सामान्य से दो डिग्री कम रहकर रात्रि तापमान 16.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम विज्ञान विभाग की मानें तो 10 व 13 मार्च को फिर से पश्चिमी विक्षोभ का आंशिक प्रभाव देखने को मिल सकता है। इसके साथ ही 14 मार्च मौसम परिवर्तनशील रहेगा। इससे कहीं कहीं हल्की बारिश और बादलवाई देखने को मिल सकती है। इसके साथ ही हवाओं का प्रभाव भी देखने को मिलेगा।

आर्थिक नुकसान होने की जताई संभावना

इसके साथ ही विश्व में प्रशासनिक व्यवस्था बनाए रखने के लिए देशों के प्रशासक विशेष कदम उठाएंगे। इसके साथ ही अग्निकांड के घटनाएं वनों या सरकारी संस्थानों में हो सकती हैं। 15 मार्च से 13 अप्रैल तक विश्व में भारी आर्थिक गिरावट आ सकती है। आर्थिक मंदी के आसार हैं। 13 जून से 13 जुलाई तक बुध की स्थिति कमजोर होने से धार्मिक कारणों से भारी आर्थिक नुकसान हो सकता है। 13 जुलाई  से 12 अगस्त तक के विश्व में जनता राजनीतिक सामाजिक और रोजगार को लेकर के संघर्षशील होगी।

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