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    Haryana Rain: हरियाणा में तेजी से बदला मौसम, 20 जिलों में होगी झमाझम बारिश; यलो अलर्ट जारी

    Updated: Tue, 12 Aug 2025 07:48 AM (IST)

    हरियाणा में मानसून ने तेजी से करवट बदली है। मौसम विभाग ने 13 अगस्त से लगातार वर्षा की संभावना जताई है और कई जिलों में येलो अलर्ट जारी किया है। वर्षा के कारण 15 अगस्त के स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम में व्यवधान आ सकता है। सोमवार को नौ जिलों में वर्षा हुई और मंगलवार को 20 जिलों में वर्षा की संभावना है।

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    यमुनानगर में वर्षा के पानी के बीच से गुजरती कार। फोटो जागरण

    जागरण संवाददाता, हिसार। हरियाणा में तेजी से मानसून में बदलाव हुआ है। 13 अगस्त से लगातार वर्षा होने की संभावना है। कई जिलों में यलो अलर्ट भी मौसम विभाग अभी से जारी कर दिया है। इसके चलते स्वतंत्रता दिवस की तैयारियों और कार्यक्रम पर भी उस दिन असर पड़ सकता है।

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    वहीं सोमवार को नौ जिलों में वर्षा हुई। यमुनानगर में तेज वर्षा से जलभराव हो गया। मंगलवार को अब 20 जिलों में वर्षा की संभावना व्यक्त की गई है। भारत मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार मंगलवार को 20 जिलों में वर्षा की संभावना है। इसके बाद 13 अगस्त से लगातार उत्तर हरियाणा के पंचकूला, अंबाला, यमुनानगर और करनाल आदि जिलों में वर्षा का यलो अलर्ट जारी किया गया।

    इसके प्रदेश के बाकी जिलों में भी वर्षा होने की संभावना व्यक्त की गई है। 15 अगस्त को कार्यक्रम के चलते मुख्य स्थानों पर वर्षा होने पर व्यवधान हो सकता है। इसके चलते प्रशासन की तरफ से दूसरी जगह पर भी तैयारियां की जा रही है।

    वहीं लगातार प्रदेश में हो रही वर्षा के चलते न्यनूतम और अधिकतम तापमान में कमी आई है। करनाल में तो दो डिग्री का ही अंतर रह गया है। इसी प्रकार सोमवार को हिसार में देर शाम छिटपुट बूंदाबांदी हुई।

    पहाड़ों में वर्षा न होने से नदियों का जलस्तर कम

    पिछले तीन दिनों से पहाड़ों में वर्षा न होने से नदियों का जलस्तर कम होने लगा है, इससे लोगों को राहत मिली है। सोमवार को मारकंडा नदी में सोमवार सुबह पानी का स्तर 6,500 क्यूसेक चल रहा था, शाम को घटकर 4,800 क्यूसेक रहा गया। हालांकि शाहाबाद से आगे बढ़े पानी से अभी भी कई गांवों के ग्रामीण परेशान हैं। झांसा में पानी का स्तर 9,000 क्यूसेक रहा।

    अब पानी झांसा और इस्माईलाबाद के साथ लगते क्षेत्रों को प्रभावित कर रहा है। शनिवार को शाहाबाद मारकंडा नदी में शनिवार को पानी का स्तर 20 हजार क्यूसेक पहुंचने पर यह खतरे के निशान को पार कर गया था। वहीं, अंबाला में मारकंडा नदी में 14 हजार क्यूसेक बहाव रहा।

    घग्घर नदी का जलस्तर 13 फीट तक पहुंचा, पांच फीट तक घटा : कैथल के गुहला-चीका क्षेत्र से निकल रही घग्घर का जलस्तर पांच फीट तक कम हो गया है। 18.3 फीट तक जलस्तर पहुंच गया था।

    21 फीट तक खतरे का निशान है। नदी में अब 20,636 क्यूसेक पानी चल रहा है। नदी के साथ लगते गांव के किसानों ने बताया कि जलस्तर अब कम हो रहा है, जो राहत की बात है।

    हथनीकुंड बैराज पर बहाव 33,493 क्यूसेक रहा

    यमुनानगर में नदियों में पानी का बहाव फिलहाल सामान्य है। हथनीकुंड बैराज पर 33,493 क्यूसेक सबसे अधिक पानी का बहाव रहा। पूर्वी यमुना नहर में 1,510, पश्चिमी यमुना नहर में 13,310 व यमुना नदी में 18,673 क्यूसेक पानी का बहाव रहा है।