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    Haryana News: अंबाला में आई बाढ़ से हालात सुधरे लेकिन जख्म अब भी हरे, लोगों को है मुआवजे का इंतजार

    By KULDEEP SINGH CHAHALEdited By: Shoyeb Ahmed
    Updated: Wed, 20 Sep 2023 10:46 AM (IST)

    बीते जुलाई महीने में अंबाला में आई बाढ़ से लोगों को मिले जख्म अभी भरे नहीं हैं। इस आई बाढ़ ने 14 लोगों की जिंदगी छीन ली तो वहीं 157 घरों को नुकसान भी पहुंचाया। किसी का पूरा घर गिर गया तो किसी मकान आंशिक रूप से ढह गया। जिन लोगों के घरों को नुकसान पहुंचा है अब उन्हे मुआवजे का इंतेजार है। पूरी जानकारी के लिए पढ़े ये खबर।

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    अंबाला में आई बाढ़ से करीब 157 घर को हुआ नुकसान

    अंबाला, जागरण संवाददाता। जुलाई माह में आई बाढ़ से लोगों को मिले जख्म अभी भरे नहीं हैं। इस बाढ़ ने जहां 14 लोगों की जिंदगी छीन ली, वहीं 157 घरों को नुकसान भी पहुंचाया। किसी का पूरा घर गिर गया, तो किसी मकान आंशिक रूप से गिर गया। यह बाढ़ 36 पशुओं को भी लील गई। इसी को लेकर प्रशासन ने डाटा जारी किया है, जिससे साफ है कि पूरा जिला इस बाढ़ से प्रभावित हुआ।

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    हालांकि करीब डेढ़ हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया, जबकि करीब एक लाख लोग इस बाढ़ के कारण प्रभावित हुए हैं। अब इसी बाढ़ में नुकसान झेल चुके लोगों को इंतजार है कि मुआवजा कब मिलेगा। हालांकि सरकार के पास रिपोर्ट पहुंच चुकी है, जबकि अब देखना हे कि मुआवजा कब जारी किया जाता है।

    इन लोगों की हुई मौत

    315 गांवों ने झेली बाढ़प्रशासन द्वारा जो रिपोर्ट तैयार की गई उसमें 315 गांव ऐसे हैं, जिसमें बाढ़ ने अपना असर दिखाया है। इन गांवों में बाढ़ का पानी कई दिनों तक रहा और जिससे काफी नुकसान भी हुआ है। इसके तहत अंबाला शहर के 129 गांव भी प्रभावित हुए हैं। इसी तरह अंबाला कैंट के 59, साहा के 46, मुलाना के 42, बराड़ा के 15, नारायणगढ़ व शहजादपुर क्षेत्र के 24 गांव शामिल हैं। खास है कि इस बाढ़ के कारण जिला की करीब एक लाख आबादी प्रभावित हुई है।

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    जुलाई में आई बाढ़ से 14 लोगों की जान गई

    बाढ़ से हुई 14 लोगों की मौत जुलाई में आई बाढ़ के कारण जिला के 14 लोगों की जान चली गई। इनमें अंबाला शहर के गांव तर से मोहन सिंह व संपूर्ण सिंह शामिल हैं। इनके अलावा सिरसा के सुशील कुमार, गांव अलाउदीन से जीतराम की मौत हुई।

    इनके अलावा अंबाला कैंट में रामपुर सरसेहड़ी की अनीता रानी, गांव दुराला से अजय कुमार, बराड़ा के गांव गोला से फरमान अली, शमशाद, गांव बिंजलपुर से संदीप, सुहाता से सोमनाथ, शहजादपुर के सुरेश धीमान, उत्तर प्रदेश के गांव सीसियामाजरा रानी के अंकित, उत्तराखंड के कुंदन, नारायणगढ़ के गांव बेरखेड़ी से आयूष सैनी शामिल हैं। वहीं इस बाढ़ ने 36 पशुओं को भी लील लिया है।

    जिले के 157 घरों को हुआ नुकसान

    बाढ़ में जिले के 157 घरों को नुकसान हुआ है। इन में से 16 पक्के घर ऐसे हैं जो कि पूरी तरह से बर्बाद हो गए। 56 पक्के घर ऐसे थे जिनका आंशिक नुकसान हुआ है। इसी तरह 85 कच्चे घर ऐसे थे जिनका थोड़ा बहुत नुकसान हुआ। बर्बाद हुए घर का निर्माण अब नए सिरे से करना पड़ेगा और इन्हें ठीक करने में भी अच्छा खासा खर्च आएगा।

    राहत भी पहुंचाई गई

    बाढ़ में फंसे लोगों को बचाने के लिए जिला प्रशासन ने भी कमर कसी थी। रिपोर्ट की मानें तो 1500 लाोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया है, जबकि आठ राहत कैंप भी खोले गए। इसके अलावा बाढ़ से प्रभावित हुए लोगों को 20 हजार 500 पैकेट खाने के वितरित किए गए।

    सीएम ने कहा किसानों के नुकसान का आकलन कर रहे

    बेशक बाढ़ के बाद हालात सुधर चुके हैं लेकिन दो माह बाद भी किसानों की फसलों का कितना नुकसान हुआ है तो उसका आकलन नहीं हो पाया है। अभी प्रशासन इसका आकलन करने में जुटा है। दूसरी ओर सरकारी विभागों का क्या नुकसान हुआ, इसकी रिपोर्ट भी मांगी है और इसका इंतजार भी है। बाढ़ से जो नुकसान हुआ है, उसकी रिपोर्ट मिल चुकी है। इसकी वेरिफिकेशन की जा रही है। इसके बाद मुआवजा भी दिया जाएगा।

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