हरियाणा के इन 12 जिलों में अचानक क्यों बढ़ने लगा बीमारियों का ग्राफ? तीन गुना हुई सरकारी अस्पतालों में OPD
हरियाणा में बाढ़ के बाद अब बीमारियां तेजी से फैल रही हैं। डेंगू मलेरिया और अन्य बीमारियों के मामले 11 जिलों में सामने आए हैं। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार बाढ़ से प्रभावित 12 जिलों में ओपीडी केस तीन गुना बढ़ गए हैं। भिवानी और हिसार में प्रतिदिन औसतन 1000 से ज़्यादा केस आ रहे हैं। प्रभावित क्षेत्रों में स्वास्थ्य विभाग की टीमें मरीजों की जांच कर रही हैं।

जागरण टीम, हिसार/ पानीपत। हरियाणा में बाढ़ के बाद अब बीमारियों का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है। प्रदेश के 11 जिलों में डेंगू, मलेरिया और अन्य बीमारियों के मामले सामने आ रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार, 31 अगस्त तक 21 जिलों में सरकारी अस्पतालों (केवल जिला नागरिक अस्पताल) में ओपीडी केस संख्या 6,400 प्रतिदिन के करीब दर्ज हो रही थी।
इसके बाद एक सितंबर से 13 सितंबर तक इसमें 12 जिले जिनमें बाढ़ का अधिक प्रभाव रहा उसमें ये तीन गुना हो गई है। 12 जिलों में पहले औसत 3,350 ओपीडी रोजाना की थी। लेकिन अब सितंबर के 13 दिन में ये आंकड़ा प्रतिदिन 10,053 तक पहुंच रहा है।
इनमें अकेले भिवानी और हिसार में ही एक हजार केस प्रतिदिन से ऊपर की औसत है। बाढ़ प्रभावित जिलों में 50 से ज्यादा हॉट स्पॉट क्षेत्र चिह्नित किए गए हैं जहां बीमारियों का खतरा अधिक है। स्वास्थ्य विभाग की टीमें प्रभावित क्षेत्रों में जाकर मरीजों की जांच कर रही हैं और दवाइयां वितरित कर रही हैं।
डेंगू के 509 मामले सामने आए
दूसरी ओर डेंगू और मलेरिया के मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है, जिससे स्वास्थ्य सुविधाओं पर दबाव बढ़ गया है। अकेले डेंगू के 509 मरीज सामने आए हैं और मलेरिया के भी 125 मरीज इलाज करा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग ने एलाइजा टेस्ट और रैपिड किट की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की है और विशेष टीमें प्रभावित गांवों में भेजी गई हैं।
हिसार में अब तक चर्म रोग के 617 केस मिले स्वास्थ्य विभाग की ओर से हिसार जिले में अब तक लगाए गए 5,330 मेडिकल कैंपों में 1,090 बुखार के मरीज चिन्हित किए गए हैं। इसके अलावा 617 चर्म रोग के रोगी भी सामने आए हैं। स्किन एलर्जी में कुरुक्षेत्र 12 जिलों में दूसरा बड़ा हाट स्पाट है। यहां पर अब तक इस प्रकार के 336 केस की पुष्टि हो चुकी है।
हरियाणा के सबसे संवेदनशील एरिया
- झज्जर: दुबलधन, कबलाना गांव और छोटू राम नगर
- (बहादुरगढ़) फतेहाबाद: भूना(पूरा कस्बा)
- यमुनानगर: प्रताभ नगर और व्यासपुर व तीन बाहरी कालोनी
- हिसार: आजाद नगर, मिलगेट, शिव कॉलोनी, गीता कालोनी और सेक्टर 9-11
- सिरसा: 32 कालोनी लिस्ट में हैं
- कैथल: गुहला-चीका खंड (25 गांव)
- पानीपत: सनौली-बापौली(20 गांव)
जिलावार बीमारियों के बिगड़ते हालात
- झज्जर: दुबलधन, कबलाना गांव और छोटू राम नगर बहादुरगढ़ हॉट स्पॉट बन गए हैं। मलेरिया जांच के लिए 40 व डेंगू की जांच के लिए दो मशीनें हैं।
- फतेहाबाद: अकेले भूना में डेंगू- मलेरिया के दो-दो केस मिले हैं। सर्वे में 35 डायरिया, 210 चर्म रोग, 50 पेट दर्द और 280 बुखार के मरीज मिले हैं।
- जींद: जिले में डेंगू के 18 केस आ चुके हैं। 40 से ज्यादा टीमें डोर टू डोर जाकर लारवा का निरीक्षण कर रहीं हैं। करीब 1,500 लोगों को नोटिस दिए गए हैं।
- करनाल: स्वास्थ्य विभाग की 166 टीमों लगाई हुई हैं। इनमें 16 टीमें करनाल शहर में और 150 टीमें ग्रामीण क्षेत्र में है। शहर एरिया डेंगू का हाट स्पाट है।
- सिरसा: डेंगू के 14 और मलेरिया के 10 मरीज मिले हैं। शहर-कस्बे में खाली प्लाटों में भरे बारिश के पानी से लार्वा मिल रहा है।
- कैथल: हाट स्पाट गुहला-चीका में 34 टीमों ने 2,500 लोगों की स्वास्थ्य जांच की है। डेंगू लार्वा 50 जगहों पर मिला है। अब कैंप संख्या बढ़ाएंगे।
- यमुनानगर: डेंगू के 21 व मलेरिया के 3 केस मिले हैं। डिप्टी सीएमओ डा. वागीश गुटैन के अनुसार अभी तक जिले में किसी बीमारी का आउटब्रेक नहीं हुआ है।
- हिसार: स्वास्थ्य विभाग ने 5,330 मेडिकल कैंपों में 1,090 बुखार के मरीज चिन्हित किए हैं। विशेष टीमें प्रभावित गांवों में पहुंच रही हैं।
- अंबाला: डेंगू के 5 केस हैं। 25 टीमें डोर टू डोर सर्वे कर रहीं हैं। 1,500 से ज्यादा लोगों को लारवा मिलने पर नोटिस दिए गए हैं।
- पानीपत: सनौली-बापौली क्षेत्र में 15 से अधिक गांवों में टीमें सक्रिय हैं। जिले में 21 केस डेंगू के सामने आ चुके हैं, तीन केस मलेरिया के भी मिल चुके हैं।
- कुरुक्षेत्र: स्वास्थ्य विभाग 267 कैंप लगा चुका है। हाट स्पाट एरिया में 457 बुखार, आइफ्लू 44, स्किन एलर्जी 336, और 1,828 अन्य के मरीज मिले हैं।
- भिवानी: 400 से अधिक जगहों पर डेंगू रोकने को गंबुजिया मछली छोड़ी गई है। बुखार के रोजाना 70 से 80 मरीज आ रहे है।
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स्थिति संभालने को टीम मैदान में स्वास्थ्य विभाग ने हिसार जिले में 30, कैथल में 34, जींद में 40 और करनाल 166 टीमों को सर्वे के लिए फील्ड में उतार रखा है। भिवानी में 164 टीम सक्रिय हैं।
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