हरियाणा कांग्रेस के नेता बृजेंद्र के हाईकोर्ट में हुए बयान, रिटर्निंग ऑफिसर को पेश होने का आदेश, पढ़िये पूरा मामला
कांग्रेस नेता बृजेंद्र सिंह ने उचाना विधानसभा चुनाव में 32 वोटों से हार के बाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। उन्होंने अमान्य घोषित किए गए डाक मतों की दोबारा गिनती की मांग की है। हाईकोर्ट ने रिटर्निंग ऑफिसर को पेश होने का आदेश दिया है और अब डाक मतों की वैधता पर बहस होगी। कोर्ट ने अन्य आधारों को छोड़ मतगणना पर ध्यान केंद्रित करने की बात कही है।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। जींद जिले की उचाना विधानसभा सीट पर मात्र 32 मतों के अंतर से चुनाव हारे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बृजेंद्र सिंह मंगलवार को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में पेश हुए और अपने बयान दर्ज कराए। अब हाईकोर्ट ने आठ अक्टूबर को रिटर्निंग ऑफिसर को कोर्ट में पेश होकर बयान दर्ज करवाने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट में बृजेंद्र सिंह ने रिटर्निंग अधिकारी द्वारा अमान्य घोषित किए गए 215 डाक मतों की दोबारा गिनती कराने संबंधी याचिका दायर कर रखी है।
उचाना से भाजपा के टिकट पर चुनाव जीते विधायक देवेंद्र अत्री ने बृजेंद्र सिंह की याचिका को खारिज करने के लिए याचिका दायर की थी, जिसे हाईकोर्ट वीरवार को अस्वीकार कर चुका है। अक्टूबर 2024 में हुए विधानसभा चुनाव में उचाना सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार बृजेंद्र सिंह की सिर्फ 32 वोटों से हार हुई थी। कुल 1,377 डाक मतों में से 215 को रिटर्निंग ऑफिसर ने अमान्य घोषित कर दिया था, जबकि शेष बचे 1,158 डाक मतों में से 636 बृजेंद्र सिंह के पक्ष में पड़े थे। अब संशोधित याचिका के आधार पर अदालत में केवल डाक मतों की वैधता और पुनर्गणना पर बहस होगी।
बृजेंद्र सिंह ने विधानसभा चुनाव में उचाना सीट के परिणाम को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में चुनाव याचिका दायर की थी। जुलाई में हाईकोर्ट ने बृजेंद्र सिंह को अपनी चुनाव याचिका में संशोधन की अनुमति दी थी। संशोधन के बाद चुनाव याचिका केवल 215 अस्वीकृत डाक मतों की दोबारा जांच की मांग तक सीमित कर दी गई है।
हाईकोर्ट ने यह भी माना कि याचिकाकर्ता ने अन्य सभी आधारों को छोड़ते हुए केवल मतगणना की मांग पर ध्यान केंद्रित किया है, ताकि मामला शीघ्र निपट सके। कोर्ट ने इसे दुर्भावना नहीं माना और कहा कि यह प्रतिनिधित्व कानून या संविधान के विरुद्ध नहीं है।
कांग्रेस नेता बृजेंद्र सिंह की ओर से पेश वकील ने हाईकोर्ट में कहा कि याची अब केवल 215 डाक मतों की अनुचित अस्वीकृति को लेकर संतुष्ट होना चाहता है और उसी आधार पर याचिका को आगे बढ़ाना चाहता है। हालांकि, भाजपा विधायक देवेंद्र अत्री की ओर से पेश वकील ने इस संशोधन का विरोध करते हुए कहा कि ट्रायल शुरू होने के बाद याचिका में संशोधन की अनुमति नहीं दी जा सकती।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।