सिक्किम और हरियाणा के लोक गीतों और नृत्य की जुगलबंदी पर थिरके दर्शक
गुजवि में तीन दिवसीय लोक नाट्य उत्सव देशज का शुभारंभ हुआ। पहले दिन पांच राज्यों के 125 कलाकारों ने अपने क्षेत्रों की संस्कृति की झलक दिखाई।
जागरण संवाददाता, हिसार : गुरु जम्भेश्वर विश्वविद्यालय में लोक नाट्य'देशज'के तहत देश के पारम्परिक नृत्य की धूम रही।'देशज'कार्यक्रम के तहत पहले दिन पांच राज्यों के 125 कलाकारों ने अपने हुनर का प्रदर्शन किया। कलाकारों ने अपने क्षेत्र की लोक संस्कृति को लोक गीतों और लोक नृत्यों के माध्यम से मंच पर पेश किया। इस गीत-संगीत और नृत्य की जुगलबंदी का दर्शकों ने खूब लुत्फ उठाया। वे जमकर लोक गीतों की धुन पर थिरके। हरियाणा के जंगम जोगी हो या सिक्किम का तंमाग शेलो नृत्य लोगों ने जमकर लोक गीतों का आनंद लिया। तंमाग शेलो में वैवाहिक समय की कथा गढ़ी जाती है तो उड़ीसा के संबलपुरी लोक नृत्य में ग्राम्य जीवन और खलिहाल में बोए जानी वाली फसल का पूरा जीवन चक्र दिखा दिया गया। इससे पहले कार्यक्रम का शुभारंभ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो. हरभजन बंसल ने की। इस दौरान संगीत नाटक अकादमी, नई दिल्ली के कार्यक्रम समन्वयक डा. मनीष मामगॉंई, विश्वविद्यालय के कार्यक्रम समन्वयक जनसम्पर्क अधिकारी बिजेन्द्र दहिया, स्थानीय समन्वयक शीशपाल चौहान व अशोक गुड्डू भी मौजूद रहे। पारंपरिक कलाएं हमारे गौरवमयी इतिहास का आइना : प्रो. टंकेश्वर मुख्यातिथि प्रो. टंकेश्वर कुमार ने कहा कि लोक एवं पारंपरिक कलाएं किसी भी देश के गौरवमयी प्राचीन इतिहास का आइना होती है। भारत की सांस्कृतिक धरोहर अत्यंत समृद्ध है। उन्होंने राष्ट्रीय स्तर के इस कार्यक्रम का आयोजन विश्वविद्यालय में करने के लिए संगीत नाटक अकादमी, नई दिल्ली का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इससे युवाओं को देश की विभिन्न लोक संस्कृतियों को समझने का मौका मिलेगा। विश्वविद्यालय के चौधरी रणबीर ¨सह सभागार के मुख्य हाल में हुए इस कार्यक्रम में हरियाणा के राजकुमार एवं दल ने जंगम जोगी की प्रस्तुति दी। केरला के पीके कुन्नी रमन व उनके दल ने पंच वाद्यम तथा सिक्किम के शरमीला गदाईली एवं दल ने तमांग शेलो नृत्य की प्रस्तुति दी। हरियाणा के घूमर नृत्य की प्रस्तुति संदीप यादव व दल ने दी। जम्मू और कश्मीर की निशु पंडिता एवं उनके दल ने डोगरी लोक नृत्य तथा ओडिशा के आलोक कुमार पांडा व उनकी टीम ने संबलपुरी लोक नृत्य की प्रस्तुति दी। हरियाणा के मोहम्मद अकरम एवं दल ने रसिया लोक नृत्य, हरियाणा की विशेष प्रस्तुति दी गई। मंच संचालक ऑल इंडिया रेडियो, रोहतक के सम्पूर्ण बागड़ी ने किया। कार्यक्रम के बाद कलाकारों को सम्मानित किया गया। गुरु जंभेश्वर महाराज का साहित्य देकर किया कलाकारों को सम्मानित - जंगम जोगी, हरियाणा की प्रस्तुति देने वाले कलाकारों को छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो. हरभजन बंसल ने रोज किट व गुरू जम्भेश्वर जी महाराज का साहित्य की बुकलेट देकर सम्मानित किया। पंच वाद्यम, केरला की टीम को मेजर करतार ¨सह, तमांग शेलो नृत्य, सिक्किम की टीम को जनसम्पर्क अधिकारी, बिजेन्द्र दहिया, घूमर नृत्य, हरियाणा की टीम को एनएसएस समन्वयक प्रो. सुजाता सांघी, डोगरी लोक नृत्य, जम्मू और कश्मीर की टीम को स्थानीय समन्वयक अशोक गुड्डू, संबलपुरी लोक नृत्य, ओडिशा दूरदर्शन के पूर्व निदेशक अजीत ¨सह व स्थानीय समन्वयक शीशपाल चौहान व रसिया लोक नृत्य, हरियाणा की टीम को प्रो. वीके बिश्नोई व प्रो. रवीश गर्ग ने रोज किट व गुरु जम्भेश्वर महाराज के साहित्य की पुस्तक भेंट कर सम्मानित किया।
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