हनुमान जी की आस्था के चार केंद्र : काजला धाम, पंचमुखी धाम और नागोरी गेट हनुमान मंदिर
भगवान हनुमान के प्रति श्रद्धा है। हिसार में भी बाबा के भक्तों की कमी नहीं है। यहां से काफी लोग सालासर धाम जाते हैं। हिसार में भी हनुमान जी के कई प्राचीन मंदिर हैं। इनमें सबसे प्राचीन मंदिर हनुमान गेट नागोरी गेट है। जो 150 से भी अधिक साल पुराना है।

जागरण संवाददाता, हिसार : भगवान हनुमान के प्रति श्रद्धा है। हिसार में भी बाबा के भक्तों की कमी नहीं है। यहां से काफी लोग सालासर धाम जाते हैं। हिसार में भी हनुमान जी के कई प्राचीन मंदिर हैं। इनमें सबसे प्राचीन मंदिर हनुमान गेट नागोरी गेट है। जो 150 से भी अधिक साल पुराना है। इसके अलावा यहां अग्रोहा धाम में बना मंदिर जिसकी मूर्ति खोदाई में निकली थी प्रसिद्ध है। यहां 90 फुट की हनुमान जी की प्रतिमा भी है। इसके अलावा 18 किलोमीटर दूर स्थित गांव काजला का हनुमान मंदिर 1984 में बना था यह अपनी धार्मिक और ऐतिहासिक विशिष्टताओं के चलते क्षेत्र ही नहीं बल्कि पूरे देश में अपना एक अहम स्थान रखता है। वहीं वर्ष 2007 में श्री पहाड़ वाले बाबा की प्राण प्रतिष्ठा के पश्चात गांव चौधरीवास में मुख्य श्री पंचमुखी बालाजी महाराज का मंदिर बना। पंचमुखी बालाजी धाम, चौधरीवास एक सर्व विदित शक्तिपीठ है, जहां आकर भक्त लोग सच्चे मन से श्री हनुमत प्रेरणा से बताए गए नियमों का पालन, उपासना एवं प्रार्थना से सुख-शांति, यश, प्रतिष्ठा एवं समृद्धि प्राप्त करते हैं।
सबसे प्राचीन मंदिर है हनुमान मंदिर नागोरी गेट
यह मंदिर 1853 में लाहौर में रजिस्टर्ड हुआ था। हिसार में दो ही मंदिर सबसे प्राचीन माने जाते हैं जिसमें देवी भवन मंदिर और हनुमान मंदिर नागोरी गेट है। श्री हरियाणा कुरुक्षेत्र सनातन धर्म हनुमान मंदिर ट्रस्ट नागोरी गेट ज्वाइन सेक्रेटरी बृजभोषण जैन ने बताया कि देवी भवन मंदिर में लगी काली माता की मूर्ति और हनुमान मंदिर में लगी हनुमान जी की मूर्ति एक ही कारीगर के द्वारा बनाई गई थी। हनुमान मंदिर नागोरी गेट घाट पर बना हुआ था। यहां पर लोग दाह संस्कार के लिए आते थे। इसके बाद यहां बने घाट में लोग स्नान किया करते थे। यहां ठहरने के लिए कमरे बने थे। यह मंदिर करीब एक एकड़ में फैला हुआ है। यहां अस्थियां रखी जाती थी। यहां एक प्राचीन संस्कृत स्कूल होता था जिसे अब सीनियर सेकेंडर स्कूल अपग्रेड करवाया गया था। यह स्कूल मंदिर के नीचे है। 1871 से इस मंदिर में निरंतर देसी घी का भंडारा लगाता है। पांच साल पहले आसमानी बिजली मंदिर के गुंबद गिरी थी मगर वह सीधी निकल गई। बिना मंदिर को नुकसान पहुंचाए सीधी निकल गई थी। मंदिर से 10 कदम की दूरी पर ही पावर हाउस बना है। बिजली यहां गिरती को बड़ा नुकसान हो सकता है। भक्त मानते हैं कि हनुमान जी शहर की रक्षा करते हैं। जो यहां सवा रुपये की अरदास करते हैं हनुमान जी उनको हर मनोकामना पूरी करते हैं। अबकी बार यहां भक्त हनुमान जी के दर्शन के साथ परिक्रमा भी कर पाएंगे।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।