नहीं रहे साइकिल वाले पूर्व विधायक मनीराम, ठुकरा दिया था भजनलाल का ऑफर
हरियाणा के डबवाली के पूर्व विधायक मनीराम का रविवार को निधन हो गया। वह तीन बार विधायक रहे और साइकिल वाले विधायक के नाम से मशहूर थे।
डबवाली (सिरसा), जेएनएन। हरियाणा में साइकिल वाले विधायक के नाम से मशहूर डबवाली के पूर्व विधायक मनीराम का रविवार को निधन हो गया। वह तीन बार विधायक रहे थे। 86 वर्षीय मनीराम ने मोहाली स्थित फोर्टिस अस्पताल में अंतिम सांस ली। उनको 14 अप्रैल को सांस लेने में दिक्कत महसूस होने पर अस्पताल में भर्ती किया गया था। मनीराम ने एक समय देवीलाल का साथ छोड़कर अपने साथ आने के ऑफर ठुकरा दिया गया था। उन्होंने भजनलाल से कहा था कि जिंदगी छोड़ सकता हूं, लेकिन देवीलाल का साथ नहीं छोड़ सकता।
भजनलाल से कहा था-जिंदगी छोड़ सकता हूं, देवीलाल का साथ नहीं
पूर्व विधायक मनीराम आईसीयू में भर्ती थे। उनके पार्थिव शरीर को अंतिम संस्कार सोमवार को सुबह चौटाला गांव में किया जाएगा। वह 1977, 1987 तथा 1996 में डबवाली से विधायक चुने गए थे। इसके अतिरिक्त वे हैफेड तथा पीलडीबी हरियाणा के दो बार चेयरमैन बने थे। उनके बेटे डॉ. सीता राम भी 2000 तथा 2005 में विधायक रह चुके हैं।
चौधरी देवीलाल के कहने शुरू की थी राजनीति
गांव चौटाला के रहने वाले मनीराम से कई राजनीतिक किस्से जुड़े हैं। दरअसल, वह सहायक खाद्य एवं आपूर्ति अधिकारी हुआ करते थे। वर्ष 1977 में फतेहाबाद में कार्यरत थे। इसी दौरान उनका चौधरी देवीलाल से संपर्क हुआ। वह देवीलाल से बेहद प्रभावित थे। 1977 अचानक देवीलाल ने उनको चुनाव लडऩे का संदेश भेजा। उनके स्वजन बताते हैं, उस वक्त चुनाव होने में शायद 10-15 दिन शेष थे। देवीलाल का संदेशा मिलने के बाद मनीराम ने सरकारी सेवा से त्यागपत्र दे दिया था। उस वक्त सीअिंग एमएलए गोवर्धन दास चौहान थे। इमरजेंसी के कारण लोगों में कांग्रेस के प्रति गुस्सा था। इसका लाभ मिला और चुनाव में मनीराम ने जीत दर्ज की।
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जवाब सुनकर चौक गए थे भजनलाल
मनीराम दल बदल में विश्वास नहीं करते थे। उनके ससुराल राजस्थान के पाल गांव में हैं, यहां प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री भजन लाल विवाहित थे। तत्कालीन सीएम भजनलाल ने मनीराम को देवीलाल से अलग करने के लिए ससुरालियों के माध्यम से दबाव बनाया। बताते हैं कि उस समय मनीराम ने साफ कह दिया था कि जिंदगी छोड़ सकता हूं, देवीलाल का साथ नहीं। ये शब्द सुनने के बाद भजन लाल ने कोई बात नहीं की थी।
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लोग कहते थे 'साइकिल वाला' जीत गया
जिस जमाने में मनी राम चुनाव लड़ा करते थे उस समय चुनाव प्रचार के लिए परिवहन के साधन बहुत कम थे। इस दौरान वह चौटाला गांव से साइकिल पर चुनाव प्रचार करने डबवाली जाते थे। वहां साइकिल पर वोट मांगते थे। जब वह जीत गए तो लोगों ने नारे लगाए थे, देखो-देखो साइकिल वाला जीत गया।
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'' पिछले कुछ दिनों से पिताजी सांस लेने में दिक्कत महसूस कर रहे थे। उन्हें मोहाली के फोर्टिस अस्पताल में ले गए थे। वहां रविवार को उनका निधन हो गया। सोमवार को सुबह 9 बजे अंतिम संस्कार किया जाएगा। मेरी कोशिश है कि महामारी के चलते सरकार ने जो नियम बनाएं हैं उनकी पालना हो।
- पूर्व विधायक डॉ. सीता राम, पूर्व विधायक मनीराम के बेटे।
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