'पैडल मारो, बिजली बनाओ', गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय हिसार के छात्रों ने बनाई अनोखी साइकिल
हिसार के गुरु जंभेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के तीन छात्रों ने एक्सरसाइज साइकिल बनाई है जो पैडल मारने पर बिजली उत्पन्न करती है। पुरानी कार के अल्टरनेटर का उपयोग करके यह साइकिल बैटरी में बिजली जमा करती है जिससे पंखा चलाया जा सकता है और यूपीएस बैटरी चार्ज की जा सकती है। इस आविष्कार से सेहत के साथ बिजली की कमी भी दूर होगी।

जागरण संवाददाता, हिसार। गुरु जंभेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के तीन विद्यार्थियों ने एक रोचक व उपयोगी आविष्कार किया है। विद्यार्थियों ने एक ऐसी एक्सरसाइज साइकिल बनाई है, जिसके पैडल मारते ही बिजली बनती है।
इस साइकिल में पुरानी कार का अल्टरनेटर लगाया है, जो पैडल चलाने से बिजली पैदा करता है। यह बिजली बैट्री में जमा होती है, जिससे एक छोटा पंखा चलता है। यह बिजली कंप्यूटर के लिए यूपीएस बैट्री भी चार्ज कर सकती है। जिम में कई ऐसी साइकिलें मिलकर वहां के इन्वर्टर को भी चार्ज कर सकती है।
इस आविष्कार के सुपरवाइजर तथा इलेक्ट्रिकल व इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग विभाग के डॉ. विजय पाल सिंह ने बताया कि बीएससी योगा साइंस व थेरेपी के छात्र कार्निक सिंह इसकी अगुवाई कर रहे हैं, जिन्होंने यह आइडिया दिया। उनके साथ इसी कोर्स से विशाल मानहास व बीटेक इलेक्ट्रॉनिक्स एवं कम्युनिकेशन के मोहित शामिल हैं। पलविंद्र सिंह ने अल्टरनेटर को साइकिल के ढांचे के साथ वेल्डिंग व जोड़ने में तकनीकी मदद दी, जिससे यह प्रोटोटाइप मजबूत बना।
कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने इस आविष्कार के लिए विद्यार्थियों तथा उनके सुपरवाइजर डॉ. विजय पाल सिंह को बधाई दी है। इस आविष्कार से न केवल सेहत सुधारने में लाभ मिलेगा, साथ ही बिजली की कमी भी पूरी होगी।
प्रोजेक्ट में एक्सरसाइज साइकिल में कार का अल्टरनेटर पहिए से जोड़ा गया है। जब कोई पैडल मारता है, तो अल्टरनेटर का रोटर घूमकर बिजली बनाता है। यह बिजली यूपीएस चार्ज कर सकती है, जो बिजली कटने पर कंप्यूटर चलाने में मदद करता है।
कार्निक सिंह ने बताया कि एक्सरसाइज साइकिल पर एक्सरसाइज करते वक्त मुझे ख्याल आया कि साइकिलिंग से बिजली बन सकती है। डा. सिंह की मदद से हमने इसे सच कर दिखाया। एक घंटे की साइकिलिंग से 50-150 वाट बिजली बनती है, जो पंखे या बैट्री चार्ज करने के लिए काफी है।
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