6 साल भारतीय हॉकी टीम कोच रहे हिसार के संदीप सांगवान को द्रोणाचार्य अवार्ड दिलाने की मांग
छह साल तक भारतीय हॉकी टीम की बतौर कोच कमान संभालने सीनियर हॉकी खिलाड़ी एवं कोच संदीप सांगवान को द्रोणाचार्य अवार्ड दिलाने के लिए ग्रामीणों ने मांग उठाई है।
हिसार, जेएनएन। छह साल तक भारतीय हॉकी टीम की बतौर कोच कमान संभालने सीनियर हॉकी खिलाड़ी एवं कोच संदीप सांगवान को द्रोणाचार्य अवार्ड दिलाने के लिए ग्रामीणों ने मांग उठाई है। मौका था गांव डाबड़ा में हॉकी प्रदर्शनी मैच का। हॉकी मैच के दौरान सरपंच, हॉकी खिलाडिय़ों और ग्रामीणों ने मांग उठाई कि सरकार देश के बेहतरीन खिलाड़ी व कोच को द्रोणाचार्य दे जिन्होंने 80 अंतरराष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी देश को दिए। हॉकी का स्तर सुधारा। साथ ही हरियाणा के खेलमंत्री संदीप सिंह को भी संदीप सांगवान प्रशिक्षण दे चुके है।
पूर्व हॉकी खिलाड़ी राजेंद्र सिहाग ने कहा कि भारतीय टीम के पूर्व कोच रहे संदीप सांगवान का हॉकी इंडिया द्वारा 2017 में नाम नामांकित करने के उपरांत भी उन्हें द्रोणाचार्य अवार्ड से वंचित कर दिया। जबकि उन्होंने 80 अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी तैयार किए। जिसमें 26 ओलंपियन, 8 अर्जुन अवार्डी, 2 पदम्श्री और एक खेल रत्न दिए।
पिता हॉकी प्रेमी थे उनकी इच्छा पूरी करने के लिए संदीप बने हॉकी खिलाड़ी
पूर्व कोच एव फार्रवर्ड हॉकी प्लेयर संदीप सांगवान ने कहा कि मेरा जन्म साल 1977 में सोनीपत जिले में हुआ। पिता रामनिवास सरकारी स्कूल के हैडमास्टर थे। उनकी हॉकी में रूची थी। उनकी इच्छा थी कि मैं हॉकी खिलाड़ी बनूं। पिता का सपना साकार करने के लिए मैंने 1986 में हॉकी थामी। 1987 में मेरा चयन साई में हुआ और इसके बाद मैंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। चंडीगढ में शिवालिक पब्लिक स्कूल में हॉकी प्रशिक्षण व शिक्षा ग्रहण की। उसके बाद सोनीपत में वापिस लौटा और खेल जारी रखा। इसके बाद दिल्ली में ग्रेजुएशन की और साई की एयर एंडिया अकेडमी में चयन हुआ और वहां पर 1996 तक रहा। इस दौरान एक के बाद एक हॉकी में सफलताएं छुई। साल 2011 में भारतीय टीम का कोच बना। सितंबर 2016 तक भारतीय टीम की बतौर कोच कमान संभाली। बात हरियाणा की करे तो खेलमंत्री संदीप ङ्क्षसह से लेकर ओलंपियन सुरेंद्र कुमार, सुमित कुमार सहत कई वल्र्डकप खेल चुके खिलाडिय़ों को प्रशिक्षण दिया। वर्तमान में सोनीपत में हॉकी खिलाडिय़ों को प्रशिक्षण दे रहे है।
संदीप सांगवान की ये रही उपलब्धियां
- 1986 में हॉकी थामी और 1987 में साई में चयन
- साल 1997 में जूनियन इंडियन टीम में बतौर फारवर्ड प्लेयर चयनित हुआ और टीम ने मास्को में जीत दर्ज की।
- साल 1999 में यूनिवर्सिटी टीम के बतौर कप्तान आस्ट्रेलिया खेलने गए टीम ने शानदार प्रदर्शन किया।
- साल 2000 में ओएनजीसी ग्रुप में बतौर जूनियर अधीक्षक चयनित हुए। इसके अलावा एयर इंडिया की एकेडमी में बेहतर प्रतिभा का प्रदर्शन किया।
- इसके बाद 2005 में एनआईएस में कोङ्क्षचग ली और 2006 में ओएनजीसी की टीम का कोच बना। जो टीम एक दो मैच ही जीत पाती थी उसे फाइनल तक पहुंचा। डेढ़ साल तक उनकी टीम हर प्रतियोगिता के फाइनल खेले।
- साल 2011 में भारतीय टीम के कोच बने और सितंबर 2016 तक कोङ्क्षचग की। साथ ही मैनेजर की भूमिका भी निभाई।
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