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    हरियाणा में गायों के लिए काल बनी हलवा-पूरी, श्राद्ध और नवरात्रि के दौरान 61 गोवंशियों की मौत

    Updated: Tue, 23 Sep 2025 10:38 PM (IST)

    प्रदेश में धार्मिक अनुष्ठानों के दौरान गोवंश की जान जा रही है। श्राद्ध और नवरात्रों में गायों को अधिक हलवा पूरी और खीर खिलाने से उनकी मौत हो रही है। भिवानी कैथल और हिसार में पांच दिन में 61 गोवंश की जान गई है। गोरक्षकों ने जागरूकता अभियान चलाया पर लोग नहीं माने। करनाल में गोधाम के गेट बंद किए गए। पशुपालन विभाग अब एडवाइजरी जारी करेगा।

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    हरियाणा में हलवा-पूरी खाने से 61 गायों की मौत। फाइल फोटो

    जागरण टीम, हिसार/पानीपत। प्रदेश में धार्मिक अनुष्ठान से जुड़ी महत्वाकांक्षाओं ने एक बार फिर गोवंश की जान ली है। श्राद्ध और नवरात्रों के दौरान गायों को खिलाए जाने वाले गोग्रास ने कालग्रास का रूप ले लिया है। कई जगह गायों को अधिक मात्रा में हलवा, पूरी और खीर खिलाने से उनकी मौत हुई है। पांच दिन में तीन जिलों में 61 गोवंश की जिंदगी इस कालग्रास की भेंट चढ़ी है।

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    भिवानी में श्राद्ध अमावस्या पर 48 गाय बीमार हुई थीं, जिनमें से 17 की मौत हो गई। वहीं कैथल में नवरात्र पर्व के दौरान पांच गोवंश की मौत हो गई। हिसार में भी पिछले पांच दिन में 30 गोवंश कालग्रास का शिकार हो चुके हैं। बहादुरगढ़ में रविवार और सोमवार को नौ गोवंश मरे। गोवंश पर इस संकट को समझें तो सामाजिक और सरकारी स्तर पर बेकद्री और बड़ी लापरवाही सामने आ रही है।

    दरअसल हर वर्ष होने वाली इन घटनाओं को लेकर अगर सामाजिक स्तर की जागरूकता और प्रयासों की बात करें तो लोगों ने कोई सबक नहीं लिया। गोवंश के लिए ग्रास निकालने में अपना दृष्टिकोण नहीं बदला। खूब तले हलवा-पूरी खिलाए।

    सबसे अधिक गोवंश की मौत वाले जिले भिवानी में गोरक्षा दल के प्रधान संजय परमार के अनुसार उनकी टीम ने जागरूकता अभियान चलाया था, लेकिन इसके बावजूद भी लोगों ने गायों को अधिक मात्रा में वो गोग्रास दिया जो उनकी सेहत के लिए जानलेवा था।

    भिवानी में गोरक्षक अड़े, करनाल में गोधाम के गेट बंद किए श्राद्ध पक्ष के दौरान अमावस्या के दिन और नवरात्र के शुभारंभ पर लोगों ने गोसेवा के लिए उन्हें गोग्रास में जानलेवा हलवा पूरी खूब खिलाए। गोरक्षक दक भिवानी के अनुसार वो गलियों में भी जाकर लोगों को रोकने के लिए गए। उनके साथ झगड़ भी पड़े। लेकिन लोग नहीं माने।

    करनाल में गोधाम में श्राद्ध पक्ष की अमावस्या पर काफी संख्या में लोग हलवा-पुरी लेकर पहुंचे। जब वो लौटने को नहीं माने तो नगर निगम ने गोधाम के गेट बंद करवा दिए। ‘छुट्टियां खत्म होते ही एडवाइजरी जारी करेंगे’ गोवंश की मौत पर सरकार के स्तर पर विभागों की कार्यप्रणाली और जिम्मेदार भूमिका को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं।

    पशुपालन विभाग के डिप्टी डायरेक्टर डा. सूर्या के अनुसार सरकारी अवकाश होने के कारण एडवाइजरी जारी नहीं की गई थी, लेकिन अब एडवाइजरी जारी कर दी जाएगी और गोशालाओं का दौरा भी चिकित्सकों की टीम करेगी।